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सरकार बनाने को लेकर सोनिया गाँधी के साथ कोई बात नहीं हुई: पवार

सरकार बनाने को लेकर सोनिया गाँधी के साथ कोई बात नहीं हुई: पवार

सोनिया गाँधी के साथ मुलाक़ात के बाद शरद पवार ने कहा कि सरकार गठन को लेकर कांग्रेस-एनसीपी के नेताओं की राय ली जाएगी और हम हालात पर नज़र रखे हुए हैं। 

महाराष्ट्र में चुनाव नतीजे आने के बाद से ही सरकार के गठन का इंतजार है और इस मुद्दे पर सोमवार शाम को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से दिल्ली स्थित उनके आवास पर मुलाक़ात हुई है। दोनों नेताओं के बीच लगभग 50 मिनट तक बातचीत हुई। मुलाक़ात के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में शरद पवार ने कहा कि सोनिया गाँधी से महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात पर बात हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस-एनसीपी के नेताओं के बीच एक बार फिर मुलाक़ात होगी और उसके आधार पर हम आगे की रूपरेखा तैयार करेंगे। 

पवार ने कहा कि सोनिया गाँधी के साथ सरकार बनाने को लेकर कोई बात नहीं हुई है। सरकार बनाने के शिवसेना नेता संजय राउत के दावों पर पवार ने पत्रकारों से कहा, ‘आप इस बारे में उन्हीं से जाकर पूछिए और हमारी उनके साथ इस मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई है।’ एनसीपी प्रमुख ने कहा कि साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर कोई बात नहीं हुई है, विधानसभा चुनाव के दौरान कई पार्टियां हमारे साथ थीं और हमें उनका भी ध्यान रखना होगा। मुलाक़ात के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी भी मौजूद रहे।

रविवार को एनसीपी ने भी पुणे में पार्टी की कोर कमेटी की बैठक बुलाई। बैठक के बाद पार्टी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गठन के मुद्दे पर बैठक में चर्चा हुई है। मलिक ने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन जल्द से जल्द ख़त्म कर सरकार का गठन होना चाहिए। कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने रविवार को कहा कि सरकार गठन के मुद्दे पर शिवसेना और कांग्रेस के नेताओं के बीच भी बैठक होगी और देखा जाएगा कि दोनों दल साथ आगे बढ़ सकते हैं या नहीं। 

शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने दुहराया है कि राज्य में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनेगी और पूरे 5 साल तक चलेगी। राउत ने कहा कि उनके पास 170 विधायकों का समर्थन है और यह विधानसभा में दिखाई देगा।

बताया जा रहा है कि मंगलवार को एनसीपी-कांग्रेस के नेताओं की बैठक होगी। इससे पहले भी दोनों दलों के नेता मुंबई में मिल चुके हैं और न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) को लेकर चर्चा कर चुके हैं। 

कांग्रेस और एनसीपी पहले आपस में सीएमपी के मुद्दों को लेकर स्थिति साफ़ कर लेना चाहते हैं, तभी वह शिवसेना से इस मसले पर बात करेंगे। क्योंकि कांग्रेस और एनसीपी ने मिलकर चुनाव लड़ा है और दोनों ही दल कह चुके हैं कि वे शिवसेना के साथ सरकार बनाने के मुद्दे पर सर्वसम्मति से फ़ैसला लेंगे। 

सोनिया के पास पूरी जानकारी

सोनिया गाँधी ने कुछ दिन पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल को एनसीपी नेताओं से बात करने के लिए मुंबई भेजा था। बताया जाता है कि वहां से लौटकर अहमद पटेल ने सोनिया गाँधी के सामने पूरी स्थिति साफ़ कर दी है। पटेल ने सीएमपी को लेकर एनसीपी और शिवसेना के रुख के बारे में भी सोनिया गाँधी को बताया है। 

हिंदुत्व पर नहीं होगा टकराव

सीएमपी में विवादित मुद्दों को जगह नहीं दी गई है। इनमें हिंदुत्व, मुसलिम आरक्षण और समान नागरिक संहिता का मुद्दा प्रमुख था। बताया जा रहा है कि शिवसेना के साथ इन तीनों मुद्दों पर कांग्रेस और एनसीपी की सहमति बन गई है। शिवसेना नेता संजय राउत ने विशेषकर हिंदुत्व के मुद्दे पर पार्टी का रुख साफ़ किया है और कहा है कि इस पर कोई टकराव नहीं होगा। लेकिन देखना होगा कि तीनों दल सरकार गठन के लिए कब राज्यपाल के सामने दावा पेश कर पाते हैं। 

सीएम की कुर्सी को लेकर कोई पेच!

बीजेपी के साथ मुख्यमंत्री की कुर्सी की लड़ाई लड़ने वाली शिवसेना इस मुद्दे पर अभी तक अड़ी हुई है। वह इस मुद्दे पर बीजेपी के साथ-साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से भी नाता तोड़ चुकी है और केंद्र सरकार में शामिल अपने मंत्री अरविंद सावंत का भी इस्तीफ़ा करवा चुकी है। पहले यह कहा जा रहा था कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार चाहते हैं कि राज्य में ढाई-ढाई साल के लिए शिवसेना और एनसीपी का मुख्यमंत्री बने। लेकिन अब इस विषय पर सहमति बनने की ख़बरें हैं और बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री का पद शिवसेना को देने के साथ ही एनसीपी और कांग्रेस से एक-एक डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं। 

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