+
महाराष्ट्र : शुक्रवार-शनिवार को कब-क्या हुआ, जानें

महाराष्ट्र : शुक्रवार-शनिवार को कब-क्या हुआ, जानें

महाराष्ट्र में आख़िर कब, क्या हुआ और कैसे हुआ कि देखते देखते ही मंजर ऐसा बदला, जिसकी किसी ने दूर-दूर तक कल्पना नहीं की थी।

महाराष्ट्र की राजनीति में शुक्रवार-शनिवार के दरम्यान जितनी तेज़ी से घटनाएँ घटीं और स्थितियाँ बदलीं, उससे तमाम लोग हतप्रभ हैं। आख़िर कब, क्या हुआ और कैसे हुआ कि देखते देखते ही मंजर ऐसा बदला, जिसकी किसी ने दूर-दूर तक कल्पना नहीं की थी।

शुक्रवार को जिस समय कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना के नेता अलग-अलग और आपस में बैठक कर रहे थे, मुंबई से दूर दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह सक्रिय थे। उन्होंने अपने विश्वस्त भूपेंद्र यादव को मुंबई भेजा। यादव महाराष्ट्र बीजेपी के प्रभारी हैं।

उन्हें कहा गया था कि वह देवेंद्र फडणवीस से मुलाक़ात करें और उनके साथ शरद पवार के मतभेदों को दूर करें। यादव शाम 7 बजे मुंबई में थे। यानी, जिस समय शिवसेना-बीजेपी-कांग्रेस की बैठक चल रही थी, बीजेपी अपनी चालें चल रही थी और अलग-अलग लोगों से बात कर रही थी।  जानते हैं मुख्य घटनाक्रम :

  • शुक्रवार, 7.30 बजे शाम : कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना की बैठक पूरी, बैठक से बाहर निकल कर शरद पवार ने कहा कि उद्धव ठाकरे को मुख्य मंत्री बनाने पर आम सहमति बन गई है।
  • 9.30 बजे रात : देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिल कर समर्थन पत्र सौंपा।
  • 12.30 रात : एनसीपी नेता अजित पवार ने 54 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को दिया।
  • 12.30 रात : राज्यपाल ने राष्ट्रपति को पत्र सौंपा।

  • शनिवार, 5.47 सुबह : राष्ट्रपति शासन ख़त्म करने का आदेश।
  • 8.07 सुबह : देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद का शपथ लिया। 
  • 8.16 सुबह : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फडणवीस और अजित पवार को बधाई दी। 
  • 8.30 सुबह : फडणवीस ने कहा, ‘महाराष्ट्र की जनता ने हमें जनादेश दिया था, पर शिवसेना दूसरे दलों के साथ सरकार बनाने के प्रयास करती रही। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा। महाराष्ट्र को स्थायी सरकार चाहिए, खिचड़ी सरकार नहीं।’

  • 8.35 सुबह : अजित पवार ने कहा, ‘हमने सरकार बनाई, क्योंकि किसानों की दुरवस्था समेत राज्य में कई समस्याएँ हैं, जिनका तुरन्त निपटारा चाहिए।’ 
  • 9.27 सुबह : शरद पवार ने कहा, ‘अजित पवार का फ़ैसला व्यक्तिगत है, पार्टी का नहीं। हम उनके फ़ैसले का समर्थन नहीं करते, न ही उसका अनुमोदन करते हैं।’
  • 9.37 सुबह : कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसे ‘जनादेश के साथ धोखा, लोकतंत्र के साथ धोखा’ क़रार दिया। 

  • 9.52 सुबह : शिवसेना ने इसे ‘ऐसा अपराध क़रार दिया जो दिन के उजाले में राजभवन में किया गया है।’ शिव सेना ने कहा कि ‘इसमें शरद पवार की कोई भूमिका नहीं है। अजित पवार ने राज्य की जनता की पीठ में छुरा भोंका है।’
  • 1.30 दोपहर : शरद पवार ने उद्धव ठाकरे के साथ मिल कर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि एनसीपी विधायक उनके साथ हैं और विधानसभा में बहुमत साबित करना बीजेपी के लिए बहुत मुश्किल होगा। 
  • 1.40 दोपहर : कांग्रेस ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस, जिसमें अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और दूसरे नेता मौजूद थे।

  • 4.15 शाम : देवेंद्र फडणवीस मुंबई स्थित बीजेपी दफ़्तर पहुँचे, उन्होंने दावा किया कि वह बहुमत साबित कर दिखाएंगे। वहाँ जश्न मनाया गया, मिठाइयाँ बाँटी गईं, पटाखे फोडे गए, बीजेपी कार्यकर्ताओं ने विजय जुलूस निकाला। 
  • 5.15 शाम : अजित पवार ने अपने समर्थक विधायकों की बैठक बुलाई। 
  • 6.20 शाम : शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सेना विधायकों की बैठक बुलाई। शिवसेना ने सरकार बनाने के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। 
  • 6.30 शाम : इस समय तक राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के ज़्यादातर विधायक शरद पवार खेमे में लौट आए। 
  • 7.00 शाम : शरद पवार की अगुाआई में हुई बैठक में एनसीपी के 50 विधायक मौजद थे। 
  • 7.30 शाम : सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना की ज़मानत याचिका स्वीकार कर ली। 

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें