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महाराष्ट्रः संकट में अजीत पवार की पार्टी, लेकिन उद्धव की चर्चा ज्यादा क्यों?

महाराष्ट्रः संकट में अजीत पवार की पार्टी, लेकिन उद्धव की चर्चा ज्यादा क्यों?

महाराष्ट्र में भारी राजनीतिक उथल पुथल का दौर देखा जा रहा है। अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी डूबने के कगार पर पहुंच गई है। उसके अधिकांश विधायक शरद पवार खेमे में जाने के लिए हाथ पैर मार रहे हैं। दूसरी खबर मीडिया का एक विशेष वर्ग यह चला रहा है कि भाजपा ने उद्धव ठाकरे से संपर्क कर उनसे एनडीए में शामिल होने को कहा है। लेकिन इसकी पुष्टि किसी भी तरफ से नहीं की गई। महाराष्ट्र के रोचक घटनाक्रम को जानिएः

लोकसभा चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद यह खबरें आम हैं कि अजीत पवार खेमे के एक दर्जन से अधिक विधायक पार्टी के संस्थापक शरद पवार के संपर्क में हैं और एनसीपी (शरद पवार) में लौट सकते हैं। हालांकि, एनसीपी अध्यक्ष सुनील तटकरे ने इन खबरों को बेबुनियाद अफवाह बताकर खारिज कर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी विधायक अजित पवार के साथ एकजुट हैं और चुनाव के दौरान ऐसी गलत सूचना भी फैलाई गई थी।

तटकरे ने अजीत पवार कोर ग्रुप की बैठक खत्म होने के बाद कहा, ''जानबूझकर अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि हमारे विधायक शरद पवार गुट के संपर्क में हैं... हमारे सभी विधायक हमारे साथ हैं और हम एक टीम हैं। ऐसी अफवाहें और फर्जी वीडियो चुनाव के दौरान भी प्रसारित किए जा रहे थे।”

तटकरे का बयान हाल के लोकसभा चुनावों में अजीत पवार गुट के निराशाजनक प्रदर्शन की समीक्षा के लिए एक कोर समूह की बैठक के बाद आया। , जहां अजीत पवार के गुट ने जिन चार सीटों पर चुनाव लड़ा था उनमें से सिर्फ एक सीट हासिल हुई है। एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल, हसन मुश्रीफ, छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल और धनंजय मुंडे सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता और मंत्री दक्षिण मुंबई में डिप्टी सीएम के आधिकारिक आवास 'देवगिरी' में हुई बैठक में शामिल थे।

कहानी कोर ग्रुप की बैठक तक सीमित नहीं है। अजीत पवार गुट ने देर शाम विधायकों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में सभी विधायकों की हाजिरी अनिवार्य की गई है। इस बैठक के जरिए अजीत पवार अपना शक्ति प्रदर्शन करना चाहते हैं।

नतीजे आए हुए तीन दिन हो चुके हैं। महाराष्ट्र में चंद महीने बाद विधानसभा चुनाव हैं। लोकसभा नतीजों के बाद अभी तक फडणवीस, पवार और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने संयुक्त बैठक या प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी आगामी रणनीति नहीं बताई है। सुनील तटकरे ने कहा कि ''हम विधानसभा चुनाव आक्रामक तरीके से लड़ेंगे। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, दोनों उपमुख्यमंत्री (अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस) एकजुट होकर विधानसभा चुनाव लड़ने पर फैसला लेंगे।" अजीत पवार की पार्टी में तटकरे एकमात्र नेता हैं जो अपनी लोकसभा सीट जीत पाए हैं। 

एनडीए ने महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 17 सीटें जीतीं, जबकि विपक्षी महा विकास अघाड़ी गठबंधन, जिसमें शरद पवार की एनसीपी (एसपी) शामिल है, ने 30 सीटें हासिल कीं। अजीत पवार की पार्टी ने राज्य में चार लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा और केवल एक - रायगढ़ सीट पर जीत हासिल की।

उद्धव ठाकरे की चर्चा ज्यादा क्यों

नोएडा-दिल्ली के चैनल इस समय एक खबर को बुधवार से ही जोरशोर से चला रहे हैं कि भाजपा ने उद्धव ठाकरे को एनडीए में शामिल करने के लिए संपर्क किया। यह खबर बुधवार के बाद गुरुवार को भी चलाई गई। जबकि बुधवार को इंडिया गठबंधन की बैठक में शिरकत के लिए उद्धव ने अपनी पार्टी के सीनियर नेता संजय राउत को दिल्ली भेजा था। उद्धव ठाकरे का दिल्ली आना अचानक कैंसल हुआ था लेकिन मीडिया के एक वर्ग ने हवा फैलाई गई कि उद्धव इस बार पर नाराज हैं कि कांग्रेस को शिवसेना (यूबीटी)  से वोट ट्रांसफर नहीं हुआ, इसीलिए उसकी कम सीटें आईं। जबकि कांग्रेस को शिवसेना (यूबीटी) की ज्यादा सीटें आईं लेकिन कांग्रेस का वोट ट्रांसफर नहीं हुआ। अभी तक शिवसेना यूबीटी की ओर से इस अफवाहों पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है।

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