राज्यसभा सभापति बोले- चर्चा के लिए तैयार, पर नाटक न करें... और सदन स्थगित
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि वह मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्हें 'नाटकबाजी' बंद करनी होगी। मणिपुर हिंसा के मामले में चर्चा कराने की मांग को लेकर हो रहे हंगामे के बीच ही सदन को पूरे दिन के लिए स्थगित करना पड़ा। इसी मुद्दे पर लोकसभा भी पहले 12 बजे तक के लिए और बाद में पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा के सभापति धनखड़ ने कहा कि कई सांसदों ने इसी मुद्दे मणिपुर पर नियम 267 पेश किया है। उन्होंने यह भी कहा कि सदस्यों का व्यवहार इतना अनुकरणीय होना चाहिए कि बड़े पैमाने पर लोग उनका अनुकरण करने के लिए प्रेरित हों। उन्होंने सांसदों से पक्षपातपूर्ण हितों से ऊपर उठकर काम करने की भी अपील की। जैसा कि विपक्षी सांसदों ने अपने भाषण के दौरान विरोध किया, धनखड़ ने टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन का नाम लिया और कहा कि यह उनकी नाटकीयता में शामिल होने की आदत बन गई है, और इसके तुरंत बाद उन्होंने राज्यसभा को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया।
विपक्षी सांसदों के विरोध के कारण लोकसभा को भी कार्यवाही शुरू होने के कुछ मिनट बाद पहले दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। बाद में जब कार्रवाई शुरू हुई तो हंगामे को देखते हुए पूरे दिन के लिए। वे मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहे हैं। विपक्ष ने सरकार द्वारा ऐसे समय में नीतिगत बदलावों से संबंधित विधेयकों को मंजूरी देने पर भी आपत्ति जताई है, जब लोकसभा केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की प्रक्रिया में है।
विपक्ष ने पीएम मोदी को संसद के भीतर मणिपुर मुद्दे पर बोलने के लिए मजबूर करने के लिए एक रणनीतिक हथियार के रूप में इसका इस्तेमाल करते हुए बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव लाया। अब अध्यक्ष पर निर्भर है कि वह कब प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान के लिए तारीख और समय तय करेंगे।
लोकसभा को स्थगित किए जाने से पहले सदन में विपक्षी सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव पर तुरंत चर्चा की मांग की, जिसे स्पीकर ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया है। शुक्रवार को दिन की कार्यवाही शुरू होने के बाद अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू किया लेकिन विपक्षी सदस्यों ने अपनी मांग के समर्थन में नारे लगाए।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने 1978 का उदाहरण देते हुए कहा कि सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर उसी दिन बहस हुई, जिस दिन इसे स्वीकार किया गया था।
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार अध्यक्ष द्वारा तय किए गए दिन और समय पर बहस के लिए तैयार है और नियम 10 दिन का समय देते हैं।
बिड़ला ने बुधवार को विपक्षी सदस्यों द्वारा समर्थित अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था। विपक्षी दल मणिपुर की स्थिति पर विस्तृत चर्चा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग को लेकर सदन में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।