+
पीएम ओली बोले- भगवान राम भारतीय नहीं, नेपाली हैं: नेपाली मीडिया 

पीएम ओली बोले- भगवान राम भारतीय नहीं, नेपाली हैं: नेपाली मीडिया 

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने एक और ऐसा बयान दे दिया है, जिसे लेकर ख़ासा विवाद हो सकता है। 

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने एक और ऐसा बयान दे दिया है, जिसे लेकर ख़ासा विवाद हो सकता है। नेपाली मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक़, ओली ने कहा, ‘भगवान राम नेपाली हैं, न कि भारतीय।’ उन्होंने यह भी कहा कि असली अयोध्या नेपाल में है न कि भारत में।

ख़बरों के मुताबिक़, ओली ने कहा कि भगवान राम का जन्मस्थान अयोध्या में नहीं है बल्कि नेपाल के वाल्मीकि आश्रम के पास है। ओली ने कहा, ‘अब तक हम इस मत को मानते रहे कि सीता के साथ विवाह करने वाले राम भारतीय थे, वह भारतीय नहीं थे, नेपाली थे।’ 

नेपाल के सीमांत इलाक़े के नजदीक भारत ने लिपुलेख के रास्ते कैलाश मानसरोवर तक जाने के लिए 80 किलोमीटर का सड़क मार्ग बनाया है। इस साल मई में इस सड़क मार्ग के उद्घाटन के बाद से ही नेपाल लगातार भारत विरोधी बयान दे रहा है। 

हाल ही में नेपाल के केबल टेलीविजन ऑपरेटर्स ने भारत के न्यूज़ चैनल्स को सस्पेंड कर दिया था। इसका कारण यह बताया गया कि भारतीय न्यूज़ चैनल्स ने देश के प्रधानमंत्री केपी ओली को लेकर आपत्तिजनक रिपोर्टिंग की है। 

नेपाल के केबल टेलीविजन ऑपरेटर्स के मुताबिक़, एक भारतीय न्यूज़ चैनल की ख़बर में कहा गया कि चीनी राजदूत और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के रिश्तों की वजह से नेपाल का भारत के साथ विवाद हो रहा है। 

नेपाल अपने नए राजनीतिक नक्शे को लेकर भारत को आंखें दिखा चुका है। इस नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाल का हिस्सा बताया गया है। इस नक्शे को संसद से मंजूरी के बाद राष्ट्रपति से भी स्वीकृति मिल गई है। इसका सीधा मतलब यह है कि नेपाल भारत की नाराज़गी की परवाह नहीं करता और इस बात को वहां के प्रधानमंत्री के.पी.ओली भी कह चुके हैं। 

राजनीतिक नक्शे को पास करने के अलावा भी नेपाल ने भारत विरोधी दो क़दम उठाए हैं। हाल ही में उसने एक क़ानून पारित किया है जिसके तहत विदेशी महिलाओं को नेपाली पुरूषों से शादी करने के 7 साल बाद वहां की नागरिकता मिलेगी। नेपाल के इस क़दम को इसलिए भारत विरोधी माना जा रहा है क्योंकि दोनों देशों के बीच शादी-विवाह ख़ूब होते हैं। एक और मामले में नेपाल ने अड़ियल रूख़ दिखाते हए बिहार में गंडक नदी के बांध की मरम्मत के काम के लिए अनुमति नहीं दी थी।

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें