अहमदाबाद सीरियल धमाकों में फांसी की सजा पाने वाले भोपाल जेल में बंद छह सजायाफ्ताओं की सुरक्षा में भारी इजाफा किया गया है। भोपाल जेल के ताले बदले गए हैं। एडीजी स्तर के अफसर की अगुवाई में कमेटी बनाते हुए हर दिन समीक्षा के साथ सुरक्षा के लिए कई अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए हैं।
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार शाम को अफसरों के साथ इस मामले की समीक्षा की और कई निर्देश अफसरों को दिए।
समीक्षा में बताया गया कि कोर्ट द्वारा अहमदाबाद धमाकों के 38 अभियुक्तों को दोषी करार दिए जाने और सभी को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद इस मामले में भोपाल जेल में बंद छह कैदियों की सुरक्षा बढ़ाई जाए।
सिमी से इनके तार जुड़े होने की वजह से पहले से ही इन्हें जेल की अंडाकार सेल में रखा जा रहा था।
फैसला आने के बाद जेल की ताला व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन किए गए हैं। पुराने तालों को बदलते हुए नए ताले लगाये गये हैं। गृह मंत्री ने जेल के सभी ताले बदलने और चाबियों को चाक-चौबंद सुरक्षा में रखे जाने के निर्देश दिए।
जेल के निकटस्थ थाने में हॉटलाइन स्थापित करने का भी फैसला हुआ। जेल से किए जाने वाले फोन की अलग से पहचान हो। जैसे ही जेल से फोन पहुंचे, तत्काल पूरा थाना एक्शन में आ जाये, इसका भी निर्देश दिया गया।
निर्देश दिया गया है कि जेल की जिस सेल में धमाकों के दोषी बंद हैं उस पर नज़र रखने के लिए अलग टावर बनाया जाये। जेल के सभी सीसीटीवी कैमरे, हाईमास्ट लाइट और फैंसिंग की बारीकी से जांच कर ली जाये। परीक्षण में यदि कहीं भी कमी नज़र आये तो उसे तुरंत दूर किया जाये।
दोषियों पर निगाह बनाये रखने के लिए एडीजी स्तर के अधिकारी की अगुवाई में एक कमेटी का गठन किया गया है। जेल डीआईजी और भोपाल सेन्ट्रल जेल के अधीक्षक को इसमें रखा गया है।
यह कमेटी हर दिन सुरक्षा की समीक्षा करेगी। फांसी की सजा पाने वालों के खान-पान इनसे मेल-मुलाकात करने वालों पर नज़र रखने की जिम्मेदारी भी इसी कमेटी की होगी। जेल के बाहर की पूरी सुरक्षा व्यवस्था भोपाल पुलिस को देखनी होगी।
गृहमंत्री मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में इस बात की पुष्टि की कि अहमदाबाद धमाकों के सजायाफ्ता कैदियों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाये जाने संबंधी अनेक फैसले लिए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा, ‘यह बेहद जरूरी था।’
जेल से भागे थे कैदी
सिमी से जुड़े कैदियों द्वारा भोपाल जेल को तोड़ने की घटना हो चुकी है। तमाम सुरक्षा को भेदते हुए कैदी भाग खड़े हुए थे। हालांकि भोपाल पुलिस ने घेराबंदी करते हुए मुठभेड़ में इन्हें मार गिराया था।