लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के लिए 20 मई को मतदान होगा। कई हफ्तों से जारी चुनावी गहमागहमी के बीच अब चुनाव अपने अंतिम चरणों में पहुंच गया है। पाँचवें चरण का मतदान छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में 49 सीटों पर होगा।
इस चरण में सबसे ज़्यादा उत्तर प्रदेश में 14 सीटों पर वोटिंग होगी। इसके बाद महाराष्ट्र में कुल 48 में से 13 सीटों पर मतदान होगा। पश्चिम बंगाल में 7, बिहार और ओडिशा में पांच-पाँच, झारखंड में तीन, जम्मू कश्मीर में पाँच व लद्दाख की एक सीट पर मतदान होगा।
मुख्य विपक्षी कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी अपने परिवार के गढ़ रायबरेली से चुनावी मैदान में हैं, जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह यूपी की राजधानी लखनऊ में तीसरे कार्यकाल के लिए कोशिश करेंगे। इनके अलावा इस चरण में प्रमुख हाई-प्रोफाइल उम्मीदवार- स्मृति ईरानी (अमेठी), पीयूष गोयल (मुंबई उत्तर), चिराग पासवान (हाजीपुर) और उमर अब्दुल्ला (बारामूला) चुनाव मैदान में हैं।
इस चरण में उत्तर प्रदेश के मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, जालौन, झाँसी, हमीरपुर, बांदा, फ़तेहपुर, बाराबंकी, कौशांबी, फ़ैज़ाबाद, कैसरगंज और गोंडा में मतदान है। महाराष्ट्र की धुले, डिंडोरी, नासिक, कल्याण, पालघर, भिवंडी, ठाणे, मुंबई उत्तर, मुंबई उत्तर-पश्चिम, मुंबई उत्तर-पूर्व, मुंबई उत्तर-मध्य, मुंबई दक्षिण-मध्य, मुंबई दक्षिण लोकसभा सीटों पर भी वोटिंग होगी।
भारतीय चुनाव आयोग के अनुसार, पांचवें चरण में 144 उम्मीदवार मैदान में हैं। ईसीआई को 466 नामांकन फॉर्म प्राप्त हुए हैं जिनमें से 147 की जाँच की गई। आख़िरकार 144 उम्मीदवारों के नामांकन को मंजूरी दे दी गई।
तो सवाल है कि इन 49 सीटों में किस पार्टी का पलड़ा भारी है? 2019 के चुनाव नतीजों में कौन आगे था? क्या इस बार भी कुछ उसी तरह का नतीजा होगा या उसमें फेरबदल होगा?
बीजेपी ने 2019 में अपने सहयोगियों के साथ इन 49 में से अधिकांश सीटें जीती थीं। पाँचवें चरण में जिन सीटों पर चुनाव होने वाले हैं उनमें से 32 सीटें बीजेपी ने जीती थीं। कांग्रेस एक सीट, बीजेडी दो, भाजपा के सहयोगी सात, और कांग्रेस के सहयोगी सात सीट पर जीते थे। इस तरह एनडीए ने 39 सीटें जीती थीं, जबकि इंडिया ब्लॉक के घटक दलों ने आठ और बीजेडी ने दो सीटें जीती थीं।
इस बार एनडीए के सामने चुनौती अपनी संख्या बरकरार रखने की है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार इन 49 सीटों पर बीजेपी का स्ट्राइक रेट 80% था, हालांकि उसका कुल स्ट्राइक रेट 69% से कम था। कांग्रेस की सफलता दर इन सीटों पर केवल 3% थी, हालांकि इसका अखिल भारतीय औसत 12% था।
एनडीए ने अपने जीते हुए निर्वाचन क्षेत्रों में औसतन 53% वोट शेयर हासिल किए, जबकि इंडिया ब्लॉक के घटकों को 50% वोट मिले थे। बीजेपी ने वोट शेयर के मामले में 10 प्रतिशत अंक की बढ़त के साथ 12 सीटें जीतीं, जबकि 20 सीटों पर भाजपा ने 10% अंक से अधिक से जीत हासिल की।
इस बार बीजेपी इनमें से 40 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और उसके सहयोगी नौ सीटों पर लड़ रहे हैं। इसमें से छह सीटों पर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना दावेदारी कर रही है। इधर कांग्रेस सिर्फ 18 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और 31 सीटें अपने सहयोगियों के लिए छोड़ रही है। समाजवादी पार्टी 10 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना आठ, शरद पवार की एनसीपी (एसपी) दो और आरजेडी चार सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। बसपा 46 सीटों पर, बीजेडी पांच सीटों पर और टीएमसी सात सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
यूपी में कांग्रेस के गढ़ रायबरेली, अमेठी पर नज़र
यूपी में इस चरण में राज्य की राजधानी लखनऊ, फैजाबाद (अयोध्या) और गांधी परिवार के गढ़ अमेठी और रायबरेली में भी लड़ाई है। पिछले चुनाव में बीजेपी ने इस क्षेत्र में 14 में से 13 सीटों पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस सिर्फ रायबरेली में ही जीत पाई थी। अमेठी में स्मृति ईरानी से राहुल गांधी हार गए थे।
इस बार जहां राहुल गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं गांधी परिवार के क़रीबी माने जाने वाले के.एल. शर्मा अमेठी से चुनाव लड़ रहे हैं। प्रियंका कई दिनों से इन दोनों सीटों पर डेरा डाली हुई हैं क्योंकि यह गांधी परिवार के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई है। यूपी में बीएसपी के प्रदर्शन पर भी चुनाव नतीजे प्रभावित हो सकते हैं।
पता चलेगा, असली और 'नकली' शिवसेना कौन
राज्य में इस चरण में जिन 13 सीटों पर मतदान है उसमें से 10 शिवसेना के प्रभाव वाली मानी जाती हैं। इन सीटों से यह साफ़ हो जाएगा कि वास्तव में 'असली' शिवसेना कौन है और 'नकली' शिवसेना कौन।
पिछले चुनाव में इन 13 सीटों में से बीजेपी 6 सीटें और शिवसेना 7 सीटें जीती थी। तब शिवसेना और बीजेपी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। अब शिवसेना दो फाड़ हो गई है। एक खेमा बीजेपी के साथ गठबंधन में है तो दूसरा कांग्रेस के साथ गठबंधन में।
पांचवें चरण में महाराष्ट्र में जिन प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों पर फोकस रहेगा उनमें मुंबई उत्तर, मुंबई उत्तर मध्य और कल्याण शामिल हैं। कल्याण में दोनों शिवसेना के बीच मुकाबला होगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने शिवसेना (यूबीटी) की वैशाली दारेकर-राणे का मुक़ाबला करने के लिए अपने बेटे डॉ. श्रीकांत शिंदे को उतारा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में डॉ. श्रीकांत शिंदे ने 3.44 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी।
मुंबई उत्तर सीट से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला अभिनेता-राजनेता भूषण पाटिल से होगा। 2019 में भाजपा के गोपाल सी. शेट्टी ने पूर्व अभिनेता-राजनेता उर्मिला मातोंडकर को 4.65 लाख से अधिक वोटों से हराया था।
मुंबई नॉर्थ सेंट्रल सीट से सरकारी वकील उज्ज्वल निकम पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं और उनका मुकाबला मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ से होगा।
ओडिशा: बीजेपी बीजेडी में टक्कर
पश्चिमी ओडिशा में जिन पांच सीटों पर 20 मई को मतदान होगा, उनमें से भाजपा ने 2019 में तीन सीटें जीती थीं, जबकि बीजेडी ने दो सीटें जीती थीं। इस बार चुनावी मुकाबला कड़ा नजर आ रहा है। कांग्रेस भी मुक़ाबले में है। राज्य में इस बार विधानसभा के चुनाव भी साथ हो रहे हैं।
बंगाल में त्रिकोणीय मुकाबला
पश्चिम बंगाल में इस चरण में सात सीटों पर मतदान होगा। 2019 में बीजेपी ने तीन सीटें जीती थीं और बाकी सीटें टीएमसी के पास थीं। यहां कांटे की टक्कर होने की संभावना है क्योंकि कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेतृत्व वाला गठबंधन इसे त्रिकोणीय मुकाबले में बदलने की कोशिश कर रहा है।
बिहार में पांच सीटों पर मतदान होगा, जिनमें से सभी पर एनडीए ने 2019 में भारी अंतर से जीत हासिल की थी। एनडीए की ओर से बीजेपी तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि जेडीयू और एलजेपी एक-एक सीट पर चुनाव लड़ रही हैं।