यूपी: हाई कोर्ट पहुंचे बीजेपी विधायक, ऑक्सीजन की कालाबाज़ारी का आरोप
उत्तर प्रदेश में बीजेपी के चर्चित विधायक नंद किशोर गुर्जर अपनी ही सरकार के एक अफ़सर के ख़िलाफ़ इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंच गए हैं। विधायक ने कोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया है कि एडीएम सिटी ने भ्रष्टाचार करके लोनी और ग़ाज़ियाबाद के हिस्से की ऑक्सीजन की कालाबाज़ारी कर अन्य जगह खपा दिया और ऐसा करके जनता की नज़र में योगी सरकार की छवि ख़राब की है।
विधायक ने कहा है कि उन्होंने इस बात के सबूत भी दिए हैं कि ऑक्सीजन को किस तरह दूसरी जगह खपाया गया।
गुर्जर ने कहा कि इस अफ़सर को वह इसलिए बेनक़ाब करना चाहते हैं क्योंकि उसने दूसरे राजनीतिक दलों के इशारे पर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने का काम किया है। विधायक ने कहा कि उन्होंने इस बारे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी बता दिया है और उन्हें उम्मीद है कि इस अफ़सर के ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी।
जांच के आदेश
विधायक की याचिका पर कोर्ट ने एक आईएएस अफ़सर से इस मामले की जांच करने को कहा है और ग़ाज़ियाबाद के डीएम से व्यक्तिगत हलफ़नामा मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 7 जून को होगी।
एक विधायक के अपनी सरकार के अफ़सर के ख़िलाफ़ हाई कोर्ट चले जाने से निश्चित रूप से सरकार के कामकाज पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। विधायक नंद किशोर गुर्जर को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खेमे का माना जाता है और इससे पहले भी विधायक गुर्जर कई अफ़सरों के ख़िलाफ़ नाराज़गी जताते रहे हैं। दो साल पहले जब बीजेपी के विधायकों ने विधानसभा में बग़ावत की थी तो उस वक़्त भी नंद किशोर गुर्जर चर्चा में रहे थे।
देखिए, यूपी के राजनीतिक हालात पर चर्चा-
नेता-मंत्रियों ने की शिकायत
कोरोना महामारी की इस दूसरी लहर में बीजेपी के कई बड़े नेता मंत्री तक असहाय नज़र आए और उन्होंने खुलकर अफ़सरशाही के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद की और सरकार को चेताने की भी कोशिश की। उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से मरते लोगों, गंगा घाटों पर शवों के अंबार से भी योगी सरकार की जितनी बदनामी हुई, उससे ज़्यादा बीजेपी के नेताओं-मंत्रियों की शिकायतों की वजह से हुई है।
बीजेपी के कई सांसदों, विधायकों, केंद्रीय मंत्रियों तक ने शिकायत की कि प्रदेश में उनकी सुनने वाला कोई नहीं है और वे पूरी तरह बेबस हो गए हैं।
अपनी ही सरकार में अनदेखी से परेशान होकर बहराइच जिले के बीजेपी अध्यक्ष ने पार्टी दफ्तर के सामने नोटिस तक चिपका दिया कि कृपया प्रशासन-पुलिस संबंधी किसी काम के लिए संपर्क न करें क्योंकि उनकी कहीं नहीं सुनी जा रही है। किरकिरी होने के बाद नोटिस हटा लिया गया।
केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार, सांसद मेनका गांधी, सांसद कौशल किशोर, प्रदेश सरकार में मंत्री ब्रजेश पाठक समेत दर्जनों विधायकों व नेताओं ने इस कोरोना संकट के दौर में मुख्यमंत्री तक अपनी बेबसी को लेकर गुहार लगायी है।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में महज 8 महीने का वक़्त बचा है। ऐसे में नेता-विधायकों, मंत्रियों की बढ़ती नाराज़गी बीजेपी और योगी सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है।