मोदी मंडली के बयानों की 16 शिकायतें, चुनाव आयोग खामोश, टिप्पणी से इनकार
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी, गुरदीप सप्पल और सुप्रिया श्रीनेत के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने 22 अप्रैल सोमवार शाम 4 बजे केंद्रीय चुनाव आयोग (ECI) से मुलाकात की। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951, सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न निर्णयों और ईसीआई के आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए भाजपा और अन्य लोगों के खिलाफ 16 शिकायतें चुनाव आयोग के पास पहुंची हुई हैं।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ''हमें उम्मीद है कि इन वैध शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।'' 16 शिकायतों में से एक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ है, जिन्होंने कथित तौर पर मतदाताओं से वोट मांगते हुए धर्म का इस्तेमाल किया था। पार्टी ने आरोप लगाया कि मोदी कांग्रेस और उसके नेताओं के खिलाफ झूठे, अपमानजनक बयान भी दे रहे हैं। मोदी के खिलाफ शिकायतों पर चुनाव आयोग ने चुप्पी साधे रखी है।
18वीं लोकसभा के लिए मतदान का पहला चरण शुरू होते ही चुनाव आयोग के पास मोदी और भाजपा के अन्य नेताओं के साम्प्रदायिक भाषण की शिकायतें पहुंचने लगी थीं। कांग्रेस ने सोमवार को ईसीआई से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'धन के पुनर्वितरण' भाषण के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया। पार्टी ने कहा कि पीएम मोदी के बयान 'विभाजनकारी और दुर्भावनापूर्ण' हैं।
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने कहा- "हम उनके (पीएम मोदी) पद का सम्मान करते हैं; वह उतने ही हमारे पीएम हैं जितने बीजेपी के। वह जितने ऊंचे पद पर हैं, उन पर संयम बरतने का दायित्व उतना ही अधिक है। दुर्भाग्य से, उन्होंने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के जिस बयान का हवाला दिया, वह पूरी तरह से झूछ है। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "हम पीएम से कभी भी ऐसी उम्मीद नहीं कर सकते। हम उनसे हाथ जोड़कर प्रार्थना करेंगे कि वे इन टिप्पणियों को वापस लें और स्पष्टीकरण दें।"
चुनाव आयोग में ज्ञापन देने के बाद सिंघवी ने कहा, "पीएम मोदी ने एक समुदाय का नाम लिया, धर्म के बारे में खुलकर बात की, उन्होंने सांप्रदायिक और समुदाय के बारे में खुलकर बात की... उन्होंने स्पष्ट रूप से धारा 123 का उल्लंघन किया है... ऐसा करने वाले व्यक्ति की स्थिति की परवाह किए बिना , किसी भी अन्य मामले की तरह उचित कार्रवाई शीघ्र करने का प्रावधान है।"
Today an @INCIndia delegation comprising of Dr. Abhishek Manu Singhvi, Shri Gurdeep Sappal, and Shrimati Supriya Shrinate met with the Election Commission of India at 4PM and put forward 16 complaints against the BJP and other actors for violations of The Representation of the… pic.twitter.com/AbAf0NVon8
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 22, 2024
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर सोमवार को फिर से आरोप लगाया कि अगर वह सत्ता में आती है तो लोगों की संपत्ति को फिर से बांटने की योजना बना रही है, लेकिन इसी दौरान वो यह कहते-कहते रुक गए कि यह धन मुसलमानों के पास जाएगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बड़ी मुस्लिम आबादी वाले लोकसभा क्षेत्र अलीगढ़ में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, मोदी ने विपक्षी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर "तुष्टिकरण" की नीति का पालन करने और समुदाय की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के उत्थान के लिए कुछ भी नहीं करने का आरोप लगाया।
पीएम मोदी के खिलाफ शिकायत के साथ-साथ कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने बीजेपी के खिलाफ 16 शिकायतें सौंपी और सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। चुनाव के दौरान यूजीसी में नई नियुक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
चुनाव आयोग को ज्ञापन में कांग्रेस ने कहा- "अगर माननीय आयोग प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी द्वारा किए जा रहे इन अपमानजनक, जानबूझकर और निर्लज्ज उल्लंघनों के सामने कानून को बनाए रखने की चुनौती का सामना करने में विफल रहता है, तो ईसीआई अपनी विरासत को धूमिल करने और अपने संवैधानिक को त्यागने का जोखिम उठाएगा।"
पीएम मोदी ने रविवार और सोमवार को यह दावा करके एक राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया कि कांग्रेस के घोषणापत्र में सर्वेक्षण करने के बाद धन के "पुनर्वितरण" का वादा किया गया था। हालांकि मोदी का यह बयान तथ्यात्मक रूप से गलत है। कांग्रेस ने ऐसा नहीं कहा है कि सत्ता में आई तो लोगों की जमीन-जायदाद और आभूषण छीन लेगी।