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सांसद निलंबन के बीच लोकसभा में 3 आपराधिक कानून विधेयक पास

सांसद निलंबन के बीच लोकसभा में 3 आपराधिक कानून विधेयक पास

संसद के दोनों सदनों में विपक्षी सांसदों के निलंबन के बीच तीनों संशोधित आपराधिक विधेयक पर बड़ा फ़ैसला हो गया। जानिए, क्या फ़ैसला लिया गया।

लोकसभा ने बुधवार को तीन संशोधित आपराधिक विधेयक पारित कर दिए। विधेयकों में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) (बीएसबी) 2023 शामिल हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आपराधिक विधेयकों और निचले सदन में मौजूद अधिकांश सांसदों पर बात की। सदन ने ध्वनिमत से विधेयकों के पक्ष में मतदान किया। ये विधेयक तब पारित हुए हैं जब लोकसभा और राज्यसभा में 143 विपक्षी सांसद पिछले कुछ दिनों में निलंबित कर दिए गए हैं।

आईपीसी, सीआरपीसी, भारतीय साक्ष्य अधिनियम का ज़िक्र करते हुए शाह ने कहा, 'नए आपराधिक कानून बिल लोगों को औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्त करेंगे। तीनों क़ानून अंग्रेजों के जमाने में बने थे। जब तक कानून रद्द नहीं हो जाते, देश में ब्रिटेन के कानून जारी रहेंगे। इन क़ानूनों की वजह से महामहिम, लंदन गजट, ब्रिटिश क्राउन और बैरिस्टर शब्दों का इस्तेमाल भारत में जारी है।'

अमित शाह ने कहा, 'एफ़आईआर दर्ज करने की समयसीमा तय कर दी गई है। जांच रिपोर्ट जिला मजिस्ट्रेट को सौंपने के बाद 24 घंटे के अंदर कोर्ट से सामने पेश करना होगा। मेडिकल रिपोर्ट 7 दिन के अंदर थाने/कोर्ट में सीधे भेजने का प्रावधान है। चार्जशीट अब 180 दिन के बाद पेंडिंग नहीं रखा जा सकता।' 

गृहमंत्री ने कहा, 'Trial in absentia पर कइ लोगों को आपत्ति है। गुनाह करके जो देश के बाहर भाग गए हैं, उसके प्रति क्या सहानुभूति हो सकती है? सैंकड़ों लोग बम धमाके में मार दिए जाते हैं। कश्मीर में आतंकवाद कर के पैदल चल कर पाकिस्तान में छिप जाते हैं, इनको सजा मिलनी चाहिए या नहीं।'

उन्होंने कहा, 'देश को हिला देने वाले मुक़दमे, चाहे मुंबई बम ब्लास्ट हो या कोई और वो लोग पाकिस्तान में या किसी और देश में शरण लेकर बैठे हैं। ट्रायल नहीं चलती। अब 90 दिन के अंदर वो कोर्ट के सामने नहीं आते हैं तो उनकी अनुपस्थिति में ट्रायल होगा।'

अमित शाह ने कहा, 'अब शिकायत करने पर 3 दिन या अधिकतम 14 दिनों के अंदर एफ़आईआर दर्ज करनी होगी। 3 से 7 साल तक की सजा के मामलों में 14 दिनों के अंदर प्रारंभिक जांच पूरी करनी होगी। यानी अधिकतम 14 दिन या छोटी सजा के मामलों में 3 दिन में एफआईआर दर्ज करनी होगी।'

उन्होंने कहा, 'अंग्रेजों का बनाया हुआ राजद्रोह कानून, जिसके तहत तिलक महाराज, महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे स्वतंत्रता सेनानी, हमारे नायक साल सालों साल जेल में रखे गए थे वो कानून अब तक चलता रहा था। राजद्रोह की धारा, 124(क) को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।'

उन्होंने कहा कि संगठित अपराध की भी पहली बार व्याख्या की गई है। उन्होंने कहा, 'कई राज्य और राज्यतर गैंग संगठित अपराध करते हैं। इसके लिए कोई विशेष कानून नहीं था। इसमें हमने साइबर अपराध, आर्थिक अपराध, भूमि हथियाने, हथियारों के व्यापार, डकैती, मानव तस्करी को रखा है।'

इस विधेयक के पास होने से पहले दिन में केरल के दो सांसदों- थॉमस चाज़िकादान और एएम आरिफ को बुधवार को लोकसभा से निलंबित कर दिया गया। इससे दोनों सदनों में निलंबन की कुल संख्या 143 हो गई।

इससे पहले मंगलवार को संसद से 49 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। उससे भी एक दिन पहले 78 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। इससे पहले इसी सत्र में 14 सांसदों का निलंबन हुआ था। इस तरह इस सत्र में कुल मिलाकर अब तक 143 सांसदों का निलंबन हो चुका है। पिछले सप्ताह से ही संसद में सुरक्षा चूक को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग को लेकर विपक्ष विरोध-प्रदर्शन कर रहा है। ये कार्रवाइयाँ संसद में हंगामे को लेकर की गईं।

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