महाराष्ट्रः राहुल गांधी 6 नवंबर को एमवीए रैली में शामिल होंगे, सीटों पर तस्वीर साफ
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी महा विकास अघाड़ी की रैली में भाग लेने 6 नवंबर को मुंबई जाएंगे, जिसे एनसीपी-एसपी नेता शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे और अन्य वरिष्ठ महा विकास अघाड़ी नेता संबोधित करेंगे। इस रैली में, राहुल गांधी राज्य के लिए कांग्रेस की चुनावी गारंटी की घोषणा करेंगे। यह घोषणा महाराष्ट्र कांग्रेस ने बुधवार को की।
इससे एमवीए में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि महा विकास अघाड़ी ने अगले महीने होने वाले महाराष्ट्र चुनाव के लिए सभी 288 सीटों के लिए नामांकन पूरा कर लिया है। कांग्रेस प्रभारी रमेश चेन्निथला, प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, वरिष्ठ नेता वर्षा गायकवाड़ और नसीम खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- "हम आज यह चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।"
मंगलवार की शाम को जैसे ही नामांकन दाखिल करने की समय सीमा समाप्त हुई, ऐसा संकेत मिला कि विपक्षी एमवीए गठबंधन ने 11 सीटों पर प्रत्याशी नहीं उतारे हैं। इस गठबंधन में कांग्रेस के अलावा शिवसेना यूबीटी और एनसीपी शरद पवार शामिल हैं। जबकि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने स्पष्ट रूप से चार सीटों पर प्रत्याशी घोषित नहीं किये। महायुति में भाजपा के अलावा शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी अजित पवार गुट शामिल हैं।
बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला ने जोर देकर कहा कि सहयोगी दलों के बीच कोई दरार नहीं है। कुछ सीटों को लेकर भ्रम या पसोपेश था, जो खत्म हो चुका है।
उन्होंने भाजपा नेताओं द्वारा शिंदे सेना या अजित पवार की पार्टी से भाजपा नेताओं को उतारने का उदाहरण देते हुए कहा- "वे एक-दूसरे के कोटे से लड़ रहे हैं।" लेकिन मीडिया सत्तारूढ़ महायुति में हो रहे इस खेल को देखने की बजाय एमवीए गठबंधनों में दरार तलाश रहा है, जबकि एमवीए विपक्षी गठबंधन है।
चेन्निथला ने कहा- "हमारे बीच गलतफहमी हो सकती है लेकिन महायुति सदस्य आपस में लड़ रहे हैं। वे एक-दूसरे के कोटे से लड़ रहे हैं... भाजपा नेता शिवसेना शिंदे और एसीपी अजित पवार के चुनाव चिह्न के तहत लड़ने को मजबूर हैं। यह भाजपा है जो अकेले लड़ रही है... शिंदे और अजित पवार तो ख़त्म हो गए हैं।” कांग्रेस नेता ने इस बात पर भी जोर दिया, "हमने, एमवीए में, सभी के साथ समान व्यवहार किया है...।"
चेन्निथला ने कहा- "महायुति के भीतर बहुत सारे मतभेद हैं...भाजपा द्वारा सहयोगियों से सीटें चुराना एक स्पष्ट संदेश है कि वह अपने सहयोगियों को ख़त्म करना चाहती है। लेकिन हम (एमवीए) एकसाथ हैं...।" एमवीए के भीतर कोई 'दोस्ताना लड़ाई' नहीं होगी।
एमवीए का सीट गणित
कांग्रेस ने 103 उम्मीदवारों को नामांकित किया है जबकि उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना यूबीटी और शरद पवार की एनसीपी ने 87-87 उम्मीदवारों को नामित किया है। हालांकि दोनों को 85-85 सीटें देने की सहमति बनी थी। शेष 11 सीटों में से सपा और कुछ छोटे सहयोगियों और को सीटें दी गई हैं। लेकिन इस पर कोई स्पष्टता नहीं है कि किस पार्टी को कौन सी सीट मिली है। लेकिन एमवीए में अब किसी तरह का मतभेद दिखाई नहीं दे रहा है।
महायुति का गणितः दूसरी ओर महायुति में अब तक भाजपा ने 152, अजित पवार की एनसीपी ने 52 और शिंदे गुट ने 80 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं। इसमें छोटे सहयोगियों की सीटें भी शामिल हैं। जिसमें भाजपा से चार और शिंदे गुट से दो हैं। महायुति में भ्रम ज्यादा है। अजित पवार एनसीपी गुट से नवाब मलिक ने दो नामांकन दाखिल किए, जिनमें से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में था। पार्टी ने उनका टिकट बाद में घोषित कर दिया था। जिससे भाजपा खुश नहीं है।
भाजपा ने अपने सहयोगी दलों में सेंध लगाने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। जैसे भाजपा प्रवक्ता शाइना एनसी अचानक शिंदे गुट में शामिल हो गईं और उन्हें फौरन टिकट दे दिया गया। उन्हें मुंबादेवी सीट से शिंदे गुट ने उतारा है। भाजपा की प्रवक्ता को आखिर क्यों दूसरी पार्टी से उतारना पड़ा, क्या भाजपा उनके लिए अपने कोटे से एक सीट नहीं दे सकती थी।
पिछले दो वर्षों में, महाराष्ट्र राजनीतिक उथल-पुथल से हिल गया है। भाजपा ने शिवसेना और एनसीपी का विभाजन कराने में कोई कमी नहीं छोड़ी। इसके बाद एमवीए सरकार का पतन हो गया। भाजपा ने विद्रोही गुटों के साथ महाराष्ट्र की सत्ता पर कब्जा कर लिया। लेकिन इसका असर लोकसभा चुनाव में देखने को मिला। भाजपा को मतदाताओं ने सबक सिखाया और वो लोकसभा की सिर्फ 9 सीटें जीत पाई। महायुति गठबंधन को लोकसभा चुनाव में कुल 17 सीटें मिलीं। जबकि एमवीए ने 48 में से 30 सीटें जीत लीं। महायुति को लेकर जनता की नाराजगी साफ दिखाई दी।