लव जिहाद: योगी की राह पर शिवराज, एमपी में भी होगी 10 साल की जेल!
मध्य प्रदेश में भी लव जिहाद में लिप्त पाये जाने वालों की खैर नहीं होगी। शिवराज सरकार ने लव जिहाद से जुड़े कानून के मसौदे को हरी झंडी दे दी है। उत्तर प्रदेश की तरह मध्य प्रदेश में भी लव जिहाद साबित होने पर दस साल की जेल होगी। जबकि धर्मातरण कराने के दोषी पाये जाने पर मुल्ला, मौलवियों, पादरियों और अन्य धर्मगुरूओं को पांच सालों के लिए सीखचों के पीछे डाला जायेगा।
लव जिहाद को लेकर मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने कानून के मसौदे को अपनी मंजूरी दे दी है। धर्म स्वतंत्र विधेयक 2020 पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की अगुवाई में बुधवार शाम को लंबा मंथन हुआ। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा समेत अन्य काबीना मंत्री भी इसमें जुटे। अफ़सरों ने भी अपनी राय प्रकट की। तमाम विमर्श के बाद मसौदे को हरी झंडी दे दी गई।
गुरूवार शाम को बुलाई गई शिवराज कैबिनेट की बैठक में लव जिहाद कानून के मसौदे पर मुहर लगने के संकेत हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र दिसंबर के अंतिम सप्ताह में बुलाया गया है। देखने वाली बात यह होगी कि राज्य की सरकार सत्र तक रूकती है अथवा उसके पहले ही यूपी की योगी सरकार की तरह अध्यादेश लाकर इस कानून को प्रदेश में लागू करती है।
प्रस्तावित कानून में हैं ये प्रावधान
- बहला-फुसलाकर, धमकी देकर जबरदस्ती धर्मांतरण और विवाह पर 10 साल की सजा का प्रावधान।
- धर्मांतरण और धर्मांतरण के बाद होने वाले विवाह के एक माह पूर्व डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के सामने धर्मांतरण और विवाह करने और करवाने वाले दोनों पक्षों को लिखित में आवेदन प्रस्तुत करना होगा।
- बगैर आवेदन प्रस्तुत किए धर्मांतरण कराने वाले धर्मगुरु, काजी, मौलवी या पादरी को 5 साल तक की सजा का प्रावधान।
- धर्मांतरण और जबरन विवाह की शिकायत स्वयं पीड़ित, माता- पिता, परिजन या गार्जियन द्वारा की जा सकेगी।
- यह अपराध संज्ञेय और गैर जमानती होगा।
- जबरन धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं का पंजीयन निरस्त किया जाएगा।
- धर्मांतरण या विवाह कराने की दोषी पाये जाने वाली संस्थाओं को डोनेशन देने वाली संस्थाएं या लेने वाली संस्था का पंजीयन भी निरस्त होगा।
- धर्मांतरण या विवाह में सहयोग करने वाले सभी आरोपियों के विरुद्ध मुख्य आरोपी की तरह ही न्यायिक कार्यवाही की जाएगी।
देखिए, इस विषय पर चर्चा-
श्रेय लेने की होड़ में मिश्रा!
लव जिहाद कानून लागू कराने का ज्यादा श्रेय लेने की होड़ में मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा जुटे हुए हैं। कानून से जुड़े प्रस्तावित मसौदे को लेकर वे मीडिया में लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। बुधवार की शाम मुख्यमंत्री ने गृह विभाग के अफसरों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में गृह मंत्री भी आमंत्रित थे। गुरूवार सुबह मिश्रा ने गृह महकमे के अफसरों की एक बैठक अपने घर पर की। इस बैठक का एजेंडा लव जिहाद कानून का मसौदा ही था।
बता दें, कमलनाथ सरकार के जाने के बाद मिश्रा मुख्यमंत्री की रेस में शामिल रहे थे। आलाकमान ने शिवराज को तवज्जो दी थी और उन्हें चौथी बार सीएम बनाया गया। विधानसभा की 28 सीटों के लिए हुए उपचुनाव में शिवराज ने 19 सीटें जीतकर अपनी उपयोगिता को ना केवल साबित किया, बल्कि आलाकमान के दरबार में अपने नंबर बढ़ाने में भी वे सफल रहे।