महाराष्ट्र में चल रहे सियासी संकट के प्रमुख किरदार और ठाकरे सरकार में कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे बुधवार सुबह पार्टी के अन्य विधायकों के साथ गुवाहाटी पहुंच गए। शिंदे ने एनडीटीवी से बातचीत में 46 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। इसमें शिवसेना के 40 और 6 निर्दलीय विधायक हैं। एकनाथ शिंदे ने किसी भी अन्य दल में शामिल होने की संभावना से इनकार किया है।
गुवाहाटी पहुंचे विधायक रेडिसन ब्लू होटल में रुके हुए हैं जहां उनसे मिलने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा भी पहुंचे।
मंगलवार को दिन भर शिंदे पार्टी विधायकों के साथ गुजरात के सूरत में एक होटल में रुके थे जहां उन्हें मनाने के लिए शिवसेना के कुछ नेता भी पहुंचे थे।
शिवसेना के पास 55 विधायक हैं। अगर एकनाथ शिंदे शिवसेना के 37 विधायक तोड़ लेते हैं तो उन पर दल बदल कानून लागू नहीं होगा। ऐसी सूरत में यह विधायक अपनी अलग पार्टी बना सकते हैं। तब महा विकास आघाडी सरकार का गिरना पूरी तरह तय हो जाएगा।
महा विकास आघाडी सरकार पर आए संकट को देखते हुए बीजेपी भी सक्रिय हो गई है और मंगलवार को इस मामले में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात हुई है। कांग्रेस और एनसीपी भी अपने विधायकों को एकजुट और लामबंद करने में जुटे हैं।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की ओर से भेजे गए मिलिंद नार्वेकर और रविंद्र ने 2 घंटे तक एकनाथ शिंदे और बागी विधायकों से बातचीत की। इस दौरान एकनाथ शिंदे की उद्धव ठाकरे से भी फोन पर बात हुई और उन्होंने अपनी मांगों के बारे में उद्धव ठाकरे को बताया।
ठाकरे ने एकनाथ शिंदे से उनके फैसले पर पुनर्विचार करने और पार्टी में लौटने के लिए कहा।
मीडिया के हवाले से आई खबरों के मुताबिक, एकनाथ शिंदे ने ठाकरे से कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाए। बीजेपी के भी कई नेताओं ने सूरत में एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी।
शिवसेना ने की कार्रवाई
शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना ने कार्रवाई करते हुए उन्हें विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया था। इसके बाद शिंदे ने भी अपने टि्वटर बायो से शिवसेना हटा दिया था।
बालासाहेब के हिंदुत्व का पालन करेंगे
गुवाहाटी जाने से पहले सूरत के एयरपोर्ट पर एकनाथ शिंदे ने पत्रकारों से कहा कि वह बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व को आगे ले जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को न तो छोड़ा है और ना ही छोड़ेंगे। दूसरी ओर शिवसेना ने कहा है कि पार्टी में हुई बगावत के पीछे बीजेपी का हाथ है और वह महा विकास आघाडी सरकार को गिराना चाहती है।
महाराष्ट्र बीजेपी के कुछ बड़े नेताओं ने कहा है कि पार्टी राज्य में सरकार बनाने की दिशा में विचार कर रही है। इससे पहले राज्यसभा चुनाव और विधान परिषद के चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग के बाद महाराष्ट्र की सियासत में खलबली मच गई थी।
शिंदे ने कहा कि सूरत में पहुंचे विधायकों को कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन को लेकर आपत्ति है। मंगलवार को दिन भर बदलते रहे घटनाक्रम के बीच एनसीपी के कई बड़े नेता देर शाम को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास पर पहुंचे।