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महाराष्ट्र के सियासी समर में ताल ठोक रहे ये नेता

महाराष्ट्र के सियासी समर में ताल ठोक रहे ये नेता

महाराष्ट्र के सियासी रण में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से लेकर कई सियासी दिग्गज ताल ठोक रहे हैं। 

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है और राज्य की 288 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले गए हैं। इसके अलावा 18 राज्यों में विधानसभा की 51 सीटों और लोकसभा की 2 सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए भी मतदान हुआ है। महाराष्ट्र में कुल 8,98,39,600 मतदाता हैं जिसमें 4,28,43,635 महिलाएं हैं। 

महाराष्ट्र के चुनाव में बड़े चेहरों की बात करें तो मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नागपुर दक्षिण पश्चिम सीट से, महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत दादा पाटिल कोथरूड सीट से, कुख़्यात गैंगस्टर अरुण गवली की बेटी गीता गवली भायखला सीट से चुनाव मैदान में हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को कांग्रेस ने भोकर सीट से उम्मीदवार बनाया है। चव्हाण के पिता शंकर राव चव्हाण भी राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे। 

एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार बारामती विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी के दिग्गज नेता रहे गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे महाराष्ट्र सरकार में मंत्री भी हैं और वह मराठवाड़ा की परली सीट से चुनाव लड़ रही हैं। आदित्य ठाकरे, ठाकरे परिवार के पहले ऐसे सदस्य हैं जो चुनाव लड़ रहे हैं। आदित्य, मुंबई की वर्ली विधानसभा सीट से ताल ठोक रहे हैं। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी प्रणीति शिंदे सोलापुर सेंट्रल सीट से अपनी सियासी किस्मत आजमा रही हैं। 

बीजेपी-शिवसेना और कांग्रेस-एनसीपी में है लड़ाई

महाराष्ट्र के सियासी दंगल में बीजेपी-शिवसेना के सामने कांग्रेस-एनसीपी है। 288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र की विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों का समर्थन ज़रूरी है। एबीपी न्यूज़-सी वोटर के ताज़ा ओपिनियन पोल में बीजेपी को 134 तथा शिवसेना को 60 सीटें दी गयी हैं। इसका मतलब भगवा गठबंधन 194 सीटों के आसपास रह सकता है। पिछली बार बीजेपी-शिवसेना अलग-अलग चुनाव लड़े थे और तब बीजेपी को 122 और शिवसेना को 63 सीटें मिली थीं। दोनों को कुल 185 सीटें मिली थीं। इसलिए, गठबंधन करने से इन दलों को ज़्यादा फायदा होता नहीं दिख रहा है।

बीजेपी-शिवसेना को लोकसभा चुनाव में राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से 41 पर जीत मिली थी और विधानसभा सीटों के लिहाज से देखें तो भगवा गठबंधन 226 सीटों पर आगे रहा था और इस बार उसने ज़्यादा ताक़त के साथ चुनाव लड़ा है।

कई नेताओं ने छोड़ी कांग्रेस 

ओपिनियन पोल में कांग्रेस को 44 व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को 42 सीटें दी हैं जो साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में उनके प्रदर्शन से क्रमशः 2 और 1 सीट अधिक हैं। कांग्रेस-एनसीपी के कई बड़े नेता महाराष्ट्र में इन दलों को छोड़कर चले गए। विधानसभा में नेता विपक्ष रहे राधा कृष्ण विखे पाटिल से लेकर मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह और लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुईं फ़िल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया। 

लोकसभा चुनाव के दौरान ही मुंबई कांग्रेस में चल रहा संजय निरूपम और मिलिंद देवड़ा का झगड़ा बढ़ गया और निरूपम ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर पार्टी आलाकमान पर जमकर हमले किए। दूसरी ओर एनसीपी से भी कई प्रमुख नेता चले गए। एनसीपी का सारा जोर अपने प्रमुख नेता शरद पवार पर ही है। पवार ने इस बार चुनावी सभाओं में ख़ूब दमखम दिखाया है। 

लोकसभा चुनावों में प्रचार के दौरान मोदी और शाह का ध्यान जहां पुलवामा-बालाकोट पर रहा था, उसी तरह इस बार भी लगभग हर जनसभा में दोनों नेताओं ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने पर ही ध्यान केंद्रित रखा। इस सबके बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस ने चुनाव प्रचार को सूखा, बाढ़, बेरोज़गारी, किसानों की आत्महत्या पर केंद्रित करने की कोशिश की। लेकिन अब देखना है जनता किन मुद्दों पर वोट करती है। 

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