मध्य प्रदेश के सिंगरौली ज़िले के शासन में रिलायंस घराने (अनिल अंबानी समूह) के बिजलीघर का फ्लाई एश डैम टूट गया है। ताप बिजलीघर से निकलने वाली राख से बने इस बांध के टूटने के बाद तेज़ बहाव में दो लोगों की मौत हो गयी है जिनमें एक बच्चा शामिल है जबकि कई लोग लापता हैं। राख मिले पानी के खेतों में भर जाने से हज़ारों एकड़ फ़सल बर्बाद हो गयी है।
दो दिन पहले घटी इस घटना के बाद खेतों में खड़ी गेहूँ, चने व सरसों की फ़सल राख मिले पानी से बर्बाद हो गयी है। प्रभावित किसानों का कहना है कि कई तरह के केमिकल मिले इस पानी के चलते अगली कई फ़सलों पर प्रभाव पड़ेगा। राख का बांध टूटने के बाद हालात को काबू में करने के लिए एनडीआरएफ़ की टीम वाराणसी से भेजी गयी। स्थानीय प्रशासन के मुताबिक़ बांध टूटने के ज़िम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।
बीते छह महीने में इस इलाक़े में यह दूसरी घटना है जब राख का डैम टूटा है। बीते साल अक्टूबर में नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) की सोनभद्र इकाई में शाहपुर में बना राख का डैम टूट गया था। इससे पहले अगस्त में भी इसी इलाक़े में एक अन्य बिजली कंपनी का राख का बांध टूट चुका है। जिसकी वजह से खेतों और घरों को काफ़ी नुक़सान हुआ था।
गाँव मलबे से पटा
मध्य प्रदेश के सिंगरौली ज़िले के बैढ़न थाना से 15 किलोमीटर दूर शासन में शुक्रवार शाम रिलायंस पावर प्रोजेक्ट का राख का बांध टूट गया था। रिलांयस का यह 3960 मेगावाट का अल्ट्रा पावर प्रोजेक्ट है। इस परियोजना से निकलने वाली कोयले की राख का सिद्धिखुर्ध हर्रवाह गाँव में बांध है जो टूट गया। बांध से निकले तेज़ बहाव वाले पानी से हर्रवाह गाँव के सभी घरों में मलबा भर गया जबकि अकेले इस गाँव के 200 एकड़ खेतों में खड़ी फ़सल पूरी तरह से डूब गयी। आसपास के कई इलाक़ों में तेज़ बहाव के साथ राख मिला पानी भर गया। शनिवार की सुबह डैम के बहाव में बह गए आठ साल के बच्चे अभिषेक कुमार शाह और 35 साल के युवक दिनेश कुमार का शव बरामद किया गया। जबकि तेज़ बहाव में बहे सीमा कुमारी (09), अंकित कुमार (03), चुन कुमारी (27) और राजद अली (28) अब भी लापता हैं और उनकी तलाश की जा रही है। गाँव वालों का कहना है कि इनके भी ज़िंदा बचने की संभावना बहुत कम है।
खेती से लेकर पीने के पानी तक होगी दिक्कत
स्थानीय गाँववालों के मुताबिक़ एश डैम का मलबा नालियों से होते हुए रेणुका नदी पर बने हुए रिहंद बांध में चला गया है। इस बांध से सिंगरौली-सोनभद्र ज़िले के लगभग 20 लाख लोगों को पीने के पानी की सप्लाई की जाती है। इसके अलावा राख मिला पानी यहाँ की स्थानीय गोहबोईया नदी में भी जा गिरा जिसे पीने वाले पशुओं को भी बीमारी हो सकती है और सिंचाई पर असर पड़ेगा। बांध टूटने से जो पानी खेतों में भरा है उसका असर आने वाली फ़सलों पर भी पड़ेगा। इस पानी में केमिकल के साथ ही खेती के लिए ख़तरनाक कई अयस्क भी मिले रहते हैं।