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पश्चिमी यूपी की इन 8 सीटों पर हो रहा है मतदान, जानिए सियासी तसवीर

पश्चिमी यूपी की इन 8 सीटों पर हो रहा है मतदान, जानिए सियासी तसवीर

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 12 राज्यों की 95 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर भी वोट डाले जा रहे हैं। 

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 12 राज्यों की 95 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर भी वोट डाले जा रहे हैं। ये सीटें - नगीना, अमरोहा, बुलंदशहर, अलीगढ़, आगरा, फतेहपुर सीकरी, हाथरस और मथुरा हैं। 2014 में इन सभी सीटों पर बीजेपी ने जीत का परचम लहराया था। आइए, जानते हैं इन सीटों की सियासी तसवीर -

बुलंदशहर 

गोहत्या की अफ़वाह के बाद फैली हिंसा के बाद बुलंदशहर ख़ासा चर्चा में आया था। इस हिंसा में इंसपेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक स्थानीय युवक की मौत हो गई थी। यह सीट आरक्षित है। यहाँ से बीएसपी ने योगेश वर्मा, बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद भोला सिंह और कांग्रेस ने पूर्व विधायक बंसी पहाड़िया को चुनाव मैदान में उतारा है। बुलंदशहर में क़रीब 77 फ़ीसदी हिंदू और 22 फ़ीसदी मुसलिम हैं। बुलंदशहर सीट पर बीएसपी और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है।

अलीगढ़ 

अलीगढ़ सीट से बीजेपी के मौजूदा सांसद सतीश गौतम एक बार फिर मैदान में हैं। अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय को निशाने पर रखकर सुर्खियाँ बटोरने वाले गौतम का मुक़ाबला गठबंधन के प्रत्याशी अजीत बालियान और कांग्रेस उम्मीदवार पूर्व सांसद बृजेन्द्र सिंह से है। बीएसपी और कांग्रेस दोनों ने जाट उम्मीदवार उतारे हैं। सतीश गौतम प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर वोट माँग रहे हैं। वहीं बीएसपी उम्मीदवार अजित बालियान को दलित, मुस्लिम और जाट वोट मिलने की उम्मीद है। कांग्रेस को भी जाट के अलावा मुसलिम वोट मिलने की आस है। 

फतेहपुर सीकरी 

फतेहपुर सीकरी सीट पर चुनाव काफ़ी कठिन माना जा रहा है। कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर के मैदान में होने की वजह से इस सीट पर मुक़ाबला कड़ा हो गया है। बीएसपी ने यहाँ से दबंग नेता श्रीभगवान शर्मा उर्फ़ गुड्डू पंडित, बीजेपी ने राजकुमार चाहर को टिकट दिया है। ऐसे में यहाँ से त्रिकोणीय लड़ाई होने की संभावना दिख रही है। 

आगरा 

आगरा सीट आरक्षित है और यहाँ बीएसपी और बीजेपी के बीच सीधी जंग मानी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में अपने लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत यहीं से की थी। बीएसपी ने मनोज सोनी, बीजेपी ने एसपी सिंह बघेल और कांग्रेस ने प्रीता हरित को मैदान में उतारा है। प्रीता मेरठ में इनकम टैक्‍स विभाग में अफ़सर थीं। बीएसपी को दलित-मुसलिम वोट मिलने का भरोसा है। बीजेपी प्रत्याशी एसपी बघेल को प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर वोट मिलने का भरोसा है। कांग्रेस यहाँ मुक़ाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में है। 

अमरोहा 

मुसलिम और जाट बहुल इस सीट पर इस बार लड़ाई रोमांचक है। बीजेपी और बीएसपी के बीच यहाँ कड़ा मुक़ाबला है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता राशिद अल्वी चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके थे। इसके बाद कांग्रेस ने सचिन चौधरी को यहाँ से उम्मीदवार बनाया। गठबंधन के प्रत्याशी दानिश अली यहाँ ख़ुद को मज़बूत बता रहे हैं। अमरोहा में 20 फ़ीसदी से ज़्यादा मुसलिम मतदाता हैं। बीजेपी ने विरोध के बाद भी अपने मौजूदा सांसद कंवर सिंह तंवर को मैदान में उतारा है। यहाँ गठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में जातिगत समीकरण को बताया जा रहा है तो बीजेपी प्रत्याशी प्रधानमंत्री मोदी के नाम और अपने काम पर वोट माँग रहे हैं। 

नगीना 

नगीना सीट से बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद डॉक्टर यशवंत सिंह पर एक बार फिर भरोसा जताया है। डॉक्टर यशवंत सिंह का मुक़ाबला कांग्रेस उम्मीदवार पूर्व सांसद ओमवती और गठबंधन की तरफ़ से बीएसपी के उम्मीदवार गिरीश चंद्र से है। इस सीट पर क़रीब 21 फ़ीसदी एससी और 45 फ़ीसदी मुसलिम वोटर हैं। बीएसपी को उम्मीद है कि दलित-मुसलिम मतदाता उसके पक्ष में आ सकते हैं। लेकिन कांग्रेस भी मुसलिम और दलित मतदाताओं का साथ मिलने का दावा कर रही है। 

मथुरा 

मथुरा में इस बार बीजेपी उम्मीदवार और मौजूदा सांसद हेमा मालिनी को कड़ी टक्कर मिलती दिख रही है। कांग्रेस ने ब्राह्मण उम्मीदवार महेश पाठक को चुनाव मैदान में उतारा है। इससे यहाँ लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है। गठबंधन की ओर से यहाँ आरएलडी के कुंवर नरेंद्र सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। हेमा मालिनी के लिए उनके पति धर्मेंद्र भी प्रचार कर रहे हैं। 

हाथरस 

हाथरस सीट से गठबंधन ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामजी लाल सुमन को उम्मीदवार बनाया है। यहाँ उनका मुक़ाबला बीजेपी उम्मीदवार राजवीर सिंह और कांग्रेस के त्रिलोकी नाथ दिवाकर से है। सुमन को पिछली बार भी सपा ने टिकट दिया था लेकिन मोदी लहर में वह हार गए थे। इस बार गठबंधन के साथ होने के चलते वह बीजेपी को अच्छी-ख़ासी चुनौती दे रहे हैं। रामजी लाल सुमन काफ़ी अनुभवी राजनेता हैं और चार बार सांसद रह चुके हैं। 

इससे पूर्व पहले चरण में भी पश्चिम उत्तर प्रदेश की 8 लोकसभा सीटों के लिए 11 अप्रैल को मतदान हुआ था। पहले चरण में सहारनपुर, कैराना, बिजनौर, मुज़फ़्फ़रनगर, बागपत, मेरठ, ग़ाज़ियाबाद व गौतमबुद्धनगर सीट पर मतदान हुआ था। 

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