मुंबई पुलिस ने क्लबहाउस चैट मामले में तीन को किया गिरफ़्तार

05:57 pm Jan 21, 2022 | सत्य ब्यूरो

मुंबई पुलिस ने ऑडियो चैट ऐप क्लबहाउस पर गाली-गलौज और अश्लील चर्चा के मामले में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है। उन ऑडियो चैट में मुसलिम महिलाओं के ख़िलाफ़ घृणित और आपत्तिजनक बातचीत की गई है। उनमें महिलाओं को प्रताड़ित करने की बातचीत भी सुनी जा सकती है। ये चैट अब सोशल मीडिया पर वायरल हैं। ऐसी ही आपत्तिजनक चैट को लेकर एक महिला ने मुंबई पुलिस की साइबर सेल में शिकायत की थी। शहर के एक संगठन ने भी मुसलिम महिलाओं के बारे में घृणित और अपमानजनक चैट की शिकायत दर्ज कराकर ऐप के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की थी। इसी को लेकर मुंबई पुलिस जाँच कर रही है।

यह मामला हाल ही में दिल्ली में तब चर्चा में आया था जब दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। इसने ऑडियो चैट ऐप क्लबहाउस में मुसलिम महिलाओं के ख़िलाफ़ अश्लील टिप्पणी करने वाले लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की थी। डीसीडब्ल्यू ने एक बयान में कहा था कि एक गंदी चैट की गई थी। आयोग ने दिल्ली पुलिस को आरोपी को तुरंत गिरफ्तार करने और 5 दिनों के भीतर विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट देने को कहा था।

ऑडियो चैट ऐप क्लबहाउस की आपत्तिजनक क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी इसलिए इसके ख़िलाफ़ अलग-अलग जगहों पर शिकायतें की गई थीं। ऐसी ही शिकायत मुंबई में भी दर्ज कराई गई थी और शहर में अब कुछ गिरफ़्तारियाँ हुई हैं।

हालांकि, मुंबई पुलिस ने साफ़ किया है कि ताज़ा गिरफ़्तारियाँ क्लबहाउस ऐप पर अन्य चैट के संबंध में की गई हैं। उन्होंने कहा है कि वे उस प्लेटफॉर्म पर इस तरह की सभी बातचीत की जांच कर रहे हैं।

तीनों युवकों- 19 वर्षीय आकाश, 21 वर्षीय जैष्णव और 22 वर्षीय यश पाराशर को हरियाणा से गिरफ्तार किया गया है।

आरोप है कि लॉ का छात्र यश पाराशर चैट का मॉडरेटर है। पुलिस ने कहा कि जैष्णव और आकाश एक अन्य क्लब हाउस चैट का हिस्सा हो सकते हैं, जिसमें मुसलिम महिलाओं को निशाना बनाया गया था। पुलिस का कहना है कि तीनों को ट्रांजिट रिमांड पर मुंबई लाया जाएगा।

इससे पहले दिल्ली पुलिस ने क्लब हाउस के प्रतिनिधियों को पत्र लिखकर चैट ग्रुप के एडमिन के बारे में जानकारी मांगी थी। दिल्ली पुलिस ने अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ भी मामला दर्ज किया है। दिल्ली महिला आयोग ने उन्हें इस मामले में नोटिस जारी किया था।

क्लब हाउस चैट का मामला बुल्ली बाई विवाद के तुरंत बाद सामने आया है। इसमें पत्रकारों, वकीलों और विभिन्न आयु समूहों के कार्यकर्ताओं सहित प्रमुख मुसलिम महिलाओं को निशाना बनाया गया था। इस ऐप पर 'नीलामी' के लिए बिना अनुमति मुसलिम महिलाओं की तसवीरें इस्तेमाल की गई थीं। काफी शोर मचने पर इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई की थी। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की आईएफएसओ टीम द्वारा मुख्य साज़िशकर्ता नीरज बिश्नोई को असम के जोरहाट क्षेत्र से गिरफ़्तार किया गया था। पुलिस ने इसे बुल्ली ऐप का मुख्य आरोपी बताया था। 

दिल्ली पुलिस ने छह महीने पहले ऐसी ही एक ऐप 'सुल्ली डील्स' मामले में भी कार्रवाई की थी। इसने सुल्ली डील्स के मामले में मुख्य आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया। इस ऐप से भी मुसलिम महिलाओं को निशाना बनाया गया था।