संसद सुरक्षा चूक, सांसदों के निलंबन पर हंगामा, सदन 2 बजे तक स्थगित
संसद के दोनों सदन शुक्रवार को कार्यवाही शुरू होते ही स्थगित कर दिए गए। संसद सुरक्षा चूक मामले और एक दिन पहले 14 सांसदों के निलंबन को लेकर सदन में शुक्रवार को भी गतिरोध बना रहा। इस वजह से कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया। कुछ मिनटों में ही दोनों सदनों को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
विपक्षी दलों के नेता संसद सुरक्षा चूक मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही वे लोकसभा में सुरक्षा चूक पर चर्चा के लिए दबाव डालने पर 14 विपक्षी सांसदों को शेष शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित किए जाने का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि गुरुवार को लोकसभा से 13 सांसद और राज्यसभा से 1 सांसद को अमर्यादित व्यवहार के लिए निलंबित कर दिया गया है।
सदन में ये गतिरोध तब शुरू हुआ जब संसद में बुधवार को दो लोग सुरक्षा को भेदते हुए लोकसभा में घुस गए थे और आँसू गैस जैसी कोई चीज छोड़ी थी। टेलीविज़न फ़ुटेज में वे एक डेस्क से दूसरे डेस्क पर कूदते हुए और सदन की वेल की ओर जाते हुए दिखे थे। दोनों को आख़िरकार पकड़ लिया गया। उनके पास से विजिटर पास बरामद हुआ जिसको बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के कार्यालय द्वारा जारी किया गया था। बाद में पता चला कि संसद परिसर में दो लोग और पकड़े गए हैं। बाद में ललित झा नाम के एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया।
संसद की इस सुरक्षा चूक को लेकर 11वें दिन विपक्षी नेताओं ने खिलाफ नारे लगाए। दोनों सदनों में विपक्ष के नेता 'पीएम सदन में आओ, अमित शाह शर्म करो' के नारे लगाते हुए देखे गये।
एक दिन पहले गुरुवार को इसी तरह के हंगामे के दौरान सांसदों पर कार्रवाई की गई। संसद में सुरक्षा चूक पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान न देने के मुद्दे पर गुरुवार को हंगामा हुआ था। इसके बाद लोकसभा के 13 सांसदों और राज्यसभा से एक टीएमसी सांसद को इस सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया।
सरकार ने लोकसभा से 14 सांसदों को निलंबित कर दिया था, लेकिन बाद में सवाल उठाया गया कि निलंबित सांसदों में से एक डीएमके सांसद गुरुवार को संसद में उपस्थित ही नहीं थे। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री ने देर शाम को सफाई में कहा कि एक सांसद का निलंबन वापस ले लिया गया है और इस तरह लोकसभा से 13 सांसद ही निलंबित किए गए हैं।
संसद में अनुपस्थित रहे डीएमके सांसद एसआर पार्थिबन को निलंबित करने का मामला अजीब था। बाद में संसदीय कार्य मंत्री ने ग़लती मानी और कहा कि पार्थिबन को निलंबित नहीं किया गया है। डीएमके नेताओं और कांग्रेस के नेता ने ऐसी कार्रवाई को मजाक बताया। जिन एसआर पार्थिबन पर कार्रवाई की गई थी उन्होंने कहा कि यह मजाक है क्योंकि मैं आज तबीयत ख़राब होने के कारण संसद में ही नहीं गया था। डीएमके सांसद सेंथिलकुमार एस ने कहा था, 'उस दौरान डीएमके के पार्थिबन लोकसभा में नहीं थे। लेकिन संसदीय कार्य मंत्री ने निलंबित सांसदों की सूची में उनका नाम पढ़ा। सत्ता का पूरा मजाक बन गया है।'
लोकसभा से अपने निलंबन पर कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने कहा, 'इंडिया गठबंधन के सभी सांसद एकजुट हैं और कल हम सभी को अलोकतांत्रिक तरीके से निलंबित कर दिया गया। हम गांधी प्रतिमा के सामने मौन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और हम विरोध जारी रखेंगे। इंडिया गठबंधन के नेताओं ने उस मुद्दे को उठाने का फैसला किया है जिसके लिए हम लड़ रहे हैं। वे उन मुद्दों को संसद में उठाना जारी रखेंगे।'