हिम्मत है तो 370, तीन तलाक़ को वापस लायें विरोधी: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को महाराष्ट्र में आयोजित चुनावी रैलियों में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध कर रहे विपक्षी राजनीतिक दलों को मंच से जोरदार चुनौती दी।
चुनाव प्रचार शुरू होने के बाद महाराष्ट्र में अपनी पहली चुनावी रैली में मोदी विपक्ष पर जमकर बरसे। मोदी ने विपक्षी नेताओं पर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के मुद्दे पर घड़ियाली आंसू बहाने का आरोप लगाया।
मोदी ने कहा, ‘दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है कि हमारे देश के कुछ राजनीतिक दल, राजनेता राष्ट्रहित में लिये गये इस निर्णय पर राजनीति करने में जुटे हैं और ये नेता यहां महाराष्ट्र में आपके वोट लेने के लिए चक्कर काट रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस-एनसीपी के नेताओं की सोच और व्यवहार में दिखता है कि इन दलों की भूमिका भारत की कम दिखती है और पड़ोसी देश के लोग जो भाषा बोलते हैं, उनके साथ इनका बड़ा तालमेल नज़र आता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे लिए 5 अगस्त का निर्णय अटल है और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को नये रास्ते पर लाने का निर्णय भी अटल है।’ प्रधानमंत्री ने भरोसा दिलाया कि कश्मीर में चार महीने के अंदर हालात सामान्य हो जायेंगे। जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त से ही कई तरह के प्रतिबंध लगे हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने रैली में मौजूद लोगों से पूछा कि क्या इन दलों में हिम्मत है कि वे अनुच्छेद 370 को वापस ला सकते हैं, अगर इनमें हिम्मत है तो वे अपने चुनावी घोषणा पत्र में अनुच्छेद 370 को वापस लाने की घोषणा करें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब से पहले कोई सोच भी नहीं सकता था कि ऐसा भी निर्णय लिया जा सकता है। उन्होंने लोगों से पूछा, ‘इनमें दम है कि ये 370 को वापस ला पायेंगे और जो दल ऐसा करने की कोशिश करेगा तो लोग ऐसा करने देंगे क्या, क्या उसका राजनीतिक भविष्य बच पायेगा।’
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘मैंने अपनी मुसलिम माताओं-बहनों से किये वादे को निभाया है।’ उन्होंने विपक्षी दलों को तीन तलाक़ को वापस लाने की भी चुनौती दी। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन का नाम लिये बिना इसे थका हुआ गठबंधन कहा और कहा कि यह गठबंधन महाराष्ट्र के लोगों के सपनों और युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा नहीं कर सकता।
प्रधानमंत्री ने यह चुनौती देकर विपक्षी दलों विशेषकर कांग्रेस-एनसीपी को अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर घेरने की कोशिश की है। बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के मुद्दे को राष्ट्रवाद से जोड़ा है और उसके नेताओं का दावा है कि इससे पार्टी का जनाधार बढ़ा है।