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महाराष्ट्र: न्यूनतम साझा कार्यक्रम में 'सेक्युलर' शब्द पर जोर

महाराष्ट्र: न्यूनतम साझा कार्यक्रम में 'सेक्युलर' शब्द पर जोर

शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) जारी कर दिया है। इसमें सेक्युलर शब्द पर जोर दिया गया है। इसके अलावा किसानों को राहत देने पर भी फ़ोकस है। 

शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) जारी कर दिया है। इसमें सेक्युलर शब्द पर जोर दिया गया है। इसके अलावा किसानों को राहत देने पर भी फ़ोकस है। प्रेस कॉन्फ़्रेंस में शिवसेना के विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र में किसान समस्याओं का सामना कर रहे हैं और हमारी सरकार किसानों के लिए सबसे अच्छा काम करेगी। उन्होंने कहा कि यह एक स्थिर सरकार होगी। तीनों दलों के इस गठबंधन को महा विकास अघाडी का नाम दिया गया है। 

एकनाथ शिंदे ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में नैनार रिफ़ाइनरी और बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट के मुद्दे पर चर्चा होगी। राज्य के लोगों को नौकरी में 80 प्रतिशत आरक्षण देने को लेकर क़ानून लाया जाएगा। इसके अलावा सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों को तत्काल भरा जाएगा। महा विकास अघाडी की ओर से जारी किए गए इस कार्यक्रम में कहा गया है कि हमारी सरकार सभी धर्म, जाति, पंथ के लोगों के लिए काम करेगी। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि समाज के सभी वर्ग के लोगों को साथ लेकर आगे बढ़ेंगे। सीएमपी में किसान, रोजगार, शिक्षा, शहरी विकास और महिलाओं के मुद्दे पर काम करने का वादा किया गया है। 

प्रेस कॉन्फ़्रेंस में मौजूद एनसीपी के विधायक दल के नेता जयंत पाटिल ने कहा कि शपथ ग्रहण के बाद उद्धव ठाकरे कैबिनेट की पहली बैठक लेंगे। राज्य सरकार में शामिल दलों के बीच समन्वय के लिए दो समितियां बनाई जाएंगी।

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