अपने क्षेत्र के सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत का ‘गणित’ सिखाने के साथ बिगड़े बोल को लेकर चर्चाओं में रहने वाली मध्य प्रदेश की एक महिला विधायक के ‘आपा’ खोने का वीडियो वायरल हुआ है। वायरल वीडियो में विधायक अपने जिले के कलेक्टर को खरी-खोटी सुनाते हुए उन्हें, ‘अंधा, बेवकूफ, बदतमीज और ढोर बता रही हैं। भरी सभा में विधायक की बदसुलूकी की शिकायत कलेक्टर ने पुलिस से की है। को करते हुए एफआईआर करने को कहा है।
मामला दमोह जिले का है। पथरिया से बसपा (पार्टी से निलंबित हैं) विधायक रामबाई सिंह परिहार अपने समर्थकों के साथ शुक्रवार दोपहर बाद कलेक्टोरेट पहुंची थीं। उनकी शिकायत, नरसिंहगढ़ क्षेत्र में जन समस्या शिविर में अफसरों के नहीं पहुंचने को लेकर थी।
समर्थकों की संख्या ज्यादा होने के चलते कलेक्टर एस. कृष्ण चेतन्य सभी को सुनने के लिये चेंबर के बाहर आ गए। विधायक की शिकायत पर कलेक्टर कहते हैं, जांच करवा लूंगा। शिविर नियमानुसार हो रहे हैं। विधायक गरम होती हैं तो कलेक्टर दोहराते हैं, चेक करवा लेंगे।
बार-बार चेक कराने की बात करना विधायक को नागवार लगता है। वे अपना आपा खो बैठती हैं। विधायक चीखते हुए कहती हैं, ‘आंखें फूट गई हैं क्या? कलेक्टर हो या ढोर हो?’
कलेक्टर खड़े-खड़े चुपचाप सुनते रहते हैं। बेकाबू महिला विधायक रामबाई यहीं नहीं रुकती हैं। वे कलेक्टर से मुख़ातिब होकर आगे कहती हैं, ‘तुझे 2 रुपए की अकल नहीं है।’ कलेक्टर विधायक की बात को अनसुना करते हुए मौजूद महिलाओं को समस्या के समाधान का पुनः आश्वासन देते रहते हैं। रामबाई शांत नहीं होतीं, वे कलेक्टर को बेवकूफ और बदतमीज भी कहती हैं।
‘पीएम-सीएम के नाम पर शिविर केवल औपचारिकताएं’
विधायक रामबाई ने मौके पर मौजूद मीडिया से कहा, ‘कलेक्टर-एसपी चैंबर में बैठे रहते हैं। जनता परेशान है। लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के जन्मदिन के मौके पर लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए शिविर आयोजन की रस्म अदायगी भर हो रही है। केवल औपचारिकता निभा कर अधिकारी पल्ला झाड़ ले रहे हैं। जवाबदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचते। इसी शिकायत के लिये वह लोगों को लेकर कलेक्ट्रेट आई थीं।
विधायक के मुताबिक, कलेक्टर को समस्या बताई तो वह बार-बार कह रहे हैं, जांच करा लेंगे, चेक करा लेंगे। इसलिए उन्हें गुस्सा आ गया।’
कलेक्टर ने कहा, एफआईआर कराएंगे
उधर, कलेक्टर एस.कृष्ण चेतन्य का कहना है, ‘विधायक ने पूरी प्लानिंग के साथ यह हरकत की है। इसलिए वह उनके खिलाफ एफआईआर करा रहे हैं। उन्होंने एसपी को इस मामले की जानकारी दे दी है।’
सुर्खियों में रहती हैं रामबाई
विधायक रामबाई द्वारा ‘दबंगई’ दिखाने का यह पहला मौका नहीं है। क्षेत्र में पहले भी ऐसे ही व्यवहार को लेकर वे सुर्खियों में रहीं हैं। सड़क पर अफसरों से सीधे भिड़ जाने और बदजुबानी करने के कई आरोप उन पर लगे हैं। पिछले साल सरकारी कर्मचारियों को ‘रिश्वत’ का गणित बताता उनका एक वायरल वीडियो जमकर सुर्खियों में रहा था। विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने पंचायत कर्मचारियों द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायत की थी। इस पर एक्शन की जगह रामबाई, पंचायत के ‘आरोपी कर्मचारियों’ को भ्रष्टाचार का गणित समझाते नज़र आयीं थीं। वे कहते दिखी थीं, ‘एक हजार रुपए तक की रिश्वत लेने में कोई बुराई नहीं है। आटे में नमक बराबर रिश्वत चलती है।’
महिला पार्षद ने उपयंत्री पर तानी चप्पल
दमोह में रामबाई के हंगामे के अलावा प्रदेश के सतना शहर में एक निर्दलीय महिला पार्षद मीना माधव द्वारा उपयंत्री पर चप्पल तानने का वीडियो शुक्रवार को वायरल हुआ। महिला पार्षद निर्माण संबंधी फाइल की ‘खोज-खबर’ हेतु निगम कार्यालय पहुंचीं थीं।
फाइल नहीं मिली। कर्मचारियों से विवाद हुआ। उपयंत्री राजेश गुप्ता ने कर्मचारियों से खराब बर्ताव पर आपत्ति की तो विवाद बढ़ गया। इसके बाद चप्पल लहराते हुए उपयंत्री राजेश गुप्ता की ओर लपक गईं। बामुश्किल अप्रत्याशित घटनाक्रम को टाला गया।
महिला पार्षद का आरोप है निगम के कर्मचारी अपने ‘निजी हितों’ के लिये विकास कार्यों में रोड़े अटकाते हैं। अकारण फाइल रोकते हैं। छिपा देते हैं। विरोध करो तो बदसुलूकी करते हैं। अफसर ऐसे कर्मचारियों को श्रेय देते हैं। उन्होंने कहा, ‘उपयंत्री ने बदतमीजी को तो उन्होंने चप्पल उठाई।’
उधर, उपयंत्री का आरोप है, ‘महिला पार्षद दुर्गोत्सव के लिये चंदा देने का दबाव बना रहीं थीं। मना करने पर उन्होंने हंगामा किया। बदसुलूकी की। पुलिस से मामले की शिकायत की गई है।’
दोनों विवादों पर कांग्रेस ने ली चुटकी
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने दोनों मामलों पर सत्तारूढ़ दल की चुटकी ली है। उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री लफ्फाजी करते हैं। रिश्वतखोरी पर उलटा टांग देने को लेकर फिल्मी अंदाज वाले बयान देते हैं। मगर भ्रष्ट मशीनरी पर एक्शन नहीं लेते।’
मिश्रा आगे कहते हैं, ‘दमोह और सतना में शुक्रवार को जो हुआ, वह इसी का परिणाम है। आकंठ भ्रष्टाचार ने आम लोगों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों को भी मुश्किल में डाल रखा है। हिस्सा-बांट को लेकर विवाद हो रहे हैं।’