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महाराष्ट्र: राज्यपाल ने शिवसेना को दिया सरकार बनाने का न्यौता 

महाराष्ट्र: राज्यपाल ने शिवसेना को दिया सरकार बनाने का न्यौता 

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना के विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे से पूछा है कि क्या वह सरकार बनाने के लिये तैयार हैं। 

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना को सरकार बनाने का न्यौता दिया है। कोश्यारी ने शिवसेना के विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे से पूछा है कि क्या वह सरकार बनाने के लिये तैयार हैं। शिवसेना राज्य में दूसरा बड़ा राजनीतिक दल है। शनिवार को राज्यपाल ने बीजेपी को राज्य में सरकार बनाने का निमंत्रण दिया था। लेकिन रविवार को दिन भर पार्टी नेताओं के साथ बैठक करने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने अन्य नेताओं के साथ राज्यपाल से मुलाक़ात की थी और उन्हें बताया था कि बीजेपी राज्य में सरकार बनाने में सक्षम नहीं है।  

राज्यपाल के सरकार बनाने का न्यौता देने के बाद बड़ा सवाल यह है कि क्या शिवसेना सरकार बना पायेगी। शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत कह चुके हैं कि उनके पास 170 विधायकों का समर्थन हासिल है और वह विधानसभा में इसे साबित भी करेंगे। लेकिन शिवसेना को विधानसभा चुनाव में 56 सीटों पर जीत मिली है और कुछ निर्दलीय विधायकों का समर्थन उसे हासिल है। ऐसे में सरकार गठन के लिये ज़रूरी 145 विधायकों के आंकड़े को वह कैसे हासिल करेगी, यह एक बड़ा सवाल है। इस बीच, आदित्य ठाकरे और अन्य पार्टी नेता शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री पर पहुंच गये हैं। 

दूसरी ओर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता नवाब मलिक ने कहा है कि 12 नवंबर को पार्टी के विधायकों की बैठक बुलाई गई है। मलिक ने कहा, ‘अगर शिवसेना हमारा समर्थन चाहती है तो उसे बीजेपी से कोई संबंध नहीं रखना होगा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से बाहर निकलना होगा। साथ ही शिवसेना के सभी मंत्रियों को केंद्र सरकार से इस्तीफ़ा देना होगा।’ मलिक ने कहा है कि शिवसेना को समर्थन देने के बारे में अंतिम फ़ैसला कांग्रेस और एनसीपी संयुक्त रूप से लेंगे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार इस बारे में घोषणा करेंगे। 

महाराष्ट्र में चुनावी नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना मुख्यमंत्री पद की कुर्सी को लेकर अड़ी हुई है। शिवसेना कहती रही है कि लोकसभा चुनाव के दौरान उसका बीजेपी के साथ 50:50 का फ़ॉर्मूला तय हुआ था। शिवसेना के मुताबिक़, इस फ़ॉर्मूले के तहत मुख्यमंत्री का पद दोनों पार्टियों के पास ढाई-ढाई साल के लिये रहेगा। लेकिन बीजेपी मुख्यमंत्री पद के बंटवारे के लिये तैयार नहीं हुई और अंतत: बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल के पास जाकर सरकार बनाने में अपनी अक्षमता ज़ाहिर कर दी। 

महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान में उस समय हंगामा मच गया था जब बृहस्पतिवार को शिवसेना ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाये थे। शिवसेना ने कहा था कि बीजेपी उसके विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है। अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे संपादकीय में शिवसेना ने कहा था कि महाराष्ट्र के लोग चाहते हैं कि मुख्यमंत्री शिवसेना का ही बनना चाहिए। संपादकीय में सहयोगी पार्टी बीजेपी पर आरोप लगाया गया था कि बीजेपी सरकार बनाने के लिये धनबल का इस्तेमाल कर रही है। 

महाराष्ट्र में चुनाव नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना बीजेपी पर ख़ासी हमलावर रही है। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के ताज़ा संपादकीय में एक बार फिर बीजेपी पर हमला बोला गया। 

शिवसेना ने रविवार को बीजेपी की तुलना हिटलर से की है। शिवसेना ने कहा है कि महाराष्ट्र दिल्ली का ग़ुलाम नहीं है। इससे पहले भी शिवसेना की ओर से कहा जा चुका है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी का फ़ैसला महाराष्ट्र में होगा न कि दिल्ली से। 

‘सामना’ में शिवसेना ने कहा है कि दूसरों को डराने की चालों के बाद भी बीजेपी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला और अब एजेंसियों को स्वतंत्र रूप से काम करना चाहिए। शिवसेना का इशारा चुनाव से पहले दल-बदल कर बीजेपी में शामिल हुए नेताओं की ओर हो सकता है। क्योंकि विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी संख्या में दूसरे दलों के नेता बीजेपी में शामिल हुए थे और यह कहा गया था कि इनमें से कई नेताओं को जाँच एजेंसियों के द्वारा कथित रूप से डराया गया। 

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