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अमेठी के संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल का लाइसेंस निलंबित, राजनीति तेज 

अमेठी के संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल का लाइसेंस निलंबित, राजनीति तेज 

उत्तर प्रदेश के अमेठी में स्थित संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल का लाइसेंस यूपी स्वास्थ्य विभाग ने निलंबित कर दिया है। इसके पीछे कारण अस्पताल में भर्ती एक 22 वर्षीय महिला मरीज की चिकित्सीय लापरवाही के कारण हुई मौत बताया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश के अमेठी में स्थित संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल का लाइसेंस यूपी स्वास्थ्य विभाग ने निलंबित कर दिया है। 

इसके पीछे कारण अस्पताल में भर्ती एक 22 वर्षीय महिला मरीज की चिकित्सीय लापरवाही के कारण हुई मौत बताया जा रहा है। 

वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राज्य की भाजपा सरकार ने राजनैतिक कारणों से अस्पताल का लाईसेंस निलंबित कर दिया है। अस्पताल का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है जिसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। इसलिए भी कांग्रेस का कहना है कि अस्पताल को "निशाना" बनाकर "प्रतिशोध" लिया जा रहा है। 

अस्पताल के लाईसेंस को रद्द कर दिए जाने के बाद अस्पताल अधिकारियों ने कहा कि वे लाइसेंस के निलंबन के खिलाफ अदालत जाएंगे, वहीं कांग्रेस ने कहा कि वे सरकार के फैसले के खिलाफ आंदोलन शुरू करेंगे। 

अमेठी के संजय गांधी अस्पताल में एक 22 वर्षीय विवाहिता दिव्या शुक्ला की ऑपरेशन से पूर्व एनेस्थीसिया का डोज दिए जाने के बाद मौत हो गई थी. दिव्या शुक्ला की मौत का मामला गरमा गया और बात लखनऊ तक पहुंच गई। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेठी जिले के मुंशीगंज में गांधी परिवार द्वारा स्थापित इसअस्पताल का लाइसेंस निलंबित करते हुए उसकी ओपीडी और सारी सेवाएं बंद कर दी गई हैं। 

संजय गांधी अस्पताल में 14 सितंबर को एक 22 वर्षीय महिला मरीज की ऑपरेशन से पूर्व एनेस्थीसिया का डोज दिए जाने के बाद मौत हो गई थी। इसके बाद काफी हंगामा हो गया। मामले की गूंज लखनऊ तक पहुंची। इसके बाद इस मामले का संज्ञान लेते हुए उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने तत्काल जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को मामले की जांच का निर्देश दिया था। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीएमओ ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर जांच करवाई। जांच कमेटी ने जांच कर अपनी रिपोर्ट सीएमओ को सौंप दी थी। इसके बाद संजय गांधी अस्पताल प्रशासन को कारण बताओ नोटिस देते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया था। 

इसके बाद संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करते हुए उसकी ओपीडी और सारी सेवाएं बंद कर दी गईं हैं। 

दावाः आसपास के चार-पांच जिलों में ऐसा अस्पताल नहीं है 

इस मामले में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि मरीज की जान लेने वाले किसी भी अस्पताल को बख्शा नहीं जाएगा, न्याय संगत कार्रवाई होगी। पूरी घटना पर स्थानीय कमेटी ने जांच की है और इसके बाद कार्रवाई हुई। 

गांधी परिवार द्वारा स्थापित इस अस्पताल को बंद किए जाने के बाद से अमेठी की राजनीति में गर्माहट आ गई है। दिल्ली से कांग्रेस के कई बड़े नेताओं का अमेठी पहुंचना जारी है। कांग्रेस नेता बैठक कर आगे की रणनीति बना रहे हैं। 

अमेठी में सोनिया गांधी के प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा ने कहा है कि संजय गांधी अस्पताल जो वर्षों से जनहित की सेवा में लगा हुआ है, उसको बंद करने का तरीका गलत है। किसी की गलती का दंड उस व्यक्ति को मिलना चाहिए ना की संस्था को मिलना चाहिए।

अस्पताल में ताला लगवा देने से जनता का नुकसान हो रहा है। इस अस्पताल में सभी लोग आते हैं। उन्होंने कहा कि जाति, धर्म, भेदभाव से अस्पताल ऊपर है।  किसी व्यक्ति विशेष के लिए यह अस्पताल नहीं था।  आसपास के चार-पांच जिलों में इस स्तर का अस्पताल नहीं है। 

350 बेड का है यह अस्पताल, 1986 से सेवा दे रहा 

संजय गांधी अस्पताल की आधारशिला 1 सितंबर 1982 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा रखी गई थी। यह अस्पताल 1986 से अमेठी में लगातार अपनी सेवाएं दे रहा है। इस अस्पताल में 350 बेड हैं। यहां पर करीब 400 कर्मचारी काम करते हैं। यहां एएनएम और जीएनएम जैसे नर्सिंग कोर्स भी संचालित किए जाते हैं। 

संजय गांधी अस्पताल की स्थापना अमेठी और इसके आसपास के जिलों के लोगों को अत्याधुनिक चिकित्सा और स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने के लिए की गई थी। यह अस्पताल संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा संचालित होता है। अस्पताल में विभिन्न विभागों की ओपीडी और आईपीडी सेवाएं दी जाती रही हैं।   

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