राज ठाकरे पर नकेल कसेगी? औरंगाबाद में भाषण की जांच शुरू
लाउडस्पीकर विवाद पर रविवार को औरंगाबाद में दिए गए राज ठाकरे के भाषण की अब औरंगाबाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने राज ठाकरे के भाषण को समाज को बाँटने वाला भाषण बताया है और औरंगाबाद के पुलिस कमिश्नर को उसकी जांच के आदेश दिए हैं। औरंगाबाद पुलिस कमिश्नर अगले 24 घंटे में महाराष्ट्र के डीजीपी को रिपोर्ट सौंपने वाले हैं। पुलिस ठाकरे के भाषण की जाँच-पड़ताल करके उनके ख़िलाफ़ मामला भी दर्ज कर सकती है।
इस मामले के बाद ऐसा लग रहा है कि महाराष्ट्र सरकार ने राज ठाकरे पर नकेल कसनी शुरू कर दी है। गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने खुद राज ठाकरे का भाषण सुना है जिसमें उन्होंने समाज को बांटने वाले बयान दिए हैं। महाराष्ट्र में इस तरह के बयानों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पाटिल का कहना है सोमवार रात को महाराष्ट्र पुलिस के बड़े अधिकारियों के साथ महाराष्ट्र की सुरक्षा व्यवस्था पर बैठक होगी जिसमें राज ठाकरे द्वारा दी गई धमकी के बाद सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी। उनका यह भी कहना है कि महाराष्ट्र के संवेदनशील इलाक़ों में पुलिस का बंदोबस्त बढ़ाया जा रहा है। बता दें कि राज ठाकरे ने औरंगाबाद रैली के दौरान कहा था कि अगर अवैध लाउडस्पीकरों को मसजिदों से 3 मई तक नहीं हटाया गया तो फिर एमएनएस के कार्यकर्ता उसका जवाब देंगे और उसकी ज़िम्मेदारी उनकी नहीं होगी।
गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने बताया कि राज ठाकरे को रैली की इजाज़त शर्तों के आधार पर दी गई थी, लेकिन राज ठाकरे ने जिन-जिन शर्तों का उल्लंघन किया है उस मामले की जाँच की जा रही है।
औरंगाबाद पुलिस ने राज ठाकरे की रैली की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग की थी और इस रिकॉर्डिंग के आधार पर ही पुलिस आगे की कार्रवाई कर सकती है। पुलिस ने राज ठाकरे को रैली की इजाजत दी थी तो उसमें 15,000 से ज़्यादा की भीड़ नहीं होना, भड़काऊ भाषण नहीं देना जैसी शर्तें भी लगाई थीं।
दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि हनुमान चालीसा का पाठ करने पर कोई रोक नहीं है लेकिन कोई अगर मसजिद के सामने जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करेगा और दूसरे समुदाय से टकराव की कोशिश की जाएगी तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि इसके बारे में सुप्रीम कोर्ट का आदेश साफ़ है कि सुबह छह बजे से रात के 10 बजे तक लाउडस्पीकर इस्तेमाल करने की इजाजत दी जाती है। किसी भी तरह के लाउडस्पीकर को बजाने के लिए पहले पुलिस से इजाजत ली जाती है उसके बाद ही इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे धार्मिक ठिकाने के बाहर लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करता है तो फिर क़ानून के हिसाब से ही उस व्यक्ति के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राज का 3 मई का कार्यक्रम रद्द
एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे ने सोमवार को एक ट्वीट करते हुए कहा था कि जिस तरह से उन्होंने पिछली बार ऐलान किया था कि 3 मई को अक्षया तृतीय के दिन महाआरती का आयोजन किया जाएगा, लेकिन फ़िलहाल उसको रद्द कर दिया गया है। एमएनएस का कोई भी कार्यकर्ता महाआरती में हिस्सा नहीं लेगा। इसके साथ ही उन्होंने नरम रुख अपनाते हुए कहा कि कल ईद का त्यौहार है इसलिए मुसलिम भाइयों की खुशी के पलों में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए। उसके आगे की भूमिका मैं मंगलवार को अपने ट्वीट के माध्यम से बताऊंगा।
बता दें कि राज ठाकरे ने रविवार को औरंगाबाद रैली में एक बार फिर हनुमान चालीसा और लाउडस्पीकर का राग छेड़ा था। हजारों की संख्या में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने कहा था कि ‘अगर 3 मई के बाद भी लाउडस्पीकर नहीं हटे, तो हम चुप नहीं बैठेंगे। उसके बाद महाराष्ट्र में क्या होगा, मुझे नहीं पता’। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस ने लाउडस्पीकर नहीं हटवाए, तो हम आपको अपनी ताक़त दिखाएंगे। राज ठाकरे ने कहा था कि ‘मैं मसजिदों से लाउडस्पीकर हटाने की बात नहीं कर रहा हूं। मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थानों से भी सभी अवैध लाउडस्पीकर हटाएं जाएं, लेकिन सबसे पहले मसजिदों से हटाना पड़ेगा।’