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बजरंग दल... और दिलजीत दोसांझ दहाड़े- 'किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़े ही है'

बजरंग दल... और दिलजीत दोसांझ दहाड़े- 'किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़े ही है'

राहत इंदौरी के गृहनगर में दिलजीत दोसांझ के संगीत कार्यक्रम पर बजरंग दल प्रतिबंध लगाने की मांग क्यों कर रहा था? जानिए बजरंग दल की आपत्ति क्या थी और क्या दिलजीत दोसांझ ने राहत इंदौरी की पंक्तियों से जवाब दिया।

बीजेपी शासित मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक बार फिर से 'किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़े ही है' गूंज उठा। उर्दू कवि राहत इंदौरी की इन पंक्तियों को दिलजीत दोसांझ ने अपने एक कॉन्सर्ट में उनको समर्पित किया। यह वही कॉन्सर्ट है जिसका बजरंग दल के लोगों ने विरोध किया था। 

उनके विरोध के बावजूद कॉन्सर्ट हुआ और दोसांझ ने दर्शकों से खचाखच भरे कॉन्सर्ट में जबर्दस्त प्रस्तुति दी। सोमवार को इंस्टाग्राम पर दोसांझ ने अपनी इस प्रस्तुति के वीडियो को पोस्ट पर स्माइली के साथ लिखा, 'लव यू इंदौर.. बहुत प्यार.. कल का कॉन्सर्ट राहत इंदौरी साहब के नाम रहा...'। 

राहत इंदौरी ने अपनी शायरी से युवा दर्शकों के दिलों पर दशकों तक राज किया। उनका अगस्त 2020 में निधन हो गया। राहत इंदौरी की पंक्तियों 'हिंदुस्तान किसी के बाप का नहीं है' का इस्तेमाल पूरे भारत में कई विरोध प्रदर्शनों में भी किया जाता रहा है।

गायक दिलजीत दोसांझ ने इंदौर में रविवार को अपना संगीत कार्यक्रम उर्दू कवि राहत इंदौरी को समर्पित किया और उनकी प्रसिद्ध पंक्तियां, 'किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़े ही है' सुनाईं। इस पर खचाखच भरे दर्शकों ने तालियां बजाईं।

उन्होंने राहत इंदौरी की पंक्तियाँ दोहराईं-

अगर खिलाफ़ हैं... होने दो, जान थोड़ी है। 

ये सब धुआं है... आसमान थोड़ी है। 

सभी का खून है शामिल यहां की मिट्टी में, किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है

राहत इंदौरी के गृहनगर में दोसांझ द्वारा प्रस्तुत किए गए इस संगीत कार्यक्रम को बजरंग दल द्वारा उनके संगीत कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाने की मांग के जवाब के रूप में देखा जा रहा है। बजरंग दल ने इसमें 'शराब और मांस के उपयोग' का आरोप लगाया था और शहर की संस्कृति पर इस कार्यक्रम के प्रभाव को लेकर चिंता जताई। हालाँकि, दोसांझ ने अपने कार्यक्रम के दौरान बजरंग दल का जिक्र नहीं किया। 

बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दोसांझ के संगीत कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए पुलिस से संपर्क किया था। उनका दावा था कि शराब और मांस परोसकर संस्कृति को 'कलंकित' करने का इरादा था। बजरंग दल इंदौर संभाग संयोजक प्रवीण दरेकर ने टीओआई को बताया, 'हम पिछले दो सालों से शराब, ड्रग्स और मांस के सेवन के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। हमने पुलिस को दिलजीत दोसांझ के संगीत कार्यक्रम के बारे में बताया और प्रशासन-पुलिस ने मदद की।'

रिपोर्ट के अनुसार बजरंग दल की एक टीम ने कॉन्सर्ट स्थल का दौरा किया और दावा किया कि उन्हें दो स्टॉल मिले, जिन पर शराब और मांसाहारी भोजन के लिए मशहूर एक अंतरराष्ट्रीय फास्ट-फूड ब्रांड के पोस्टर लगे थे। दरेकर ने कहा, 'हमारे हस्तक्षेप के बाद दोनों को हटा दिया गया।'

यह पूछे जाने पर कि क्या दोसांझ बजरंग दल के विरोध का जवाब देना चाहते थे, दरेकर ने कहा कि उन्हें विरोध के बारे में पता चल गया होगा। अंग्रेजी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, 'उन्हें देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए जाना जाता है। उन्होंने किसानों के विरोध प्रदर्शन के लिए धन भी दिया।'

(इस रिपोर्ट का संपादन अमित कुमार सिंह ने किया है)

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