शराब बंदी: एक्शन में उमा, पत्थर मारकर तोड़ी शराब की बोतलें

09:31 am Mar 14, 2022 | संजीव श्रीवास्तव

मध्य प्रदेश में काफी वक्त से शराब बंदी की मांग उठा रहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रविवार को अपने पुराने 'फायरब्रांड अंदाज' के साथ सड़क पर उतर गईं। भोपाल के भेल क्षेत्र में स्थित एक दुकान में घुसकर उन्होंने पत्थर मारकर शराब की बोतलें फोड़ दीं। भीड़ ने साध्वी का अनुसरण किया और दुकान में जमकर पत्थर फेंक तोड़फोड़ की।

बता दें कि बीते गुरूवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उमा भारती के घर पहुंचे थे। दोनों के बीच शराब बंदी और नशा मुक्ति के संबंध में बातचीत हुई थी।

बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने एक ट्वीट करके कहा था, ‘उमा भारती जी, शराब मुक्ति एवं नशा मुक्ति को लेकर चिंतित हैं। उनकी इन चिंताओं पर सरकार जनप्रतिनिधियों, नागरिकों और सामाजिक संस्थाओं के साथ जनजागरण अभियान चलायेगी।’

मुख्यमंत्री ने ट्वीट में यह भी कहा था, ‘इस जनजागरण अभियान में सहयोग के लिए उमा भारती से साथ मांगा है।’

मुख्यमंत्री का 'जनजागरण' आरंभ होने से पहले ही रविवार को उमा भारती खासी एक्शन में नज़र आयीं। उमा भारती ने भेल के बरखेड़ा पठानी स्थित शराब की एक दुकान को सीधा निशाना बनाया।

क्षेत्र के लोगों और अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचीं उमा भारती अचानक दुकान में घुस गईं। सुरक्षा कर्मी सादी वर्दी में उमा के साथ थे। उमा भारती के हाथ में पत्थर था। उन्होंने पत्थर मारकर दुकान में सजी बोतलें चकनाचूर कर दीं।

उमा भारती का यह रूप और रवैया देखकर हर कोई सन्न रह गया। साथ चल रही भीड़ में शामिल उत्साहित महिला-पुरूषों ने 'भारत माता की जय' के उद्घोष के साथ दुकान में पत्थर बरसाये। इससे दुकान में सजी और रखीं शराब की बोतलें चकनाचूर हो गईं।

शराब की दुकान का ठेकेदार एवं उसके कर्मचारी पूर्व मुख्यमंत्री और तेजतर्रार नेता उमा भारती की दबंगई की पुलिस को सूचना अथवा उनके खिलाफ रिपोर्ट करने की हिम्मत नहीं जुटा पाये।

एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया

उमा भारती ने भेल की उपरोक्त दुकान को एक सप्ताह में बंद कर देने का ‘अल्टीमेटम’ ठेकेदार और प्रशासन को दिया है। साध्वी का आरोप है कि दुकान के पास मंदिर है। स्कूल है। मजदूरों की बस्ती है।

राज्य की शराब नीति में स्पष्ट प्रावधान है कि मंदिर और स्कूलों के पास दुकान नहीं चलाई जा सकती। तमाम आपत्तियों और धरने-प्रदर्शन, बारंबर ज्ञापन के बावजूद इस तरह की दुकानें पूरे राज्य में बेधड़क चल रही हैं।

नशाखोरों ने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के साथ प्रभु की अराधना में खलल के साथ महिला वर्ग का जीवन दूभर कर रखा है। नशाखोर नशे के बाद महिलाओं को भद्दे-भद्दे इशारे करते हैं। फब्तियां कसते हैं। 

उमा भारती ने कहा कि मजदूरों की पूरी कमाई शराब में जा रही है। इस तरह के हालात बर्दाश्त नहीं किये जायेंगे।

उमा भारती ने पिछले दिनों भोपाल के तरावली स्थित देवी मंदिर के पास की एक शराब की दुकान के सामने खड़े होकर पूछा था कि वे क्षेत्र में शराब की दुकान चाहते हैं या नहीं। लोगों ने मंदिर के पास शराब की दुकान का विरोध किया था। 

प्रदेश सरकार की नींद उड़ी

उमा भारती के ‘रौद्र रूप’ ने सरकार की नींद उड़ा दी है। दरअसल राज्य की कमाई का बड़ा जरिया शराब ही है। शिवराज सरकार ने एक अप्रैल से शराब के दामों में बड़ी कटौती की है। सीधे कहें तो सूबे में एक अप्रैल से देसी और अंग्रेजी शराब की कीमतों में 10 से 20 प्रतिशत के करीब की कमी आने वाली है।

सस्ती शराब के पहले ही उमा भारती के ‘सीधे एक्शन’ ने आबकारी अमले की चिंताएं बढ़ा दी हैं। असल में शराब की कमाई से जुड़ा विभाग का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है।

बड़े ठेकेदार पहले से ही सरकार के खिलाफ लामबंद हैं। मध्य प्रदेश में पिछले महीने शराब की दुकान में ‘हड़ताल’ (बिक्री बंद करने) का इतिहास बना है।

छोटे समूहों को आगे बढ़ाया जाना और शराब के व्यवसाय पर बड़े ठेकेदारों की पकड़ को कम करने संबंधी नीति में बदलाव इन प्लेयरों को पसंद नहीं आ रहे हैं।

बड़े समूहों की कथित नाराजगी और लामबंदी के बीच उमा भारती के रवैये ने सरकार को बेचैन कर डाला है।

प्रदेश कांग्रेस ने ‘आग’ में घी डाला

उमा भारती द्वारा शराब की दुकान में तोड़फोड़ के बाद प्रदेश कांग्रेस भी मौके को भुनाने में जुट गई है।

मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और कमल नाथ सरकार में मंत्री रहे जीतू पटवारी ने उमा भारती के ‘साहस’ की सराहना की। 

पटवारी ने पूर्व सीएम उमा भारती का आभार भी जताया। पटवारी ने ट्वीट कर कहा, ‘उमा भारती ने निःशब्द कर दिया। पहली बार लगा कि बीजेपी में कोई तो है, जिसकी कथनी/करनी में अंतर नहीं है। आज उठा पहला पत्थर मध्य प्रदेश में शराब बंदी की नींव में सजेगा। उम्मीद करें कि शिवराज जी की नींद टूटेगी, ताकि शराब अब लोगों के घर ना तोड़ पाए।’

‘हमें भी दी जाए इजाजत’

कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने ट्वीट कर कहा, ‘गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा जी, मैं भी मध्य प्रदेश में शराब के विरोध में हूं। मैं भी चाहता हूं कि प्रदेश में शराब बंदी हो, जिस तरह से प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती जी ने आज शराब की दुकान का विरोध किया है, वैसा विरोध मैं भी करना चाहता हूं। कृपया अनुमति दीजिये।’

पार्टी का इससे लेना-देना नहीं: बीजेपी

मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता हितेष वाजपेयी ने उमा भारती के शराब विरोधी आंदोलन को उनका निजी आंदोलन बताया। वाजपेयी ने कहा कि तरीका उनका अपना है और वे आंदोलन के बारे में बता भी रही हैं। वाजपेयी ने कहा, ‘वर्तमान घटनाक्रम पूर्ण रूप से उमा भारती जी का और प्रशासनिक विषय है। चूंकि यह बीजेपी का तय किया हुआ कार्यक्रम नहीं है, लिहाजा इस पर बीजेपी कोई टिप्पणी करे, उचित नहीं होगा। 

उधर कलेक्टर ने भी इस मामले पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।