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लोकसभा चुनाव 2024: गुजरात के बाद यूपी के 'क्षत्रिय' भाजपा से क्यों नाराज?

लोकसभा चुनाव 2024: गुजरात के बाद यूपी के 'क्षत्रिय' भाजपा से क्यों नाराज?

यूपी में 19 अप्रैल को लोकसभा के पहले चरण का मतदान है। इस चरण में सहारनपुर समेत कई सीटों पर मतदान होगा। लेकिन सहारनपुर के कस्बे ननौता में रविवार को क्षत्रिय समाज ने भाजपा के खिलाफ पंचायत करके अपने गुस्से का इजहार किया है। पश्चिमी यूपी के कई अन्य कस्बों और गांवों में क्षत्रिय समाज बैठकें कर रहा है। एक्स (ट्विटर) पर राजपूत समाज टॉप ट्रेंड में सोमवार को शामिल है। आखिर क्षत्रिय समाज जो परंपरागत रूप से भाजपा की दरी बिछाता रहा है, वो गुजरात के बाद अचानक यूपी में खिलाफ क्यों हो गया। जानिएः

केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला की कथित टिप्पणी से गुजरात में भाजपा के खिलाफ 'क्षत्रिय' समुदाय के विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी हैं लेकिन अब यूपी से भी ऐसी ही खबरें आ रही हैं। लेकिन यूपी के राजपूतों की नाराजगी की वजह कुछ और है। क्षत्रिय समाज ने रविवार को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में एक पंचायत आयोजित की। राजपूत नेताओं ने भाजपा पर 'क्षत्रिय समुदाय के हितों की अनदेखी करते हुए समुदाय के सदस्यों से आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा उम्मीदवारों का विरोध करने का आह्वान किया।

नानौता कस्बे में आयोजित इस पंचायत में हरियाणा, राजस्थान और गुजरात सहित राज्य और देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में क्षत्रिय समुदाय के नेताओं ने भाग लिया। यानी यह पंचायत यूपी स्तर की न होकर अखिल भारतीय बन गई।

किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष और क्षत्रिय समुदाय के नेता ठाकुर पूरन सिंह ने कहा कि समुदाय के सदस्य उस पार्टी का समर्थन करेंगे, जो भाजपा उम्मीदवारों को हराने के लिए बेहतर स्थिति में होगी। सिंह ने कहा, ''हमने हमेशा भाजपा का समर्थन किया है, लेकिन भाजपा राजपूत नेताओं को दरकिनार कर रही है... लोकसभा चुनाव के लिए टिकटों के वितरण में हमारे समुदाय को नजरअंदाज किया गया है।''

16 को एक और बड़ी बैठक   

ननौता पंचायत में वक्ताओं ने यह भी कहा कि उनके समुदाय के नेताओं को भाजपा संगठन में भी पद नहीं दिए गए हैं और समुदाय के सदस्यों से एकजुट रहने और चुनाव में भाजपा का विरोध करने को कहा। पंचायत ने लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से बमुश्किल तीन दिन पहले 16 अप्रैल को मेरठ जिले के सरधना में समुदाय के नेताओं की एक और बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया।

पश्चिमी यूपी की आठ लोकसभा सीटों, जिनमें सहारनपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, कैराना, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर शामिल हैं, पर 19 अप्रैल को मतदान होगा। कुछ दिन पहले मुजफ्फरनगर जिले में भी इसी तरह की पंचायतें आयोजित की गई थीं, जहां वक्ताओं ने समुदाय के लोगों से भाजपा उम्मीदवार संजीव बलियान का विरोध करने को कहा था। इस आह्वान का असर तब दिखाई दिया, जब एक गांव में संजीव बालियान का गांव के लोगों ने जबरदस्त विरोध किया। गाड़ियों में तोड़फोड़ कर दी। संजीव बालियान को वहां से भागना पड़ा। बाद में भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि यह सब असामजिक तत्वों की शरारत थी। 

हाल ही में केंद्रीय मंत्री रूपाला ने टिप्पणी की थी कि क्षत्रिय राजाओं ने मुस्लिम शासकों के उत्पीड़न को स्वीकार कर लिया था और अपनी बेटियों की शादी भी उनसे कर दी थीं। इस टिप्पणी पर गुजरात के क्षत्रिय काफी नाराज हो गए। उसका असर यूपी, राजस्थान, हरियाणा के राजपूत समुदाय पर भी पड़ा। सहारनपुर हरियाणा से सटा हुआ यूपी का जिला है। इसलिए ननौता में रविवार की पंचायत इसीलिए रखी गई कि हरियाणा से भी लोग आ सकें। हालांकि रूपाला अब माफी मांगते घूम रहे हैं लेकिन राजपूतों का गुस्सा कम नहीं हो रहा है। .

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