मोदी के बाद अब अमित शाह का बयान देखिए- 'मुल्ला, मदरसा, माफिया'
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर अपने 'मां, माटी, मानुष' नारे से भटकने और इसके बजाय मुस्लिम तुष्टिकरण करने का आरोप लगाया। शाह ने हुगली के सेरामपुर में एक चुनावी रैली में कहा- “ममता बनर्जी ‘मां, माटी, मानुष’ के नारे के साथ सत्ता में आई थीं, लेकिन यह नारा अब गायब हो गया है और ‘मुल्ला, मदरसा और माफिया’ उसकी जगह आ गए हैं। मुझे बताएं कि क्या मुल्लाओं (मौलवियों) को बंगाल के राज्य के खजाने से भुगतान किया जाना चाहिए?"
#WATCH | While Speaking at West Bengal's Serampore public meeting, Union Home Minister Amit Shah says, "Mamata Banerjee came into power with the slogan of 'Ma, Maati, Manush' but this slogan has lost now and 'Mulla, Maulavi, Madrasa' is there at the ground... She denies the… pic.twitter.com/HPkQmUGZB9
— ANI (@ANI) May 15, 2024
पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में चुनाव प्रचार कर रहे शाह ने टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी पर रमजान के दौरान मुस्लिम कर्मचारियों को छुट्टियां देने और 'दुर्गा विसर्जन' की अनुमति देने से इनकार करने का आरोप भी लगाया।
अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को खत्म करने का विरोध करने के लिए भी ममता बनर्जी की आलोचना की। उन्होंने कहा, ''ममता दीदी और कांग्रेस धारा 370 हटाने का विरोध करती हैं। जब मैंने पूछा तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बहेंगी। यह (पीएम) नरेंद्र मोदी का शासन है। पाँच साल हो गये, खून की नदियाँ तो छोड़िये, किसी को पत्थर फेंकने की भी हिम्मत नहीं हुई। धारा 370 हटाकर नरेंद्र मोदी ने पूरे कश्मीर को हमेशा के लिए भारत से जोड़ दिया।''
टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने 2009 के चुनाव में नारा दिया था, जो बहुत ही लोकप्रिय हुआ था और आज भी लोकप्रिय है। ममता ने नारा गढ़ा था- 'मा माटी मानुष', जिसका अनुवाद "माँ, भूमि और लोग" है। यह नारा 2009 के लोकसभा चुनाव और 2011 के राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में लोकप्रिय हुआ था।
अमित शाह ने मुस्लिम कर्मचारियों को छुट्टी देने का मामला उठाते हुए कहा- "कलकत्ता हाईकोर्ट ने मना कर दिया लेकिन ममता दीदी ने इसे वक्फ बोर्ड के जरिए लागू कर दिया। वह रोहिंग्या (मुसलमानों) को भारत में प्रवेश करने से नहीं रोकती हैं और राम मंदिर उद्घाटन का विरोध करती हैं। वह 'दुर्गा विसर्जन' की अनुमति से भी इनकार करती हैं लेकिन मुस्लिम कर्मचारियों को रमजान में छुट्टी दे देती हैं।“
बंगाल में चुनाव प्रचार पांचवें दौर में है। 20 मई को राज्य की 7 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा। 2019 के लोकसभा चुनावों में, टीएमसी ने पश्चिम बंगाल की 42 संसदीय सीटों में से 22 सीटें हासिल कीं। भाजपा ने 18 सीटें जीतीं जबकि कांग्रेस को बाकी दो सीटें मिलीं।
पीएम मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने इस चुनाव में 400 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। भाजपा ने इसके लिए 400 पार का नारा दिया है। दूसरी तरफ कांग्रेस के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन सत्तारूढ़ गठबंधन को कड़ी चुनौती दे रहा है। अब तक चार चरणों का चुनाव हो चुका है लेकिन भाजपा नेताओं के भाषणों से पता चल रहा है कि विपक्ष ने उसे कहीं न कहीं परेशान कर रखा है। यूपी में धांधली के आरोप लग रहे हैं, जहां लोकसभा की सबसे ज्यादा 80 सीटें हैं।