महाराष्ट्रः महायुति में 22 सीटों पर घमासान क्यों, भाजपा शिंदे से 'बलिदान' क्यों मांग रही
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव सिर्फ एक महीना दूर हैं, लेकिन महायुति सीटों का बंटवारा नहीं कर सकी। एकनाथ शिंदे, अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस सहित महायुति नेताओं ने 16 अक्टूबर को अमित शाह से मुलाकात की थी। जिसमें सीट शेयरिंग पर अंतिम बातचीत होना थी लेकिन उस बैठक में कुछ भी फाइनल नहीं हो सका और न ही कोई घोषणा की गई।
महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को विधानसभा चुनावों के लिए सीट-बंटवारे के मामले में "बलिदान" करने के लिए तैयार रहना चाहिए, जैसा कि भाजपा ने गठबंधन को बरकरार रखने के लिए किया है। उन्होंने अजित पवार या उनकी पार्टी का नाम नहीं लिया।
भाजपा की ओर से दावे किये जा रहे हैं कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन अपने सीट-बंटवारे को अंतिम रूप देने के करीब है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि तीनों सहयोगियों के बीच लगभग 22 सीटों पर अभी भी घमासान मचा हुआ है। शिंदे और अजित पवार पर भाजपा की ओर से तमाम सीटों पर दावे छोड़ने का दबाव है।
सूचनाओं के मुताबिक भाजपा के 145 से 155 सीटों पर चुनाव लड़ने की संभावना है, शिवसेना (शिंदे) को 80 से 90 सीटें मिलेंगी जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजीत) को लगभग 45 से 55 सीटें मिलेंगी। जिन 22 सीटों को लेकर विवाद है, उन पर भाजपा की नजर है। उन्हीं सीटों के लिए भाजपा इन दोनों दलों से बलिदान मांग रही है। हालांकि उसने सिर्फ शिंदे की पार्टी से बलिदान मांगा है। फिलहाल अजित पवार को इस गठबंधन में भाजपा कोई महत्व नहीं दे रही है।
महाराष्ट्र के क्षेत्रीय मीडिया के मुताबिक हालांकि सीट-बंटवारे का समझौता शनिवार तक होने की संभावना है। लेकिन अभी तक की बातचीत बिल्कुल भी सहज नहीं रही क्योंकि भाजपा ने शिंदे पर भाजपा के लिए अधिक सीटें छोड़ने का दबाव डाला हुआ है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बावनकुले का बयान इसीलिए महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने कहा- "बड़ी पार्टी को सरकार में बड़ी हिस्सेदारी मिलती है, अधिक मंत्रालय मिलते हैं, उन्हें अधिक समितियाँ मिलती हैं.. चूंकि हमारी पार्टी बड़ी है, हमने अपना विचार रखा है कि पार्टी कार्यकर्ताओं को सीटों की संख्या और मुख्यमंत्री से संतुष्ट होना चाहिए मदद करनी चाहिए।''
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सूत्रों ने कहा कि जिन सीटों पर अभी भी विवाद है, वे ठाणे, पालघर, नासिक, कोल्हापुर और कोंकण क्षेत्रों में हैं। इन जिलों में शिंदे गुट अपने प्रत्याशी उतारना चाहता है लेकिन भाजपा भी नजर गड़ाये हुए है।
बहरहाल, महायुति सीट शेयरिंग के खेल में सबसे बड़ा नुकसान अजित पवार को होने वाला है। एनसीपी नेता इस बात पर अड़े हैं कि उन्हें करीब 70 सीटें मिलनी चाहिए लेकिन उन्हें करीब 45 से 55 सीटों पर ही संतोष करना पड़ेगा। क्योंकि अजित पवार के हिस्से वाली भी अधिकांश सीटें भाजपा ने हथिया ली हैं।
अठावले भी 8-10 सीटें मांग रहे हैं
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के अध्यक्ष डॉ. रामदास अठावले ने कहा, ''मैंने चन्द्रशेखर बावनकुले और देवेन्द्र फडणवीस को पत्र लिखकर 21 सीटों की मांग की है। हमें 8-10 सीटें मिलनी चाहिए। देवेन्द्र फडणवीस ने कहा है कि वे रिपब्लिकन पार्टी को कुछ सीटें देंगे। हमने मांग की है कि सरकार बनने पर हमें भी एक मंत्री पद मिले। हम महायुति के साथ रहेंगे। चाहे महा विकास अघाड़ी कितनी भी कोशिश कर ले, महायुति महाराष्ट्र में मजबूत है...''
सीट शेयरिंग पर महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन ने कहा, ''सीट शेयरिंग चलती रहेगी, ये 1-2 दिन में पूरा नहीं होगी। गठबंधन में तीन पार्टियां हैं और गठबंधन में हमारे और भी दोस्त हैं। यह एक सतत प्रक्रिया है। हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है, महा विकास अघाड़ी की तरह मुख्यमंत्री पद के लिए कोई लड़ाई नहीं है। हम साथ हैं और साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे।”