उद्धव को फिर झटका, राज्यपाल ने रद्द की 12 एमएलसी की सूची

07:57 pm Sep 06, 2022 | सोमदत्त शर्मा

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच गृह युद्ध लगातार जारी है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एक के बाद एक उद्धव ठाकरे सरकार का फ़ैसला पलटते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अब महा विकास आघाडी सरकार की तरफ़ से राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को भेजी गई 12 एमएलसी की लिस्ट को रद्द कर दिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। ऐसी ख़बरें हैं कि नई सरकार ने राज्यपाल कोटे से नियुक्त किए जाने वाले 12 विधायकों की लिस्ट तैयार कर ली है वह बहुत जल्द राज्यपाल को सौंपी जा सकती है।

महाराष्ट्र में जब से एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली है तभी से एक के बाद एक ठाकरे सरकार के फ़ैसलों को बदलने का काम शिंदे ने शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से राजभवन में मुलाक़ात की। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद एकनाथ शिंदे भगत सिंह कोश्यारी से मिलने के लिए पहली बार राजभवन पहुंचे। खबर है कि नई सरकार ने राज्यपाल कोटे से नियुक्त 12 विधायकों की वो लिस्ट तैयार कर ली है जिसको राज्यपाल को सौंपना है। इससे पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने महा विकास आघाडी सरकार द्वारा राज्यपाल को भेजी गई उस लिस्ट को रद्द कर दिया जिसमें कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के नेताओं को राज्यपाल कोटे से विधायक बनाना था।

यह पहला मौक़ा नहीं है जब पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आमने सामने आए हैं। इससे पहले एकनाथ शिंदे ठाकरे सरकार के क़रीब 200 से ज्यादा फ़ैसलों को पलट चुकी है जिसमें मुंबई के आरे में बन रहा मेट्रो का कार शेड भी शामिल है। इसके अलावा ठाकरे सरकार ने मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन को भी हरी झंडी नहीं दी थी जिसको एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने ना केवल हरी झंडी दी है बल्कि उसका काम बहुत जल्द शुरू करने के भी आदेश दिए हैं। 

इससे पहले सोमवार को मुंबई के दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उद्धव ठाकरे पर जमकर निशाना साधा था। ठाकरे ने अपने इस दौरे पर बीजेपी की महाराष्ट्र कार्यकारिणी के साथ बैठक की थी जिसमें मुंबई में होने वाले बीएमसी के चुनावों की रणनीति तैयार की गई थी। अमित शाह ने इसके बाद उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा था कि उद्धव ठाकरे ने बीजेपी के साथ जो गद्दारी की थी उसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा। हमेशा ने इस बैठक में कार्यकारिणी के सदस्यों को बीएमसी चुनाव किस तरह से लड़ा जाए इसका मूल मंत्र दिया था।

राजभवन के सूत्रों के हवाले से पता लगा है कि उद्धव ठाकरे ने अपने कार्यकाल के दौरान जो 12 एमएलसी की सूची राज्यपाल को भेजी थी दरअसल उस पर केंद्र सरकार के इशारे पर फैसला नहीं लेने का दवाब था।

एमएलसी की सूची के बारे में राजभवन की तरफ से कभी कोई जानकारी नहीं दी गई। एक आरटीआई के जवाब में राजभवन की तरफ से पिछले साल जानकारी दी गई थी कि यह मामला गोपनीय है और इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा सकती।

सूत्रों से पता लगा है कि भारतीय जनता पार्टी और एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना के बीच लगभग तय हो गया है कि राज्यपाल कोटे से जिन 12 लोगों को विधायक बनाया जाना है उन में किन-किन लोगों के नाम रहेंगे। बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि 12 सीटों में से बीजेपी को 10 सीटें मिलेंगी जबकि एकनाथ शिंदे गुट को 2 सीटें दी जाएंगी। ऐसी भी खबरें हैं कि बहुत जल्द 12 सदस्यों की यह लिस्ट राज्यपाल को भेजी जाएगी। 

एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता किरण पावसकर का कहना है कि राज्यपाल कोटे से जिन लोगों को विधायक बनाया जाना है यह फ़ैसला राज्य के मुख्यमंत्री का होता है। पिछली सरकार ने भी अपनी-अपनी पार्टियों के नेताओं की लिस्ट राज्यपाल के पास भेजी थी जिसे राज्यपाल से मंजूरी नहीं मिली थी। अब हमारी सरकार भी राज्यपाल के पास 12 सदस्यों की लिस्ट भेजेगी जिस पर बहुत जल्द फैसला हो सकता है। लेकिन एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के आमने सामने आने के बाद से यह साफ हो गया है कि एकनाथ शिंदे अब पूरी तरह से आर पार के मूड में दिखाई दे रहे हैं।