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कथित गोमांस के नाम पर हरियाणा में लिंचिंग, महाराष्ट्र में बुजुर्ग को ट्रेन में पीटा

कथित गोमांस के नाम पर हरियाणा में लिंचिंग, महाराष्ट्र में बुजुर्ग को ट्रेन में पीटा

लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने के बाद मुस्लिमों पर कथित गोमांस के नाम पर हमले बढ़ गए हैं। कई मामलों में उनकी हत्या कर दी गई है। ज्यादातर घटनाएं भाजपा शासित राज्यों में हो रही हैं। हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। हरियाणा में गोमांस खाने के शक में एक मुस्लिम कूड़ा बीनने वाले की कथित गौरक्षकों ने हत्या कर दी। महाराष्ट्र में ट्रेन में बुजुर्ग पर बीफ ले जाने का आरोप लगाकर कुछ गुंडा तत्वों ने उन्हें जमकर पीटा और वीडियो बनाया।

हरियाणा पुलिस ने पश्चिम बंगाल के एक मुस्लिम प्रवासी श्रमिक पर गोमांस खाने का आरोप लगाने के बाद कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या करने के आरोप में दो किशोरों सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है। मरने वाले की पहचान 22 वर्षीय साबिर मलिक के रूप में हुई। आरोपियों का संबंध गौरक्षक समूहों से है। पुलिस के मुताबिक उनकी पहचान अभिषेक, मोहित, कमलजीत, साहिल और रविंदर के रूप में हुई है। दो नाबालिग भी आरोपी हैं। आरोपियों को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि इसे लिंचिंग कहना गलत होगा। हरियाणा में कड़े गोरक्षा नियम हैं। वहां गांवों में गौमाता का बहुत सम्मान है। हम गौरक्षा पर कोई समझौता नहीं कर सकते। सैनी ने कहा- “ग्रामीणों में गायों के प्रति इतना सम्मान है कि अगर उन्हें ऐसी बातों के बारे में बताया जाए, तो उन्हें कौन रोक सकता है?”


पश्चिम बंगाल के मजदूर साबिर मलिक को 27 अगस्त को चरखी दादरी जिले में कथित गोरक्षक समूह के लोगों ने पीट-पीटकर मार डाला। समूह को कथित तौर पर मलिक पर गोमांस खाने का शक था। किसी ने साबिर मलिक को गोमांस खाते या पकाते नहीं देखा था। गोरक्षकों का बस उस पर शक था। इसलिए उसे टारगेट किया गया।

डीएसपी धीरज कुमार ने बताया कि साबिर मलिक बंधरा गांव के पास कूड़ा बीनने का काम करता था। उसे खाली प्लास्टिक की बोतलें बेचने के बहाने एक दुकान में बुलाया गया और उसके साथ मारपीट की गई। आसपास खड़े लोगों के हस्तक्षेप के बाद, आरोपी मलिक को एक अलग स्थान पर ले गए और उसे फिर से पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई। डीएसपी ने बताया कि बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मामले पर सक्रियता से काम कर रही है और आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है।

महाराष्ट्र में संवेदनहीनता की हद

महाराष्ट्र के कल्याण में ट्रेन में यात्रा के दौरान कथित तौर पर गोमांस ले जाने के आरोप में सह-यात्रियों ने एक बुजुर्ग व्यक्ति की बेरहमी से पिटाई की और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। वह ट्रेन से अपनी बेटी के घर जा रहे थे। तभी भीड़ ने उनकी पिटाई कर दी और घटना का वीडियो भी रिकॉर्ड कर लिया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। वीडियो में देखा जा सकता है कि यात्री उस बुजुर्ग को थप्पड़ और लात मार रहे हैं जो अपने साथ कच्चे मांस से भरे दो कंटेनर ले जाता दिख रहा है। यह घटना महाराष्ट्र के नासिक में इगतपुरी के पास एक एक्सप्रेस ट्रेन में हुई।

वीडियो में बुजुर्ग की पहचान हाजी अशरफ अली सैयद हुसैन के रूप में हुई है, जो कि महाराष्ट्र के जलगांव के रहने वाले हैं। इस अपमानजनक घटना के बाद उनके आत्महत्या करने की गलत सूचना इंटरनेट पर फैली लेकिन उन्होंने बताया कि वो जीवित हैं। बुजुर्ग शख्स ने वीडियो में कहा कि वह जिंदा है और साथ ही उन लोगों का शुक्रिया भी अदा किया जो उसका समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने इस घटना पर कुछ भी गलत करने से बचने की भी अपील की। उन्होंने कहा, ''मैं जिंदा हूं और आपसे अनुरोध करता हूं कि कुछ भी गलत न करें।''

ट्रेन में भीड़ ने बुजुर्ग व्यक्ति पर गोमांस ले जाने का आरोप लगाया और यह भी कहा कि उस व्यक्ति को सावन के महीने का सम्मान करना चाहिए था। जिसमें हिन्दू मांस खाने से बचते हैं। भीड़ ने वीडियो रिकॉर्ड करते समय कथित तौर पर उनके परिवार के सदस्यों से बलात्कार करने की धमकी दी। हालांकि सावन खत्म हो चुका है लेकिन हिंसा पर उतारू लोग बार-बार सावन में मांस नहीं खाने का हवाला दे रहे थे।

एआईएमआईएम नेता इम्तियाज जलील ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो साझा किया और कहा, "हम अब केवल दर्शक नहीं बने रह सकते हैं। सभी धर्मनिरपेक्ष भारतीयों के लिए एकजुट होने और इन ताकतों को हराने का समय आ गया है। इन लोगों के बीच नफरत का स्तर चिंताजनक है।" उन्होंने लिखा- वे किसी ऐसे व्यक्ति के साथ ऐसा करने के बारे में सोच भी कैसे सकते हैं जो उनके दादा की उम्र का हो सकता है? ज्ञापन देने और सोशल मीडिया पर गुस्सा व्यक्त करने के बाद अगर सरकार और पुलिस आंखें मूंद रही है, तो हमें, एक समुदाय के रूप में, खड़े होने की जरूरत है- उठो और इन ताकतों का मुकाबला करो। यह एक आम चलन बन गया है, और हम भारतीय कुछ नहीं कर रहे हैं।"

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