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महाराष्ट्र: किस आधार पर सरकार बनाने का दावा कर रही है बीजेपी?

महाराष्ट्र: किस आधार पर सरकार बनाने का दावा कर रही है बीजेपी?

बीजेपी महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए ज़रूरी विधायकों के आंकड़े से बहुत दूर है लेकिन उसके प्रदेश अध्यक्ष ने दावा किया है कि उनकी पार्टी सरकार बनाएगी, लेकिन कैसे?

बीजेपी ने चुनाव नतीजे आने के बाद से ही महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर पूरा जोर लगा दिया। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत के दरवाजे पर भी गुहार लगाई। लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। अंतत: देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया। इसके बाद शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी सरकार बनाने की तैयारियों में जुट गए और तीनों दल मिलकर राज्य में सरकार बनाएँगे, यह बयान राजनीति के पुराने खिलाड़ी शरद पवार ने दिया है। 

ऐसे में जब बीजेपी राज्य में सरकार बनाने के लिए ज़रूरी विधायकों के आंकड़े से बहुत दूर है और ऐसी ख़बरें आई थीं कि वह राज्य में फिर से चुनाव होने की बात कह रही है, उसके प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकात पाटिल का यह कहना कि राज्य में बीजेपी ही सरकार बनाएगी, किसी के गले नहीं उतर रहा है। 

पाटिल ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र में सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के पास 119 विधायकों का समर्थन है। बीजेपी को विधानसभा चुनाव में 105 सीटें मिली थी और उसने कुछ छोटी पार्टियों और निर्दलीयों का समर्थन हासिल करके सरकार बनाने की कोशिश की थी। 

पाटिल ने कहा, ‘हमारे पास राज्य में सबसे ज़्यादा विधायक हैं। फडणवीस ने पार्टी नेताओं के सामने सरकार बनाने का भरोसा जताया है। हम राज्य में एक स्थिर सरकार देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’ पाटिल ने कहा कि राज्य में बीजेपी के बिना सरकार नहीं बन सकती है और पार्टी राज्य के राजनीतिक हालात पर पैनी निगाह रख रही है। पाटिल ने कहा कि 1990 के बाद से ही बीजेपी के सिवा कोई और दल 100 से ज़्यादा सीटें नहीं जीत सका है जबकि बीजेपी ने 2014 और 2019 में, लगातार 100 से ज़्यादा सीटें जीती हैं। 

इसके अलावा गुरुवार को जब महाराष्ट्र के बीजेपी नेताओं की बैठक हुई थी तो ख़बरों के मुताबिक़, बीजेपी के वरिष्ठ नेता आशीष सेलार ने पत्रकारों से कहा था कि ‘जय श्री राम, हो गया काम’। उनके बयान के क्या मायने हो सकते हैं, इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह के सवाल उठे थे। 

राष्ट्रपति शासन लगने के तुरंत बाद बीजेपी नेताओं ने कहना शुरू कर दिया था कि कैसे भी हो, राज्य में बीजेपी ही सरकार बनाएगी! तब यह सवाल उठा था कि क्या अब प्रदेश में विधायकों की ख़रीद-फरोख़्त का 'खेल' शुरू होगा? जबकि उससे 48 घंटे पहले उसने राज्यपाल के सामने सरकार बनाने में असमर्थता जतायी थी।

अब सवाल यह उठता है कि क्या बीजेपी राज्य में दूसरे दलों के विधायकों में तोड़फोड़ की कोशिश करेगी। क्योंकि अपनी ओर से पूरी ताक़त लगाने के बाद भी वह ज़रूरी 145 विधायकों के आंकड़े को नहीं छू पाई है। ऐसे में वह किस आधार पर दावा कर रही है कि वह सरकार बना लेगी। शनिवार शाम को ही कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के नेताओं की राज्यपाल से मुलाक़ात होनी थी और बताया जा रहा था कि इन दलों के नेता मुलाक़ात के दौरान राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं। लेकिन यह मुलाक़ात स्थगित हो गई। इन तीनों दलों के पास 145 से ज़्यादा विधायक हैं और तीनों ही दल आसानी से सरकार बना सकते हैं लेकिन बीजेपी अगर यह दावा कर रही है कि वह सरकार बनाएगी तो यह देखना होगा कि उसके दावे का क्या आधार है और अगर वह सरकार बनाती है तो किन दलों के विधायकों में टूट-फूट होगी?

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