एमएलसी चुनाव: बीजेपी-महा विकास आघाडी फिर आमने-सामने

09:33 am Jun 20, 2022 | सत्य ब्यूरो

महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव के दौरान आमने-सामने रहे बीजेपी और महा विकास आघाडी सरकार के दल विधान परिषद के चुनाव में नई जंग लड़ रहे हैं। महाराष्ट्र में सोमवार को विधान परिषद के चुनाव के लिए मतदान हो रहा है।  विधान परिषद की 10 सीटों के लिए 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। 

महा विकास आघाडी सरकार में शामिल तीनों दलों- शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने मैदान में 2-2 उम्मीदवार उतारे हैं जबकि बीजेपी ने 5 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। 

विधायकों के आंकड़ों के लिहाज से 10 में से 9 उम्मीदवारों की जीत तय है जबकि दसवीं सीट के लिए मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष भाई जगताप और बीजेपी के प्रसाद लाड के बीच मुकाबला है। 

कुछ दिन पहले हुए राज्यसभा चुनाव में छठी सीट के लिए बीजेपी और शिवसेना के बीच जोरदार टक्कर हुई थी और बीजेपी के उम्मीदवार धनंजय महाडिक ने शिवसेना के उम्मीदवार संजय पवार को हराकर जीत दर्ज की थी। 

26 विधायकों की जरूरत

288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र की विधानसभा में विधान परिषद की 1 सीट जीतने के लिए 26 विधायकों का समर्थन जरूरी है। बीजेपी के पास 106 विधायक हैं और इस तरह वह विधान परिषद की 4 सीटों पर आसानी से जीत दर्ज कर सकती है। लेकिन पांचवी सीट पर जीत दर्ज करने के लिए उसे निर्दलीयों और छोटी पार्टियों के विधायकों का समर्थन चाहिए। 

शिवसेना के पास 55 विधायक हैं, एनसीपी के पास 52 और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं। इस लिहाज से शिवसेना और एनसीपी दो-दो और कांग्रेस एक सीट जीत सकती है। लेकिन कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार भाई जगताप को जीतने के लिए आठ और वोटों की जरूरत है । इसलिए राज्यसभा चुनाव की तरह ही इस चुनाव में भी निर्दलीय और छोटी पार्टियों के 29 विधायक बेहद अहम रोल अदा करेंगे। 

राज्यसभा चुनाव में छठी सीट पर हार के बाद महा विकास आघाडी के दल सक्रिय हुए थे और एनसीपी मुखिया शरद पवार ने शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित कांग्रेस के आला नेताओं से बातचीत की थी। 

विधान परिषद चुनाव में 3 विधायकों के वोट नहीं डाले जाएंगे। एनसीपी के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख और कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक जेल में हैं जबकि शिवसेना के एक विधायक की मौत हो चुकी है। देशमुख और नवाब मलिक को मुंबई हाई कोर्ट ने विधान परिषद के चुनाव में वोट डालने की अनुमति नहीं दी थी।