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साम्प्रदायिक होता लोकसभा चुनावः गुजरात, यूपी, महाराष्ट्र से जहरीली खबरें 

साम्प्रदायिक होता लोकसभा चुनावः गुजरात, यूपी, महाराष्ट्र से जहरीली खबरें 

लोकसभा चुनाव 2024 के चौथे चरण के लिए अभियना शुरू हो गया है लेकिन इसी बीच साम्प्रदायिक तनाव भड़काने की खबरें आना शुरू हो गई हैं। अभी सिर्फ गुजरात, यूपी में हिंसक साम्प्रदायिक तनाव बनाने की खबरें हैं, जबकि हैदराबाद में भाजपा नेता के बयान से तनाव बन गया है। लंबे समय से भाजपा नेताओं पर साम्प्रदायिक बयान देकर माहौल बनाने का आरोप लग रहा है लेकिन चौथे चरण में इन बयानों का असर दिखना शुरू हो गया है। कांग्रेस का आरोप है कि जब मोदी ने ही माहौल को हिन्दू-मुसलमान में बांटने की कोशिश की तो उनके नेता क्यों पीछे रहेंगे। जानिए सारा मामला क्या हैः

लोकसभा चुनाव 2024 के चौथे चरण के अभियान के बीच हिन्दू-मुस्लिम मतदाताओं का ध्रुवीकरण कराने के लिए कोशिशें शुरू हो गई हैं। गुजरात के अहमदाबाद में एक दरगाह में तोड़फोड़ करके मूर्तियां रख दी गई हैं। वहां तनाव बना हुआ है। बरेली में एक छात्रा की मौत को हिन्दू-मुसलमान में बदल दिया गया है। विश्व हिन्दू परिषद के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। हैदराबाद में भाजपा नेता नवनीत राणा ने साम्प्रदायिक बयान दिया, जिससे वहां तनाव बन गया है। पीएम मोदी की चुनावी रैलियों में मुसलमानों को लगातार टारगेट किया जा रहा है। जिसे आप यहां पढ़ सकते हैं। मोदी ने 7 मई को कहा कि कांग्रेस आई तो अयोध्या में राम मंदिर पर बाबरी ताला लग जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 8 मई को लखीपुर खीरी में यही बात अजय मिश्रा टेनी के लिए वोट मांगते हुए कही। टेनी का बेटा आशीष मिश्रा मोनू किसानों पर जीप चढ़ाकर उन्हें मारने के आरोप का सामना कर रहा है। 

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक अहमदाबाद के बाहरी इलाके में इमामशाह बावा की पिराना दरगाह में मंगलवार देर रात को एक भीड़ ने उग्र नारा लगाते हुए प्रवेश किया और वहां बनी कब्रों को तोड़कर जगह को समतल कर दिया। जब पिराना गांव में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को इस बेअदबी के बारे में पता चला तो वो दरगाह पहुंचे। वहां पथराव हुआ। इसके बाद वहां हिंसा शुरू हो गई। पथराव में 4 लोग घायल हुए हैं। करीब 30 लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनमें अधिकांश मुस्लिम हैं। यह दरगाह 600 पुरानी है और हिन्दू-मुस्लिम सौहार्द का प्रतीक रही है। गुजरात में मंगलवार को ही 25 लोकसभा सीटों के लिए वोट डाले गए थे और पूरे अहमदाबाद जिले के चप्पे पर पुलिस तैनात थी। इसके बावजूद असामाजिक तत्वों को साम्प्रदायिक घटना को अंजाम देने की छूट मिली हुई थी।  

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक अहमदाबाद के एसपी ओमप्रकाश जाट ने बताया- “दरगाह के ट्रस्ट में हिंदू और मुस्लिम समुदायों के सदस्य हैं। यहां पर मंदिर को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। बुधवार तड़के, दोनों समुदायों के लोग कब्रों को तोड़े जाने की जानकारी मिलने के बाद जमा हुए। तनावपूर्ण स्थिति से निपटने के लिए जब पुलिस मौके पर पहुंची तो पथराव शुरू हो गया। घटना में एक इंस्पेक्टर सहित चार-पांच लोगों को चोटें आईं। किसी को कोई बड़ी चोट नहीं आई।'' बता दें कि 600 साल पुरानी इस दरगाह में 2022 में एक दावा सामने आया जब कुछ लोगों ने कहा कि यह प्रेरणा पीठ निष्कलकि मंदिर है। हालांकि सैयद परिवार के लोगों की कब्रें वहां सैकड़ों साल पुरानी हैं। लेकिन अदालत में अब इस दरगाह को लेकर मंदिर और दरगाह का केस चल रहा है। अलग से भी कई याचिकाएं अदालतों में दायर की गई हैं। 

अहमदाबाद के बाहरी इलाके में इस दरगाह को लेकर ओप इंडिया और सुदर्शन चैनल ने खबर चलाई कि मुस्लिमों ने मंदिर में घुसकर तोड़फोड़ की और कब्जा करने की कोशिश की। लेकिन मौके से जो वीडियो सामने आए हैं। वे सच बता रहे हैं और पुलिस के बयान से भी स्थिति साफ हो गई है। पुलिस ने इलाके के लोगों को भरोसा दिया है कि जिन कब्रों को तोड़ा गया है, उन्हें फिर से बनवाया जाएगा।

बरेली में क्या हुआ

बरेली जिले के फतेहगंज पश्चिमी में रेल ट्रैक पर एक छात्रा का शव ट्रेन से कटा पाया गया। वीएचपी, बजरंग दल आदि हिन्दू संगठनों ने शव थाने के सामने रखकर प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि यादव परिवार की इस बेटी के साथ दूसरे समुदाय के लोगों ने गैंगरेप किया है और उसके बाद उसे रेल लाइन पर फेंक कर खुदकुशी का मामला बनाने की कोशिश की है। फतेहगंज पश्चिमी पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है। यह घटना बरेली और शाहजहांपुर सीमा पर हुई। जिसमें पहले यह तय नहीं हो पा रहा था कि मामला किस जिले में हुआ। सोशल मीडिया पर इस घटना को तमाम लोग हिन्दू-मुसलमानों के एंगल से ही पोस्ट किया जा रहा है। कुछ ट्वीट्स में तो कथित आरोपी का नाम तक लिख दिया गया है। ज्यादातर ट्वीट इस बात हैं कि यादव-मुस्लिम एकता कहां गई। ...और दो सपा को वोट। अखिलेश अगर यूपी में फिर आ गए तो यादवों का यही हाल होगा।...इस तरह के विचारों वाली पोस्ट से संकेत मिल रहा है कि इस घटना को अलग रुख देने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल फतेहगंज पश्चिमी में तनाव बना हुआ है। पुलिस तैनात है।

नवनीत राणा का हैदराबाद में विवादास्पद बयान

भाजपा नेता नवनीत राणा ने हैदराबाद में एक रैली में अकबरुद्दीन ओवैसी के 2013 के एक बयान पर कहा- “छोटा (अकबरुद्दीन ओवैसी) भाई कहता है कि 15 मिनट के लिए पुलिस को हटा दो ताकि हम उन्हें दिखा सकें कि हम क्या कर सकते हैं। मैं छोटे भाई से कहना चाहती हूं कि आपको 15 मिनट लग सकते हैं, लेकिन हमें केवल 15 सेकंड लगेंगे... अगर हम आएंगे तो हम सभी को 15 सेकंड लगेंगे।'' 2013 में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता अकबरुद्दीन औवेसी के एक भड़काऊ बयान दिया था। जिस पर पुलिस ने केस दर्ज कर अकबरुद्दीन को गिरफ्तार भी किया था। बाद में अकबरुद्दीन ने उस बयान के लिए खेद जताया और वापस ले लिया।

नवनीत राणा महाराष्ट्र की रहने वाली हैं लेकिन उन्होंने बयान हैदराबाद आकर भाजपा प्रत्याशी माधवी लता की चुनावी रैली में दिया। माधवी लता का मुकाबला एआईएमआईएम प्रमुख और अकबरुद्दीन के भाई असदुद्दीन ओवैसी से है। नवनीत राणा ने इस विवादास्पद बयान को अपने एक्स हैंडल पर भी लगाया है। अभी तक चुनाव आयोग ने इस बयान का कोई संज्ञान नहीं लिया है और न ही कोई नोटिस जारी किया है।

ओवैसी की प्रतिक्रिया

नवनीत राणा की "15 सेकंड लगेंगे" वाली टिप्पणी पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को कहा, "मैं मोदी जी से कहता हूं - उन्हें 15 सेकंड दीजिए। आप क्या करेंगे?...उन्हें 15 सेकंड दीजिए, 1 घंटा दीजिए। हम भी देखना चाहते हैं कि क्या आपमें थोड़ी भी इंसानियत बची है. कौन डरता है? हम तैयार हैं...अगर कोई इसके लिए खुला आह्वान कर रहा है तो ऐसा ही हो...पीएम आपका है, आरएसएस है तुम्हारा, सब कुछ तुम्हारा है। तुम्हें कौन रोक रहा है... हमें बताओ कि हमें कहाँ आना है, हम वहाँ आएँगे।'' 

नवनीत राणा के यह कहने कि 'अगर आप एआईएमआईएम और कांग्रेस को वोट देते हैं, तो यह सीधे पाकिस्तान को जाता है' पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- '2014 में नरेंद्र मोदी अचानक नवाज शरीफ के घर पहुंच गए थे। ..वह क्या था? उन्हें लगता है कि भारत में सभी मुसलमान पाकिस्तानी हैं। हमें आरएसएस की इस विचारधारा को हराना है। वे (भाजपा) भारत के बहुलवाद और विविधता से नफरत करते हैं।''

'मोदी के इशारे पर नफरत फैलाई जा रही है'

नवनीत राणा के बयान को कांग्रेस ने मुद्दा बना दिया है। महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा-  "पीएम मोदी और अमित शाह समाज में नफरत फैला रहे हैं तो स्वाभाविक है कि उनके कार्यकर्ता और उम्मीदवार भी ऐसा ही करने वाले हैं। अकबरुद्दीन ओवैसी ने जो कहा है वह गलत है और नवनीत राणा ने जो कहा है वह भी बेहद शर्मनाक है। पीएम मोदी के इशारे पर देश में नफरत फैलाने का काम किया जा रहा है क्योंकि पीएम मोदी ये चुनाव बुरी तरह से हार रहे हैं...मैं चुनाव आयोग से ऐसी गुजारिश करूंगा कि दोनों बयानों की जांच हो और उनके खिलाफ कार्रवाई हो.. ।"

भाजपा नेता की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने कहा, ''नवनीत राणा समझ गई हैं कि वह अमरावती में चुनाव हारने वाली हैं। आनंद राज अंबेडकर, जिन्हें हमारी पार्टी का समर्थन है, जीतने जा रहे हैं। वह सदमे में है और इसीलिए यह सब कह रही है। पुलिस या चुनाव आयोग द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? वे (भाजपा) ध्रुवीकरण और सांप्रदायिक वैमनस्य का प्रयास कर रहे हैं।''

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