जानिए, क्या है फ़िल्म 'लूडो' की कहानी, कैसा है क्लाइमेक्स
फ़िल्म- लूडो
डायरेक्टर- अनुराग बसु
स्टार कास्ट- अभिषेक बच्चन, आदित्य रॉय कपूर, राजकुमार राव, रोहित सराफ, फातिमा सना शेख, सान्या मल्होत्रा, पर्ल मैनी, इनायत वर्मा, पंकज त्रिपाठी
स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म- नेटफ्लिक्स
रेटिंग- 3.5/5
आपने अक्सर शतरंज की बिसात और उसके खेल को फ़िल्मों में देखा होगा लेकिन इस बार खेल बदल गया है और निर्देशक अनुराग बसु ने लूडो के खेल पर फ़िल्म बनाई है। ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म नेटफ्लिक्स पर फ़िल्म 'लू़डो' रिलीज़ हो चुकी है और लूडो की गोटियाँ फ़िल्म के किरदार है। जिन्हें पूरा खेल खेलकर आख़िर में अपनी कहानी में विजयी होना है। अनुराग बसु की फ़िल्म 'लूडो' क़रीब 3 साल से बन रही थी और अब यह रिलीज़ हुई है। फ़िल्म में अभिषेक बच्चन, राजकुमार राव, पंकज त्रिपाठी, सान्या मल्होत्रा और अन्य स्टार्स लीड रोल में हैं। लूडो के खेल में चार अलग-अलग रंग की गोटियाँ होती हैं वैसे ही फ़िल्म 'लूडो' में चार अलग-अलग कहानियाँ हैं।
'लूडो' की कहानी
फ़िल्म 'लूडो' की कहानी चार मुख्य पात्रों के ईर्द-गिर्द घूमती है। बिट्टू (अभिषेक बच्चन) 6 साल की जेल काटकर बाहर आया है और उसे पता चलता है कि उसकी पत्नी (आशा नेगी) ने दूसरी शादी कर ली है। बिट्टू अपनी बेटी से मिलना चाहता है और इसी बीच बिट्टू की ज़िंदगी में एक और छोटी बच्ची (इनायत वर्मा) की एंट्री होती है। यहाँ से बिट्टू की ज़िंदगी में नया मोड़ आ जाता है। दूसरी तरफ़ आलोक गुप्ता उर्फ आलू (राजकुमार राव) है, जो बचपन से पिंकी (फातिमा सना शेख) से प्यार करता है लेकिन पिंकी किसी और से शादी कर लेती है। इसके बाद भी आलू पिंकी के लिए हर वक़्त कुछ भी करने के लिए तैयार रहता है और इसी प्यार के चक्कर में आलू मुसीबत में पड़ता है।
इसके बाद की कहानी है आकाश (आदित्य रॉय कपूर) और अहाना (सान्या मल्होत्रा) की। आकाश एक वॉइस आर्टिस्ट है और उसकी गर्लफ्रेंड अहाना के साथ उसका एक वीडियो पॉर्न साइट पर लीक हो गया है। अहाना की चार दिनों बाद शादी है और आकाश उस वीडियो को हटवाने के लिए सभी तरह के हथकंडे अपना लेता है लेकिन वीडियो नहीं हट पाता। इसके साथ ही अहाना और आकाश की मुसीबतें भी बढ़ जाती हैं।
इसके अलावा एक और घटना घटती है और इसमें अचानक राहुल (रोहित सराफ) और श्रीजा (पर्ल माने) की मुलाक़ात हो जाती है। नॉर्मल सी ज़िंदगी जी रहे राहुल-श्रीजा के पास ख़ूब सारा पैसा आ जाता है और साथ ही मुसीबत भी। इन सभी कहानियों में एक कॉमन पात्र है और वो है राहुल सत्येंद्र उर्फ़ सत्तू भईया (पंकज त्रिपाठी), जो कि डॉन है। किसी न किसी तरीके से सभी की जिंदगी के सत्तू भईया विलेन है। अब इन चारों पात्रों की मुसीबतों का निवारण कैसे होगा और कौन आख़िर में अपनी कहानी की हैप्पी एंडिंग करेगा यह सब जानने के लिए आपको नेटफ्लिक्स पर 2 घंटे की इस फ़िल्म 'लूडो' को देखना पड़ेगा।
निर्देशन
फ़िल्म 'काइट्स' और 'बर्फी' आने के बाद निर्देशक अनुराग बसु का सिनेमा को लेकर दृष्टिकोण दर्शकों को काफ़ी पसंद आया और यही वजह है कि अनुराग बसु की फ़िल्मों को लोग पसंद करते हैं। फ़िल्म 'लूडो' में भी अनुराग बसु ने अपने डायरेक्शन से कमाल कर दिया है। फ़िल्म की कहानी भले ही नई न हो लेकिन उसे पर्दे पर उकेरने का तरीक़ा एकदम नया है। फ़िल्म के गाने और बैकग्राउंड म्यूजिक दोनों ही अच्छे हैं। इसके साथ ही फ़िल्म 'लूडो' की एडिटिंग भी अच्छी की गई है। फ़िल्म की सिनेमैटोग्राफ़ी भी एक नंबर है।
एक्टिंग
एक्टिंग की बात करें तो अभिषेक बच्चन इस मामले में पहले पायदान पर हैं और उसके बाद राजकुमार राव ने शानदार एक्टिंग की है। रोहित सराफ और पर्ल माने ने अपने किरदार के साथ पूरी तरह से न्याय किया है। इसके अलावा 6 साल की बच्ची इनायत वर्मा ने काफ़ी अच्छी एक्टिंग की है। फातिमा सना शेख ने अपने किरदार को मजबूती से निभाया। फ़िल्म 'लूडो' में एक्टिंग के मामले में सान्या मल्होत्रा और आदित्य रॉय कपूर को कम नंबर मिले हैं। दोनों स्टार्स ने ठीक-ठाक काम किया है। इसके अलावा फ़िल्म की जान पंकज त्रिपाठी एक ऐसे अभिनेता हैं, जिन्हें कोई भी रोल मिले वो बेहतरीन तरीक़े से ही निभाते हैं। पंकज त्रिपाठी ने डॉन के किरदार में बेहतरीन काम किया है।
लूडो के चार खिलाड़ियों की तरह फ़िल्म में चार कहानियाँ हैं और चारों अलग-अलग हैं। सभी की जिंदगी में उतार-चढ़ाव हैं, जो आपको इमोशनल भी करेंगे और हंसायेंगे भी। जिसे आप आराम से देख सकते हैं और फ़िल्म आपको बोर नहीं करेगी। फ़िल्म के कुछ सीन्स आपको गुदगुदाएँगे तो फ़िल्म का क्लाइमेक्स अनोखे तरीक़े से ख़त्म होता है।
इसके अलावा निगेटिव प्वॉइंट की बात करें तो फ़िल्म 'लूडो' शुरू में थोड़ा सा स्लो चलती है और कहानी को समझने में टाइम लगता है। अगर आप हल्की-फुल्की फ़िल्म देखना चाहते हैं तो फ़िल्म ‘लूडो’ को एक बार देख सकते हैं।