वैलेंटाइन डे विशेष : अभिनेत्री मधुबाला को नहीं मिला उसका प्यार
उनकी ख़ूबसूरती आज भी एक मिसाल है। वह दुनिया की सबसे खू़बसूरत महिलाओं में शुमार की जाती हैं। उनका ज़िक्र किए बिना विश्व सिनेमा का इतिहास पूरा नहीं हो सकता। अब इसे क्या कहें कि रूपहले पर्दे की वीनस कहलाने वाली इस महिला यानी मधुबाला को दुनिया की तमाम नेमतें मिलीं लेकिन उन्हें उनका प्यार नहीं मिल सका। जबकि मधुबाला को चाहने वालों की कतार में सिने जगत के दिग्गज लोग शामिल थे।
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‘बसंत’ में दिखीं पहली बार
फ़िल्मी पर्दे पर मधुबाला 9 साल की उम्र में पहली बार नज़र आईं। फ़िल्म का नाम था ‘बसंत’। फ़िल्म में उन्होंने बेबी मुमताज के नाम से काम किया। एक दिन डायरेक्टर केदार शर्मा की नज़र मधुबाला पर पड़ी, तब तक वह 13 साल की हो चुकी थीं। केदार शर्मा को पहली बार में ही यकीन हो गया कि यह लड़की क़यामत ढाएगी।
- केदार शर्मा ने मधुबाला और राजकपूर को लेकर फ़िल्म बनाई, नाम था - नील कमल। फ़िल्म भले ही ज़्यादा सफल नहीं हो सकी लेकिन मधुबाला ने इससे अपनी पहचान बना ली। केदार शर्मा ने ही मुमताज को मधुबाला नाम दिया और फिर यही नाम फ़िल्मों के इतिहास में हमेशा के लिए अमर हो गया।
दिल दे चुके थे केदार
कमसिन मधुबाला को एहसास ही नहीं हुआ कि जिन केदार शर्मा को वे अपना गुरू मानती थीं, वही केदार शर्मा दिल ही दिल में उन्हें चाहने लगे हैं। दोनों के बीच उम्र का बड़ा अंतर था और इस बात का अहसास केदार शर्मा को भी था। शायद इसी वजह से केदार शर्मा अपने दिल की बात दिल में ही दबाए रहे।
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नीलकमल रिलीज़ होने के बाद मधुबाला के पास फ़िल्मों के प्रस्ताव आने शुरू हो गए। पराई आग (1948), लाल दुपट्टा (1948), देश सेवा (1948), अमर प्रेम (1948), सिपहिया (1949) और सिंगार (1949) इसी दौर की फ़िल्में हैं। इसके बाद कमाल अमरोही की फ़िल्म 'महल' रिलीज़ हुई। इस फ़िल्म से मधुबाला छा गईं। महल का एक गीत ‘आएगा आएगा आने वाला आएगा’ लोग आज भी नहीं भूल पाए हैं।
'महल' की शूटिंग के दौरान कमाल अमरोही मधुबाला की खू़बसूरती के जादू में क़ैद हो गए। पहले से शादी-शुदा कमाल मधुबाला से शादी तक करने को तैयार थे। लेकिन मधुबाला के पिता ने बहुत समझदारी से इस अध्याय को ख़त्म करवा दिया।
मधुबाला की शख़्सियत का सबसे असरदार पहलू था उनकी फरिश्तों जैसी मुस्कुराहट। इस मुस्कुराहट ने हर उस शख्स को दीवाना बना दिया जिसे उनके नज़दीक जाने का मौक़ा मिला। उस वक़्त मधुबाला की उम्र महज 17 साल थी जब प्रेमनाथ उनके दीवाने बन गए।
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दिलीप कुमार भी चाहने लगे
प्रेमनाथ मधुबाला के प्यार में और आगे बढ़ पाते, प्रेमनाथ के दोस्त दिलीप कुमार ने मधुबाला में दिलचस्पी लेना शुरू कर दिया। अपनी मुस्कुराहट से क़यामत ढाने वाली मधुबाला दिलीप कुमार की शर्मीली मुस्कुराहट का शिकार हो गईं।
प्रेमनाथ अभी आगे बढ़ ही रहे थे कि दिलीप कुमार का नाम सुनते ही मधुबाला की आँखों में उभरने वाली चमक देखने के बाद प्रेमनाथ ने अपने क़दम रोक लिए।
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डायलॉग भूल जाते थे शम्मी कपूर
मधुबाला के हुस्न के जादू से बचना शायद किसी के लिए भी मुमकिन नहीं था। उनके साथ अपनी पहली फ़िल्म करने वाले शम्मी कपूर तो मधुबाला को सामने देख कर अपने डायलॉग भूल जाया करते थे। मधुबाला के सौंदर्य ने शम्मी कपूर को इस तरह जकड़ा कि शम्मी ने अपनी माँ के सामने एलान कर दिया था कि वह मधुबाला से ही शादी करेंगे। लेकिन घरवालों की राय पर शम्मी कपूर ने अपनी दीवानगी पर क़ाबू पाया और मधुबाला से हमेशा एक सहयोगी कलाकार वाला रिश्ता ही निभाया।
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ख़त्म हुए दिलीप-मधुबाला के रिश्ते
दिलीप कुमार और मधुबाला की मुहब्बत शादी की देहरी तक पहुँच गई लेकिन एक ज़रा सी बात पर सब कुछ ख़त्म हो गया। दरअसल, फ़िल्म ‘मधुमती’ के लिए पहले मधुबाला को हीरोइन के रूप में लिया गया था। फ़िल्म की आऊटडोर शूटिंग के लिए मधुबाला को बाहर जाना था लेकिन उनके पिता उन्हें मुंबई के बाहर नहीं भेजना चाहते थे। इस मुद्दे पर फ़िल्म निर्देशक बीआर चोपड़ा और मधुबाला के पिता अताउल्ला ख़ान में मुक़दमेबाज़ी शुरू हो गई। फ़िल्म के हीरो दिलीप कुमार ने अदालत में चोपड़ा का साथ दिया। यहीं से अताउल्ला ने मधुबाला और दिलीप के रिश्तों को हमेशा के लिए ख़त्म कर दिया।
इंतजार करते रह गए भारत भूषण
मधुबाला को चाहने वालों की कतार ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही थी। उनके साथ फ़िल्म ‘बरसात की रात’ में हीरो बने भारत भूषण फ़िल्म की शूटिंग के दौरान मधुबाला को दिल दे चुके थे। उन्होंने मधुबाला को सहारा देने के लिए उनके सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया। लेकिन दिलीप की जुदाई का गम झेल रही मधुबाला की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला और भारत भूषण का इंतज़ार कभी ख़त्म नहीं हुआ।
- मधुबाला से शादी की इच्छा का इज़हार अभिनेता प्रदीप कुमार ने भी किया लेकिन उनका अंजाम भी भारत भूषण की तरह ही हुआ।
दिल में था छेद
फ़िल्म ‘मुग़ले आज़म’ की शूटिंग के दौरान मधुबाला का स्वास्थ्य लगातार ख़राब रहने लगा। जाँच में पता चला कि मधुबाला के दिल में छेद है। तब इस रोग का भारत में इलाज संभव ही नहीं था। मधुबाला को शायद मौत के फरिश्तों की आहट सुनाई देने लगी थी। इसीलिए वह शिद्दत के साथ जिंदगी जीना चाह रही थीं।
किशोर ने की मधुबाला से शादी
कई फ़िल्मों में उनके साथ काम कर चुके किशोर कुमार उन्हें बहुत चाहते हैं, इस बात का पता मधुबाला को बख़ूबी था लेकिन दिलीप कुमार के प्यार में उन्होंने कभी इस ओर ध्यान ही नहीं दिया। पर अब उन्हें किशोर कुमार के रूप में एक ऐसा सहारा दिखाई देने लगा जिसके सहारे वह और जी सकती थीं। उन्होंने किशोर कुमार को अपनी बीमारी के बारे में बताया मगर किशोर ने सब कुछ जान कर भी उनसे शादी कर ली।
बेहद ख़राब गुज़रे अंतिम दिन
शादी के बाद मधुबाला की तबियत और ज़्यादा ख़राब रहने लगी और उनके आख़िरी दिन बेहद बेबसी और मायूसी के बीच गुजरे। वह प्यार पाने के लिए तरसती रहीं लेकिन किशोर कुमार के पास इतना वक़्त ही नहीं था कि वह हर समय मधुबाला के पास रह सकें। इसी वजह से किशोर उन्हें उनके पिता के घर छोड़ आए।
अपनी दिलकश अदाओं से लगभग दो दशक तक सिने प्रेमियों को मदहोश करने वाली मधुबाला ने आख़िरकार 23 फ़रवरी 1969 को हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह दिया।