महाराष्ट्रः शिंदे सरकार का समर्थन करने वाले 4 NCP विधायक घिरे हैं केंद्रीय जांच से
एनसीपी के जिन 9 विधायकों ने कल रविवार को शिंदे-भाजपा सरकार में शामिल होकर उन्हें समर्थन दिया, उनमें से चार विधायकों के खिलाफ ईडी, सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियां जांच कर रही हैं। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विपक्ष का कहना है कि अभी कल तक पीएम मोदी एनसीपी को 20 हजार करोड़ की महाभ्रष्ट पार्टी बता रहे थे लेकिन अब एक हजार करोड़ के भ्रष्टाचारी भाजपा से मिल गए और वे ईमानदार हो गए।
एनसीपी के वरिष्ठ नेता और विधायक अजित पवार ने कल उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके साथ मंत्री पद की शपथ लेने वालों में छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे, अदिति तटकरे, धर्मराव अत्राम, अनिल पाटिल और संजय बनसोडे भी शामिल हैं।
आइए जानते हैं कि वो कौन चार एनसीपी नेता और विधायक हैं जो केंद्रीय एजेंसियों की जांच का सामना कर रहे हैं। NCP नेताओं और उनके परिजनों पर क्या हैं मामले:
अजित पवार पर आरोप
ईडी ने महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) घोटाले में अजित पवार और उनकी पत्नी सुनेत्रा से जुड़ी जरंदेश्वर शुगर मिल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। हालांकि, ईडी ने चार्जशीट में दंपत्ति को आरोपी नहीं बनाया है। एमएससीबी में कथित वित्तीय अनियमितताओं में अपने पहले आरोपपत्र में, ईडी ने दावा किया कि जरांदेश्वर शुगर मिल प्राइवेट लिमिटेड ने बैंक से ₹826 करोड़ का ऋण प्राप्त किया था, जिसमें से ₹487 करोड़ अभी भी बकाया है। मार्च में, ईडी ने मेसर्स गुरु कमॉडिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, उसके चार्टर्ड अकाउंटेंट योगेश बागरेचा और जरांदेश्वर शुगर मिल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया, जिसमें पुणे के जरांदेश्वर सहकारी साखर खरकाना (एसएसके) की नीलामी में अनियमितताओं को उजागर किया गया।
ईडी ने दावा किया कि बैंक ने इस तरह से नीलामी की कि केवल ओमकार डेवलपर्स के स्वामित्व वाली कंपनी गुरु कमॉडिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ही बोली को मंजूरी दी। एजेंसी ने आगे आरोप लगाया कि गुरु कमॉडिटी ने नीलामी में केवल जरंदेश्वर शुगर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रॉक्सी के रूप में भाग लिया, जो उस समूह से संबंधित कंपनी थी जिसमें अजीत पवार और उनकी पत्नी पूर्व निदेशक थे। गुरु कमॉडिटी की संपत्ति का इस्तेमाल जरांदेश्वर शुगर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड ने ₹826 करोड़ का ऋण प्राप्त करने के लिए किया था। आगे की जांच से पता चला है कि जरांदेश्वर एसएसके ने वर्ष 1999-2000 में परिचालन शुरू किया था। मालिकों ने एमएससी बैंक से ऋण लिया था, जिसमें से 78.90 करोड़ रुपये बकाया थे, जिसके आधार पर इसके खाते को एनपीए घोषित किया गया था। जुलाई 2010 में, इकाई को बैंक द्वारा अपने अधिकार में ले लिया गया।
अजित पवार के संबंध में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस का 2014 का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें फडणवीस जो बोल रहे हैं, आप भी सुनिए। वो अजित पवार से जेल में चक्की पिसवाने की बात कह रहे हैं।
Ajit Dada, Chakki Pissing-Pissing? pic.twitter.com/C6jJhiTWww
— Srinivas BV (@srinivasiyc) July 2, 2023
हसन मुश्रीफ पर आरोप
11 जनवरी को, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य में स्थित कुछ चीनी मिलों के संचालन में कथित अनियमितताओं के संबंध में मुश्रीफ और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत महाराष्ट्र में कई परिसरों पर तलाशी ली थी। पीटीआई ने बताया था कि ये चीनी मिलें और कारखाने एनसीपी विधायक हसन मुश्रीफ से जुड़े हुए हैं।ईडी की जांच कोल्हापुर में दर्ज एक एफआईआर और कंपनी रजिस्ट्रार द्वारा किसानों को ₹10,000 की जमा राशि के बदले सरसेनापति संताजी घोरपड़े शुगर फैक्ट्री के शेयरों के आवंटन के संबंध में दायर एक शिकायत पर आधारित है। 13 अप्रैल को, बॉम्बे हाई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुश्रीफ को गिरफ्तारी से दी गई अंतरिम सुरक्षा 27 अप्रैल तक बढ़ा दी थी।
मुश्रीफ ने 11 अप्रैल को एक विशेष अदालत द्वारा उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के बाद हाईकोर्ट में आवेदन किया था।
छगन भुजबल पर आरोप
भुजबल पर कथित करप्शन के बहुत सारे मामले हैं। हालांकि कुछ में वो बरी भी हुए हैं। अभी भी ईडी उनके खिलाफ जांच कर रही है। 2018 में, महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री को राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा जांच किए जा रहे महाराष्ट्र सदन घोटाला मामले में एक विशेष अदालत ने आरोपमुक्त कर दिया था। विशेष जज एचएस सतभाई ने भुजबल के साथ-साथ उनके बेटे पंकज, भतीजे समीर और पांच अन्य को सभी आरोपों से बरी कर दिया। 2006 में तीन परियोजनाओं के लिए ₹100 करोड़ से अधिक के ठेके देने में कथित अनियमितताओं की जांच की मांग करने वाली एक जनहित याचिका के बाद एसीबी द्वारा भुजबल और 16 अन्य के खिलाफ 2015 में मामला दर्ज किया गया था, जब भुजबल मुख्यमंत्री थे।राज्य के PWD मंत्री के रूप में दिल्ली में महाराष्ट्र सदन में निर्माण का ठेका देने, अंधेरी में एक नए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय भवन और मालाबार हिल में एक राज्य अतिथि गृह के निर्माण के लिए चमनकर डेवलपर्स को ठेके दिए गए थे। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी-लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाने वाला एक अलग मामला भी इस संबंध में दायर किया गया था।
प्रफुल्ल पटेल और इकबाल मिर्ची
इस साल की शुरुआत में, ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत, वर्ली के सीजे हाउस में कई इकाइयों को कुर्क किया, जो पूर्व केंद्रीय मंत्री और एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल और उनके परिवार के स्वामित्व में हैं। इस इमारत का निर्माण पटेल की कंपनी, मिलेनियम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 2006-07 में किया गया था। पिछले जुलाई में, ईडी ने पूर्व गैंगस्टर इकबाल मिर्ची से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत 12वीं, 13वीं, 14वीं और 15वीं मंजिल पर स्थित इकाइयों को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया था। पूर्व विमानन मंत्री पटेल का प्राथमिक निवास भी सीजे हाउस में है। ईडी ने 2019 में दो और मंजिलें कुर्क की थीं जो मिर्ची परिवार की थीं। दाऊद इब्राहिम गिरोह के प्रमुख सदस्य इकबाल मिर्ची की 2013 में लंदन में मौत हो गई थी।इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक प्रफुल्ल पटेल कथित मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में ईडी के निशाने पर आ गए थे। यह जांच यूपीए सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री के रूप में पटेल द्वारा लिए गए निर्णयों और विदेशी एयरलाइनों को लाभदायक मार्ग सौंपने, विदेशी निवेश के साथ प्रशिक्षण संस्थान खोलने में भ्रष्टाचार और लॉबिस्ट दीपक तलवार के साथ पटेल के संबंधों से जुड़े आरोपों से संबंधित थी। ईडी ने दावा किया, वह इन सौदों में बिचौलिया था।
हालाँकि, पटेल सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में आरोपी नहीं थे। मामले में ईडी ने उनसे एक बार पूछताछ की थी। जांच अभी भी जारी है।
अदिति तटकरे पर आरोप
2017 में, महाराष्ट्र में एसीबी ने अदिति तटकरे के पिता सुनील तटकरे, जो एक एनसीपी नेता थे, को चार्जशीट में नामित किया था क्योंकि यह राज्य में पिछली कांग्रेस-एनसीपी सरकार के दौरान सामने आए सिंचाई घोटाले की जांच कर रही थी। ब्यूरो की चार्जशीट उल्हास नदी पर कोंढाणे बांध परियोजना में कथित भ्रष्टाचार पर है। हालाँकि, टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 3,000 पेज के दस्तावेज़ में, सुनील तटकरे का नाम अंतिम पैराग्राफ में दिखाई दिया था। ब्यूरो ने कहा था कि चूंकि पिछली सरकार में सिंचाई मंत्री रहे तटकरे के खिलाफ जांच अधूरी थी, इसलिए वो बाद में नेता के खिलाफ "अलग आरोपपत्र" दायर कर सकता है।हालाँकि, घोटाले को उजागर करने में सबसे आगे रहीं कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने आरोपपत्र को धूल झोंकने वाला कहा था।
विपक्ष का तीखा हमला
विपक्षी दलों ने दावा किया है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नौ विधायक केंद्रीय जांच एजेंसियों के दबाव के आगे झुककर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए। महाराष्ट्र में एक आश्चर्यजनक घटनाक्रम में अजित पवार ने कल रविवार को एनसीपी को तोड़ दिया था।युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने भाजपा पर कटाक्ष किया और कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होने के बाद हसन मुश्रीफ भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्त हो गए हैं। श्रीनिवास ने ट्विटर पर मुश्रीफ के महाराष्ट्र के मंत्री के रूप में शपथ लेने का एक वीडियो क्लिप पोस्ट किया और कहा, "यह एनसीपी विधायक हसन मुश्रीफ हैं। कुछ दिन पहले, ईडी ने मामला दर्ज किया था, और उनके घर और चीनी कारखाने पर छापा मारा था। ”
ये NCP MLA हसन मुशरिफ है,
— Srinivas BV (@srinivasiyc) July 2, 2023
कुछ दिनों पहले ED ने मुकदमा दर्ज किया था, इनके घर और शुगर फैक्ट्री पर छापेमारी की थी
आज वाशिंग मशीन में पूरी तरह धूल कर Corruption Free हो चुके है।
क्या ED दोवारा इनके ठिकानों पर छापा मारेगी? pic.twitter.com/lRCIRDBbmw
राज्य में एनडीए में शामिल होने के बाद अजित पवार के साथ प्रेस को संबोधित करते हुए भुजबल ने कहा, "ऐसे आरोप हैं कि हमने अपने खिलाफ लंबित मामलों के कारण यह निर्णय लिया है। अजित दादा के खिलाफ कोई मामला नहीं है, यह सबसे महत्वपूर्ण बात है।" दूसरों के खिलाफ कोई मामला नहीं है। हसन मुश्रीफ के खिलाफ मामला है लेकिन अदालतें समय-समय पर उन्हें अंतरिम राहत देती रही हैं। उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।"