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एमपी: बीजेपी में सीएम पद के लिए दौड़ तेज, शिवराज-तोमर आगे

एमपी: बीजेपी में सीएम पद के लिए दौड़ तेज, शिवराज-तोमर आगे

अगर कमलनाथ सरकार गिर जाती है और बीजेपी सरकार बना लेती है, तो सूबे का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? यह सवाल भोपाल से लेकर दिल्ली तक पूछा जा रहा है। 

मध्य प्रदेश में बीजेपी अपने ‘गेम प्लान’ में कामयाब होती दिख रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस  से इस्तीफ़ा दे दिया है और उनका बीजेपी में शामिल होना तय माना जा रहा है। कांग्रेस से बग़ावत के बदले में उन्हें राज्यसभा का टिकट और केन्द्र में मंत्री बनाये जाने की चर्चा जोरों पर है। 

सिंधिया ने मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात की है। सिंधिया समर्थक मंत्रियों, विधायकों की बग़ावत के बाद अगर कमलनाथ सरकार गिर जाती है और बीजेपी सरकार बना लेती है, तो सूबे का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा यह सवाल भोपाल से लेकर दिल्ली तक पूछा जा रहा है। बीजेपी में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की दौड़ तेज हो गई है। 

कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का ‘साथ’ मिल जाने के बाद से बीजेपी खेमा खुश है। सिंधिया साफ-सुथरा और ऊर्जावान चेहरा हैं। सिंधिया अगर बीजेपी में चले जाते हैं तो इससे सिंधिया से कहीं ज्यादा फायदा बीजेपी को होगा। सिंधिया राजघराने के पुराने राजनीतिक ट्रैक (जनसंघ की पृष्ठभूमि) के चलते बीजेपी में ‘एडजस्ट’ होने में ज्योतिरादित्य को बहुत अधिक कठिनाई नहीं होगी।

अगर बीजेपी सत्तापलट करने में सफल होती है और सरकार बना लेती है तो इस सरकार की अगुवाई कौन करेगा कमलनाथ सरकार को ‘अस्थिर’ करते हुए बीजेपी की सत्ता में पुनर्वापसी के प्रयासों में मध्य प्रदेश बीजेपी के कई नेता लंबे वक्त से पसीना बहा रहे हैं।

पसीना बहाने वाले बीजेपी के इन नेताओं में केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का नाम सबसे ऊपर है। कांग्रेस, बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों को तोड़ने में पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा और भूपेन्द्र सिंह ने भी जमकर ‘मेहनत’ की है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी बीजेपी की सत्ता में वापसी के लिए हरेक जतन किये हैं।

बीजेपी में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की फेहरिस्त वैसे तो काफी लंबी है, लेकिन पार्टी की सुई दो-तीन लोगों के आसपास ही घूमती नज़र आ रही है। प्रदेश में 13 साल तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान इस पद के तगड़े दावेदारों में शुमार हैं। नरोत्तम मिश्रा ने जिस तरह का रोल पिछले 14 महीनों के दौरान निभाया है, उस हिसाब से वह भी मुख्यमंत्री की कुर्सी की रेस के प्रबल धावकों में शामिल हैं।

उधर, केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मुख्यमंत्री की कुर्सी की रेस के ऐसे ‘धावक’ माने जा रहे हैं, जिन्हें खुद पार्टी आख़िरी वक्त में आगे कर सकती है। असल में, तोमर हरेक गुट में मान्य हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के कोर ग्रुप के प्रमुख सदस्यों में उनकी गिनती होती है। आरएसएस में भी उनकी पैठ शिवराज की तुलना में कम नहीं है। कुल जमा तमाम समीकरण तोमर के पक्ष में दिखते हैं।

आज शाम को बीजेपी संसदीय दल की बैठक होने वाली है। इसमें सिंधिया को राज्यसभा सदस्य बनाये जाने संबंधी फ़ैसला लिया जा सकता है। इसके बाद बीजेपी मध्य प्रदेश विधानसभा के 16 मार्च से आरंभ होने जा रहे बजट सत्र के दौरान कांग्रेस की सरकार को गिराने में आसानी से कामयाब हो जायेगी।

मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन पांच दिनों की छुट्टी पर गये थे। होली मनाने के लिए लखनऊ पहुंचे टंडन की छुट्टी केन्द्र ने निरस्त कर दी है और वह भोपाल लौट आये हैं। केन्द्र द्वारा महामहिम टंडन की छुट्टी रद्द किये जाने को लेकर भी कई अर्थ निकाले जा रहे हैं। 

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