महाराष्ट्र चुनाव अपडेटः फडणवीस ने बीजेपी नेता को एनसीपी से टिकट क्यों दिलवाई
महाराष्ट्र चुनाव से पहले भाजपा नेता निशिकांत भोसले पाटिल और पूर्व भाजपा सांसद संजयकाका पाटिल शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की उपस्थिति में उनकी एनसीपी में शामिल हो गए। सूत्रों के अनुसार, संजयकाका पाटिल और निशिकांत भोसले ने अपने एबी फॉर्म प्राप्त कर लिए हैं और अब महाराष्ट्र चुनाव 2024 में क्रमशः तासगांव और इस्लामपुर का प्रतिनिधित्व करते हुए एनसीपी के आधिकारिक उम्मीदवार हैं। लेकिन इस मौके पर निशिकांत पाटिल ने मीडिया से जो कहा वो रोचक है।
#WATCH | Mumbai | After joining NCP, BJP leader Nishikant Bhosale Patil says, "I have joined NCP today on the direction of our leader Devendra Fadnavis. I had to shift to NCP from the BJP as the Islampur assembly seat went to the NCP. I will win the election from the Islampur… https://t.co/ybpDwPZYas pic.twitter.com/3X0RhizY16
— ANI (@ANI) October 25, 2024
एनसीपी में शामिल होने के बाद बीजेपी नेता निशिकांत भोसले पाटिल ने मीडिया से कहा- "मैं आज (25 अक्टूबर 2024) हमारे नेता देवेंद्र फडणवीस के निर्देश पर एनसीपी में शामिल हुआ हूं। मुझे बीजेपी से एनसीपी में जाना पड़ा क्योंकि इस्लामपुर विधानसभा सीट एनसीपी के पास चली गई। मैं चुनाव जीतूंगा, इस्लामपुर सीट से एनसीपी के टिकट पर...।'' संजयकाका पाटिल ने भी फडणवीस के गुण गाये और कहा कि हम उनके निर्देश पर एनसीपी में आये हैं। बहरहाल, एनसीपी सुप्रीमो अजित पवार ने इन दोनों को टिकट दे दी है। संजयकाका पाटिल कांग्रेस के बागी और निर्दलीय उम्मीदवार विशाल पाटिल से चुनाव हार गए थे।
महाराष्ट्र की यह सामान्य चुनावी खबर नहीं है। इससे पता चलता है कि एनसीपी अजित पवार और शिवसेना शिंदे गुट में भाजपा नेता जाकर चुनाव लड़ रहे हैं, क्योंकि वो सीटें इन दोनों पार्टियों के पास लड़ रही हैं। लेकिन इसका नतीजा चुनाव के बाद सामने आयेगा। अजित पवार या एकनाथ शिंद कल को भाजपा से अलग होकर दूसरे दल के साथ हाथ मिलाकर सरकार बनाना चाहेंगे तो भाजपा से इन दलों से जीतकर आने वाले एमएलए मुश्किलें पैदा करेंगे। क्योंकि उन्होंने फडणवीस के प्रति अपनी संबद्धता पहले ही जाहिर कर दी है। भाजपा सत्ता में वापसी के लिए सारे खेल कर रही है।
एनसीपी की दूसरी सूची जारीः एनसीपी (अजित पवार) ने शुक्रवार को अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची की घोषणा की। इसमें प्रमुख नेता नवाब मलिक की बेटी सना मलिक का भी नाम है जो अणुशक्ति नगर सीट से चुनाव लड़ेंगी।
जीशान सिद्दीकी, जो पहले ही दिन एनसीपी में शामिल हो गए थे, को भी बांद्रा पूर्व से चुनाव लड़ने के लिए चुना गया है। पार्टी में शामिल होने के बाद सिद्दीकी ने कहा, "यह मेरे और मेरे परिवार के लिए एक भावनात्मक दिन है। मैं इस कठिन समय में मुझ पर विश्वास करने के लिए अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे का आभारी हूं। मुझे बांद्रा ईस्ट से नामांकन मिला है।" अन्य प्रमुख नामों में वडगांव शेरी के लिए सुनील टिंगरे, शिरूर के लिए ज्ञानेश्वर (मौली) कटके और आयरन के लिए प्रताप पाटिल चिखलीकर शामिल हैं।
मिलिंद देवड़ा देंगे आदित्य ठाकरे को चुनौती
शिवसेना शिंदे गुट के नेता और पूर्व कांग्रेसी मिलिंद देवड़ा ने शुक्रवार को एक ट्वीट कर सनसनी मचा दी है। मिलिंद ने एक्स पर लिखा-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जी का मानना है कि वर्ली और वर्लीकरों (वहां के निवासी) के लिए न्याय मिलने में बहुत देर हो चुकी है। हम साथ मिलकर आगे का मार्ग साफ कर रहे हैं और जल्द ही अपना दृष्टिकोण साझा करेंगे। अब वर्ली है! मिलिंद के इस ट्वीट का अर्थ लगाया जा रहा है कि वो वर्ली से शिवसेना यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे को चुनौती देंगे।Chief Minister @mieknathshinde ji believes that justice for #Worli & Worlikars is long overdue.
— Milind Deora | मिलिंद देवरा ☮️ (@milinddeora) October 25, 2024
Together, we're paving the way forward & will share our vision soon.
It’s Worli NOW!
भाजपा वर्ली विधानसभा क्षेत्र से प्रदेश कोषाध्यक्ष शाइना एन.सी. को उम्मीदवार बना रही है। लेकिन उनकी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता कथित तौर पर उनके नामांकन का विरोध कर रहे हैं। पता चला है कि इस नेता ने हाल ही में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी और उनसे उस महत्वपूर्ण सीट पर अपनी पार्टी, शिवसेना का दावा पेश करने का आग्रह किया था, जहां शिवसेना (यूबीटी) के आदित्य ठाकरे फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। वरिष्ठ भाजपा नेता और शिंदे के बीच हुई इस मुलाकात के बाद ही शिवसेना (शिंदे) का नाम वर्ली में मिलिंद देवड़ा संभावित उम्मीदवार के रूप में सामने आए हैं। पता चला है कि देवड़ा चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं थे क्योंकि यह उनके लिए बड़ी राजनीतिक चुनौती होगी। लेकिन मिलिंद के ट्वीट ने अब सबकुछ साफ कर दिया है। इसका मतलब यह भी है कि वर्ली अब भाजपा के पास नहीं है।
वर्ली सीट पर शाइना एनसी का विरोध और मिलिंद देवड़ा का सामने आना भाजपा की अंदरुनी उठापटक की तरफ इशारा कर रहा है।शाइना ने कहा कि उन्होंने अंतिम फैसला लेने का फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया है। बीजेपी के अंदर चल रही अंदरूनी कलह नेतृत्व के लिए गहरी चिंता का विषय बन गई है। यही वजह है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार रात को दिल्ली में महायुति नेताओं की बैठक बुलाई थी। लेकिन उसमें फंसी हुई सीटों पर कोई फैसला नहीं हो सका। भाजपा अपने सहयोगी दलों पर जबरदस्त दबाव बनाये हुए है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होने हैं, सभी 288 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतगणना 23 नवंबर को होगी। 2019 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा ने 105 सीटें, शिवसेना ने 56 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीतीं। 2014 में, भाजपा ने 122 सीटें, शिवसेना ने 63 और कांग्रेस ने 42 सीटें हासिल कीं।