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मप्र: सेक्स वीडियो वायरल होने पर वरिष्ठ आईएएस अफ़सर की ‘छुट्टी’

मप्र: सेक्स वीडियो वायरल होने पर वरिष्ठ आईएएस अफ़सर की ‘छुट्टी’

आईएएस अफ़सर के आपत्तिजनक वीडियो क्लिप्स वायरल होने के बाद कमलनाथ सरकार ने उनकी आधा दर्जन से ज़्यादा महत्वपूर्ण महकमों से छुट्टी कर दी है।

मध्य प्रदेश के एक रंगीन मिजाज वरिष्ठ आईएएस अफ़सर के आपत्तिजनक वीडियो क्लिप्स वायरल होने के बाद राज्य सरकार ने उनकी आधा दर्जन से ज़्यादा महत्वपूर्ण महकमों से छुट्टी कर दी है। अपर मुख्य सचिव स्तर के इस अफ़सर के एक महिला के संग कथित आपत्तिजनक वीडियो फ़ुटेज रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। वायरल हुईं लगभग आधा दर्जन अलग-अलग क्लिप्स में, महिला के साथ बेहद आपत्तिजनक मुद्राओं में नज़र आ रहे शख़्स भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1984 बैच के अफ़सर हैं। वीडियो फ़ुटेज वायरल होने के बाद से मध्य प्रदेश की नौकरशाही में हड़कंप मचा हुआ है। खबरें आईं थीं कि अफ़सर से जुड़ी वायरल हुईं क्लिप्स रविवार को ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और मुख्य सचिव सुधि रंजन मोहंती तक भी पहुँच गयी थीं।

बताया जा रहा है कि पूरा मामला सामने आते ही मुख्यमंत्री नाथ ने तीख़ी नाराजगी जताई। उन्होंने चीफ़ सेक्रेटरी को दो टूक निर्देश दिये कि मध्य प्रदेश को शर्मसार करने वाले अफ़सर को बिना देर किए अहम महकमों से चलता करें। सीएम नाथ ने यह भी कहा विधिवत पूरे प्रकरण की जाँच करें और दोषी पाये जाने पर अधिकारी के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करें। 

इधर, शुरुआती छानबीन के बाद सोमवार देर शाम आईएएस अफ़सर को सामान्य प्रशासन विभाग से हटा दिया गया। तबादला आदेश जारी होते ही ‘वायरल वीडियो क्लिप्स’ और अफ़सर के नाम को लेकर खुसर-पुसर और भी बढ़ गई। राज्य के सभी विभाग सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन आते हैं। आईएएस अफ़सरों के तबादले और पदस्थापनाएँ भी यही महकमा करता है। 

बता दें कि, जो वीडियो वायरल हुआ उसे घर में बनाया गया है। अलग-अलग क्लिप्स में से एक में महिला के साथ अफ़सर महोदय शराब पी रहे हैं। शराब पीने के दौरान महिला के साथ अश्लीलता भी चल रही है। वीडियो में नज़र आ रही महिला भी शराब पीती दिख रही है।

सामान्य प्रशासन विभाग के मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने सोमवार को अफ़सर का नाम लिए बगैर मीडिया से कहा था, ‘पूरा मामला मेरे ध्यान में आ गया है। मुख्यमंत्री तक भी प्रकरण पहुँच गया है। बहुत शीघ्र सरकार सख़्त एक्शन लेगी।’ मंत्री के बयान के कुछ घंटों बाद ‘एक्शन’ (तबादला आदेश जारी) हो गया। राज्य सरकार ने इन अफ़सर को आदिमजाति अनुसंधान एवं विकास संस्थान भोपाल में स्थानापन्न संचालक के पद पर भेजा है। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि जिस पद पर इन अफ़सर को पदस्थ किया गया है, उस पर अब से पहले अपर मुख्य सचिव स्तर के अफ़सर को कभी पदस्थ नहीं किया गया। आम तौर पर सचिव और कुछ अवसरों पर ही प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी इस पद पर पदस्थ किये जाते रहे हैं। 

अफ़सर को हटाने की उठाई थी माँग

वीडियो वायरल होने के बाद भले ही सरकार और प्रशासन में बैठे अफ़सरों को सांप सूंघा रहा। ‘मौका’ मिलते ही बयानों की झड़ी लगाने वाले दल और उसके नेता ख़ामोशी अख़्तियार किए रहे, लेकिन मध्य प्रदेश कांग्रेस से जुड़े एक आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने सोमवार सुबह 11 बजे ट्वीट कर अफ़सर को हटाने की माँग कर डाली थी। एक्टिविस्ट दुबे ने अपने ट्वीट में कहा था, मध्य प्रदेश सरकार के इस अफ़सर के ख़िलाफ़ ‘गंभीर अनियमितताओं’ की निष्पक्ष जाँच हो। वह लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू, राजभवन, मानव अधिकार आयोग और सूचना आयोग जैसे कई संवेदनशील विभाग के साथ समन्वय देखते हैं, अत: इन्हें तत्काल इन जिम्मेदारियों से मुक्त किया जाये।

चीफ़ सेक्रेटरी की दौड़ में थे

रंगीन मिजाज अफ़सर राजस्थान मूल के हैं। शिवराज सरकार में उनका ख़ासा जलवा रहा। वह शिवराज के ख़ास सदस्यों में शुमार होते रहे। बीजेपी की सरकार में उनके पास अहम महकमों का दायित्व बना रहा। निज़ाम बदला तो मध्य प्रदेश की नई सरकार में ‘एडजस्ट’ हो गये। कमलनाथ सरकार आने पर उन्हें जनवरी 2019 में प्रोफ़ेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (व्यापमं) के अध्यक्ष पद और एसीएस जीएडी पद की जिम्मेदारी दी गई। 

जनवरी महीने में ही 1982 बैच के अफ़सर सुधि रंजन मोहंती को मध्य प्रदेश का चीफ सेक्रेट्री बनाया गया था। दिग्विजय सिंह सरकार में हुए सैकड़ों करोड़ के बहुचर्चित एमपीएसआईडीसी घोटाले के प्रमुख किरदारों में शामिल रहे मोहंती की मुख्य सचिव पद पर ताजपोशी में खूब पैंचबाजी हुई। मुख्य सचिव पद के लिए तमाम नाम चले थे। इन नामों में इन अफ़सर का नाम भी बेहद प्रमुखता के साथ दौड़ में शामिल रहा था। हालांकि बाद में मोहंती बाजी मारने में सफल हो गए थे। मोहंती का रिटायरमेंट मार्च 2020 में है। जबकि यह अफ़सर जून 20 में सेवानिवृत्त होंगे। 

प्रशासनिक हलकों में यह सुगबुगाहट भी बनी हुई है कि सरकार उन्हें लंबी छुट्टी पर भेज सकती है। इस बीच वीडियो क्लिप्स की विधिवत जाँच करायी जायेगी। जाँच में क्लिप्स सही पाये जाने (क्लिप्स सौ फ़ीसदी सही होने की संभावनाएँ बतायी जा रही हैं) पर उनके ख़िलाफ़ सख़्त एक्शन लेने में देर नहीं की जायेगी। बताया जा रहा है कि एक प्रयास यह भी हो रहा है कि वह स्वयं ही आगे आकर बेमियादी अवकाश पर चले जायें।

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