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फैसलों, प्रस्तावों की जानकारी दे उद्धव सरकार: राज्यपाल

फैसलों, प्रस्तावों की जानकारी दे उद्धव सरकार: राज्यपाल

क्या महाराष्ट्र में चल रहे सियासी संकट में राज्यपाल उद्धव सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं?

महाराष्ट्र में चल रहे सियासी संकट के बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव सरकार की मुश्किलों में इजाफा कर दिया है। राजभवन ने उद्धव ठाकरे सरकार से कहा है कि सरकार की ओर से 22 से 24 जून तक जो फाइलें और प्रस्ताव पास किए गए हैं उनकी पूरी जानकारी राजभवन को उपलब्ध कराई जाए। 

बता दें कि कुछ दिन पहले शिवसेना के बागी विधायकों ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र सरकार के मंत्रालयों में धड़ाधड़ फाइलें और प्रस्ताव पास किए जा रहे हैं और इससे जुड़े शासनादेश भी जारी किए जा रहे हैं।

पिछले हफ्ते राज्यपाल कोश्यारी के प्रधान सचिव संतोष कुमार ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा लिए जा रहे फैसलों, जारी किए जा रहे शासनादेशों और सर्कुलर की जानकारी देने के लिए महाराष्ट्र के मुख्य सचिव मनु कुमार श्रीवास्तव को पत्र लिखा था। 

राजभवन की ओर से भेजा गया यह पत्र महाराष्ट्र सरकार को सोमवार को प्राप्त हुआ और मुख्य सचिव ने अपने मातहतों को जरूरी जानकारी जुटाने का निर्देश दिया है।

दरेकर ने लिखा था पत्र 

कुछ दिन पहले महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने राज्यपाल कोश्यारी को लिखे एक पत्र में कहा था कि 48 घंटे के भीतर ही महाराष्ट्र सरकार ने 160 शासनादेश जारी कर दिए हैं और इन्हें लेकर संदेह पैदा होता है। उन्होंने राज्यपाल से इस मामले में दखल देने और इस पर रोक लगाने की मांग की थी।

 - Satya Hindi

कुछ दिन पहले यह जानकारी भी सामने आई थी कि उद्धव ठाकरे सरकार ने राज्य में शिवसेना विधायकों की बगावत के बाद 4 दिन के अंदर ही 280 शासनादेश जारी कर दिए और इनमें से अधिकांश बागी मंत्रियों के विभागों से जुड़े हैं।

राज्यपाल ने उद्धव सरकार को यह आदेश तब दिया है जब सरकार अल्पमत में आती दिख रही है और यह कहा जा रहा है कि राज्यपाल जल्द ही फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दे सकते हैं।

हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि अगर राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया तो शिवसेना इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। 

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार और राज्यपाल कोश्यारी के बीच रिश्ते कुछ खास अच्छे नहीं रहे हैं। कई मसलों पर राजभवन और ठाकरे सरकार के बीच तलवारें खिंची रही हैं और अब जब महाराष्ट्र में ठाकरे सरकार संकट में है तो इसमें राज्यपाल की भी भूमिका बेहद अहम होने वाली है। 

निश्चित रूप से महाराष्ट्र में शिवसेना के भीतर हुई बगावत के बाद जबरदस्त सियासी संकट पैदा हो गया है और यह खबर है कि बीजेपी राज्य में सरकार बनाने की तैयारियों में जुटी हुई है।

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