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महाराष्ट्र : शिवसेना के होंगे 16 मंत्री, एनसीपी को 15 और कांग्रेस को 12 विभाग मिलेंगे

महाराष्ट्र : शिवसेना के होंगे 16 मंत्री, एनसीपी को 15 और कांग्रेस को 12 विभाग मिलेंगे

महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल के बँटवारे पर बातचीत पूरी हो गई है, विभागों का बँटवारा हो गया है। शिवसेना को 16 विभाग मिलेंगे, इनमें कैबिनेट स्तर के 11 मंत्री होंगे और राज्य मंत्रियों की संख्या 5 होगी। 

महाराष्ट्र में सरकार बनाने का अंतिम फ़ैसला तो हो ही गया है, शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच सत्ता का बँटवारा भी हो गया है।  शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्य मंत्री बनाने पर आमराय बन गई है। शरद पवार ने उनके नाम को मान लिया है। इसके अलावा कांग्रेस ने भी उनके नाम को मंज़ूरी दे दी है।

समझा जाता है कि कांग्रेस और एनसीपी को उप मुख्य मंत्री का पद मिलेगा। इसके अलावा मंत्रिमंडल के बँटवारे पर भी बातचीत हुई है विभागों का बँटवारा हुआ है। शिवसेना को 16 विभाग मिलेंगे, इनमें कैबिनेट स्तर के 11 मंत्री होंगे और राज्य मंत्रियों की संख्या 5 होगी। 

मुख्य मंत्री पद के अलावा 16 मंत्री शिवसेना के होंगे। एनसीपी को 11 कैबिनेट और 4 राज्य मंत्री के पद मिलेंगे, यानी डिप्टी सीएम समेत 15 मंत्री होंगे, डिप्टी सीएम को छोड़ कर 14 कैबिनेट मंत्री। कांग्रेस के डिप्टी सीएम के अलावा 12 मंत्री होंगे, इनमें 9 कैबिनेट और 3 राज्य मंत्री होंगे। इसे 16-14-12 का फ़ॉर्मूला कहा जाता है।

बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का मानना है कि शिवसेना के साथ गठबंधन टूटना हिन्दुत्व के लिए नुक़सानदेह है। उन्होंने कहा बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन हिन्दुत्व की विचारधारा पर टिका था और आज भी हमारी विचारधारा में कोई बहुत फर्क नहीं आया है। इस गठबंधन का टूटना हिन्दुत्व ही नहीं, देश और महाराष्ट्र की भी क्षति है। उन्होंने इसके साथ ही अपने पूर्व सहयोगी दल पर तंज करते हुए कहा कि ‘बीजेपी और शिवसेना का यह गठबंधन मौक़ापरस्ती है और यह सरकार स्थिर नहीं होगी।’  

शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने इसके पहले कहा था कि शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन का नाम 'महाशिव अघाडी' होगा। लेकिन इस पर दूसरे दल राजी नहीं हुए। समझा जा रहा है कि इस नए गठबंधन का नाम 'महाराष्ट्र विकास आघाडी' रखा जाएगा।

बता दें कि महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के पास 105, शिवसेना के पास 56 सीटें हैं, जबकि राकांपा और कांग्रेस के पास क्रमश: 54 और 44 सीटें हैं। राज्य में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल या गठबंधन को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 145 विधायकों के समर्थन की ज़रूरत होगी। 

शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के विधायकों का कुल आंकड़ा 154 बैठता है। इसके अलावा शिवसेना के पास कुछ निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि इन तीनों दलों को विधानसभा में बहुमत साबित करने में कोई मुश्किल पेश नहीं आएगी।

उधर, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी के सभी विधायकों को आदेश दिया है कि वे 5 दिन के लिए मुंबई आ जाएँ। शुक्रवार को उद्धव ठाकरे अपनी पार्टी के विधायकों की बैठक लेने वाले हैं। उन्होंने सभी विधायकों से कहा है कि वे अपने आधार कार्ड और पहचान पत्र के साथ मुंबई आएं। ठाकरे के इस दिशा-निर्देश के बाद यह अटकलें तेज हो गयी हैं कि सरकार बनने में अब देर नहीं है। 

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