महाराष्ट्र में निर्दलीय का समर्थन, अब कांग्रेस 100 का आंकड़ा पार करेगी?
महाराष्ट्र के सांगली लोकसभा क्षेत्र के एक निर्दलीय सांसद विशाल पाटील ने कांग्रेस को समर्थन दिया है। उन्होंने अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की और औपचारिक पत्र के माध्यम से अपनी पुरानी पार्टी को समर्थन दिया। कांग्रेस ने चुनाव में 99 सीटें जीती हैं, जो अब बढ़कर 100 हो जाएँगी।
कांग्रेस नेता विशाल पाटील ने लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे की व्यवस्था के तहत महा विकास अघाड़ी गठबंधन सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) को सीट मिलने के बाद सांगली से निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा था। उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस के लिए सीट छोड़ने से इनकार कर दिया था। पाटिल ने अपने निकटतम भाजपा प्रतिद्वंद्वी संजय (काका) पाटील को 1 लाख मतों से हराकर निर्दलीय के तौर पर सीट जीती। शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवार चंद्रहर पाटिल को क़रीब 61 हज़ार मत मिले। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विशाल का पार्टी में स्वागत किया।
People of Maharashtra defeated the politics of treachery, arrogance and division.
— Mallikarjun Kharge (@kharge) June 6, 2024
It is a fitting tribute to our inspiring stalwarts like Chhatrapati Shivaji Maharaj, Mahatma Jyotiba Phule and Babasaheb Dr Ambedkar who fought for social justice, equality and freedom.… pic.twitter.com/lOn3uYZIFk
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने एक्स पर पोस्ट किया, 'महाराष्ट्र की जनता ने विश्वासघात, अहंकार और विभाजन की राजनीति को हरा दिया है। यह छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले और बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर जैसे हमारे प्रेरक दिग्गजों को सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्होंने सामाजिक न्याय, समानता और स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी। सांगली से निर्वाचित सांसद विशाल पाटिल के कांग्रेस पार्टी को समर्थन का स्वागत करते हैं। संविधान अमर रहे!'
पाटिल का समर्थन कांग्रेस के लिए काफी अहम है। पार्टी और उसके सहयोगियों ने महाराष्ट्र में 48 में से 30 सीटें जीती हैं। दूसरी ओर, भाजपा-एनसीपी-शिवसेना महायुति गठबंधन केवल 17 सीटें ही हासिल कर सका।
बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री वसंतदादा पाटील के पोते विशाल पाटील ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। उनकी उम्मीदवारी ने विपक्षी महा विकास अघाड़ी के भीतर कलह को हवा दे दी थी, जब उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने पहलवान चंद्रहार पाटील को एकतरफा तौर पर अपना उम्मीदवार बनाया था। जबकि सांगली आधी सदी से भी ज़्यादा समय से कांग्रेस का गढ़ रहा है। पाटील द्वारा खड़गे सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से मिलने के बाद भी, शिवसेना (यूबीटी) ने अपने चयन पर पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया था।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि सांगली में कांग्रेस की हमेशा से गहरी जड़ें रही हैं और इसी भावना के साथ पाटील ने पार्टी को बिना शर्त समर्थन दिया है। वेणुगोपाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'यह वास्तव में एक बढ़िया कदम है जो कांग्रेस के दिग्गज वसंतदादा पाटील जी की विरासत को आगे बढ़ाता है।' यह पूछे जाने पर कि वह औपचारिक रूप से कांग्रेस में कब शामिल होंगे, पाटील ने कहा, 'एक बार जब आप निर्दलीय के रूप में चुने जाते हैं, तो आप समर्थन देते हैं, लेकिन इसमें शामिल होने में कुछ तकनीकी कठिनाइयाँ होती हैं। विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद, मैं आगे की राह के लिए जो भी करना होगा, करूंगा।'
पूर्णिया सांसद से समर्थन की उम्मीद
पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीतने वाले पप्पू यादव के भी कांग्रेस को समर्थन देने की उम्मीद है। चुनाव से ठीक पहले उन्होंने अपनी पार्टी का विलय कर दिया था और उम्मीद थी कि वे कांग्रेस के टिकट पर पूर्णिया सीट से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, विपक्षी गठबंधन के बीच सीटों के बंटवारे में यह सीट राष्ट्रीय जनता दल के खाते में चली गई।