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विपक्ष के नेता के रूप में राहुल का स्पीकर को कड़ा संदेश- विपक्ष की आवाज सुनें

विपक्ष के नेता के रूप में राहुल का स्पीकर को कड़ा संदेश- विपक्ष की आवाज सुनें

लोकसभा स्पीकर का चुनाव होने के बाद पहली बार सदन में विपक्ष के नेता के रूप में राहुल गांधी ने छोटा सा भाषण दिया। जानिए, उन्होंने स्पीकर को धन्यवाद देते हुए आख़िर क्या कड़ा संदेश दिया। 

राहुल गांधी ने ओम बिड़ला के लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर अपने बधाई संदेश में भी कड़ा संदेश दे दिया। उन्होंने स्पीकर को संबोधित करते हुए कहा कि लोकसभा अध्यक्ष जनता की आवाज का अंतिम पंच होता है और इस बार विपक्ष पिछली बार की तुलना में उस आवाज का अधिक प्रतिनिधित्व करता है। विपक्ष के नेता के रूप में अपनी पहली उपस्थिति में राहुल ने कहा, 'विपक्ष आपके काम करने में आपकी सहायता करना चाहेगा। हम चाहते हैं कि सदन चले। यह बहुत ज़रूरी है कि सहयोग विश्वास के आधार पर हो। यह बहुत ज़रूरी है कि विपक्ष की आवाज को इस सदन में प्रतिनिधित्व मिले।'

उन्होंने कहा, 'मुझे पूरा विश्वास है कि आप हमें बोलने देंगे। सवाल यह नहीं है कि सदन कितनी कुशलता से चलाया जाता है। सवाल यह है कि भारत की आवाज को कितना सुनने दिया जा रहा है। इसलिए यह विचार कि आप विपक्ष की आवाज़ को दबाकर सदन को कुशलतापूर्वक चला सकते हैं, एक गैर-लोकतांत्रिक विचार है। इस चुनाव ने दिखा दिया है कि भारत के लोग विपक्ष से संविधान की रक्षा करने की उम्मीद करते हैं।'

लोकसभा स्पीकर को संबोधित करते हुए विपक्ष के नेता राहुल ने कहा, 'हमें विश्वास है कि विपक्ष को बोलने की अनुमति देकर आप संविधान की रक्षा करने का अपना कर्तव्य निभाएंगे।' 

तीन बार के सांसद ओम बिड़ला को बुधवार को ध्वनिमत से लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुना गया। प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू उन्हें अध्यक्ष की कुर्सी तक ले गए।

आजादी के बाद लोकसभा अध्यक्ष के लिए यह केवल तीसरा चुनाव था। मतदान तब हुआ जब कांग्रेस ने चुनाव लड़ने के लिए मजबूर किया और अपने आठ बार के सांसद के सुरेश को चुनौती देने के लिए मैदान में उतारा। हालाँकि, नंबर साफ़ तौर पर बिड़ला के पक्ष में थीं। एनडीए उम्मीदवार को जहाँ 297 सांसदों का समर्थन प्राप्त था, वहीं विपक्ष के उम्मीदवार को 232 का समर्थन प्राप्त था।

विपक्ष के नेता के रूप में पहली बार लोकसभा में अपनी पारी शुरू करने वाले राहुल ने बुधवार को सफेद कुर्ता और पायजामा पहना। यह आमतौर पर उनके द्वारा पहने जाने वाले सफेद टी-शर्ट-पतलून वाले लुक से अलग था। विपक्ष के नेता के रूप में राहुल सीबीआई प्रमुख, मुख्य चुनाव आयुक्त और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जैसे प्रमुख पदों की नियुक्ति प्रक्रिया का हिस्सा होंगे। उन्हें कैबिनेट रैंक मिलेगी और संसद भवन में उन्हें एक अलग कार्यालय भी मिलेगा। 

राहुल विपक्ष के नेता बने तो क्या अलग होगा?

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा है राहुल गांधी के विपक्ष के नेता का पद संभालने से इंडिया गठबंधन मज़बूत होगा और विपक्ष की आवाज कहीं ज़्यादा मुखरता से उठेगी। उन्होंने पीटीआई से कहा, 'यह खुशी की बात है कि 10 साल बाद लोकसभा में आधिकारिक तौर पर विपक्ष का नेता है और राहुल गांधी ने यह पद संभालने का फैसला किया है, जिससे इंडिया गठबंधन मजबूत होगा।'

 - Satya Hindi

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा, 'कार्यसमिति ने राहुल गांधी से विपक्ष के नेता का पद संभालने का अनुरोध किया था। उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राहुल गांधी को इस पद के लिए नामित किया। राहुल गांधी के विपक्ष का नेता बनने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं, पूरे विपक्ष और भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन में उत्साह का माहौल है।'

पायलट ने पत्रकारों से कहा, 'उन्होंने हमेशा सरकार को चुनौती दी है और संसद के अंदर और बाहर पारदर्शिता के लिए लोगों के लिए लड़ाई लड़ी है। विपक्ष की उम्मीदें बढ़ी हैं, लोगों की उम्मीदें बढ़ी हैं। लोगों को सच्चाई की लड़ाई की उम्मीद है। पूरा देश उनसे उम्मीद कर रहा है कि वह उनकी आवाज बनेंगे। इससे प्रेम, शांति, भाईचारे की सोच मजबूत होगी।'

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