सोशल मीडिया पर बुल्ली बाई ऐप बनाकर मुसलिम महिलाओं की ऑनलाइन बोली लगाने के मामले में मुंबई पुलिस ने तेजी दिखाते हुए तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। मुंबई पुलिस के कमिश्नर हेमंत नागराले का कहना है कि इस मामले की उच्च स्तर पर जांच की जा रही है एवं कर्नाटक और उत्तराखंड में मुंबई पुलिस की छापेमारी जारी है। जिन तीन अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है उनमें एक कॉलेज की 18 साल की छात्रा भी है।
बुल्ली बाई ऐप मामले में गिरफ़्तार किए गए सभी अभियुक्त छात्र हैं। इस मामले में पुलिस ने विशाल झा और श्वेता सिंह को कल ही गिरफ्तार कर लिया था।
मुंबई पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले का कहना है कि पुलिस ने तीसरे आरोपी मयंक रावत को उत्तराखंड से गिरफ्तार किया है। पुलिस कमिश्नर का कहना है कि मुंबई पुलिस की टीम मयंक रावत को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर जल्द मुंबई पहुंचेगी।
मंगलवार रात को मुंबई पुलिस की टीम उत्तराखंड से 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली श्वेता सिंह को गिरफ्तार कर मुंबई लायी है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस पूरे मामले की मास्टरमाइंड श्वेता सिंह ही है और उसने ही यह ऐप बनाया था। पुलिस अब श्वेता से पूछताछ कर यह पता लगाना चाहती है कि आखिर श्वेता के साथ और कौन-कौन लोग इस एप्लीकेशन को बनाने में साथ थे।
मुंबई पुलिस के टॉप सूत्रों का कहना है कि श्वेता सिंह नेपाल में रहने वाले एक लड़के के संपर्क में थी।
मुंबई पुलिस कमिश्नर का कहना है कि श्वेता सिंह और विशाल झा ने अपने नेपाली दोस्त के साथ मिलकर इस एप्लीकेशन को 31 दिसंबर को बनाया था और इसको अपने कई दोस्तों के साथ शेयर किया था। श्वेता के कई दोस्तों ने इस ऐप को सब्सक्राइब भी किया था।
अब पुलिस आईटी एक्सपर्ट की मदद से यह पता लगा रही है कि इस बुल्ली बाई ऐप पर जिन मुसलिम महिलाओं के फोटो अपलोड किए गए थे और उनकी बोली लगाई गई थी, उनका किस तरह से इस्तेमाल किया जा रहा था। श्वेता ने मुंबई पुलिस को शुरुआती जांच में बताया है कि उसने करीब 100 मुसलिम महिलाओं के फोटो इस मोबाइल ऐप पर अपलोड किए थे और उनकी बोली लगाई थी।
मुंबई पुलिस की जांच में श्वेता सिंह का नाम बेंगलुरु से गिरफ्तार आरोपी विशाल ने लिया था। विशाल इंजीनियरिंग सेकेंड ईयर का छात्र है। विशाल ने पुलिस को बताया था कि वह श्वेता सिंह के संपर्क में था और श्वेता सिंह उन लोगों के संपर्क में थी जो बुल्ली बाई ऐप पर महिलाओं के फोटो अपलोड कर रहे थे।
मुंबई पुलिस के डीसीपी एस चैतन्य का कहना है कि हमारी टीम विशाल और श्वेता से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इससे पहले पिछले साल इसी तरह के एक दूसरे मोबाइल ऐप सुल्ली डील्स में तो इनकी कोई भागीदारी नहीं है।
फर्जी ट्विटर अकाउंट बनाया था
कमिश्नर हेमंत नागराले का कहना है कि बुल्ली बाई ऐप के बनाने से कुछ दिन पहले ही विशाल और श्वेता ने एक फर्जी ट्विटर अकाउंट JattKhalsa07 नाम से बनाया था। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि इस ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल श्वेता कर रही थी। पुलिस का कहना है कि इस टि्वटर हैंडल से खास तौर पर सिख समुदाय के लोगों को जोड़ा जा रहा था ताकि अगर उनकी गतिविधि के बारे में पुलिस को जानकारी मिले तो एक विशेष वर्ग को बदनाम किया जा सके।
शुरुआती जांच में श्वेता सिंह ने पुलिस को बताया है कि कोरोना काल में उसके पिता की मौत हो गई थी जबकि कुछ समय पहले मां ने भी कैंसर की वजह से दम तोड़ दिया था। उसकी एक बड़ी और छोटी बहन भी है। पुलिस का कहना है कि श्वेता इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रही थी और सोशल मीडिया के जरिए उसकी दूसरे अन्य अभियुक्तों से जान पहचान हुई थी।