शेयर संकट पर अडानी समूह से सफाई मांगेंगे: एलआईसी
भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी ने कहा है कि वह अडानी की कंपनियों के शेयरों की कीमतों में हालिया गिरावट और संकट से निपटने की योजना के बारे में सफाई मांगेगी। एलआईसी के अध्यक्ष एमआर कुमार ने गुरुवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी के अधिकारी जल्द ही अडानी समूह के शीर्ष प्रबंधन से मिलेंगे।
एलआईसी की यह प्रतिक्रिया इसलिए आई है कि अडानी समूह की फर्मों के शेयरों में एलआईसी के निवेश की विपक्षी दलों और निवेशकों ने आलोचना की है। ये आलोचना इसलिए की जा रही है कि क्या एलआईसी ने अडानी की कंपनियों की आर्थिक स्थिति देखे बिना ही निवेश कर दिया। अडानी की कंपनियों की आर्थिक स्थिति को लेकर इसलिए सवाल उठाए जा रहे हैं क्योंकि अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने गौतम अडानी के नेतृत्व वाले समूह के खिलाफ कई आरोप लगाने वाली एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि इसकी कंपनियां शेयर की कीमतों का प्रबंधन और हेरफेर करती हैं।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनियों पर स्टॉक में हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हमने अपनी रिसर्च में अडानी समूह के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों सहित दर्जनों व्यक्तियों से बात की, हजारों दस्तावेजों की जांच की और इसकी जांच के लिए लगभग आधा दर्जन देशों में जाकर साइट का दौरा किया। हालाँकि अडानी समूह ने इन आरोपों का खंडन किया है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद से अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों की क़ीमतें धड़ाम गिरी हैं और इससे समूह का मूल्य क़रीब आधा ही रह गया है।
इसी बीच अडानी समूह की कंपनियों में एलआईसी के निवेश को लेकर सवाल उठने लगे। एलआईसी के बयान में अब कहा गया है, 'हम उन्हें (अडानी समूह प्रबंधन को) कुछ समय के लिए बुलाएंगे ताकि उनकी व्यावसायिक प्रोफ़ाइल जान सकें कि वे क्या करने की योजना बना रहे हैं और जो कुछ हुआ है उसके आसपास वे कैसे सब कुछ प्रबंधित कर रहे हैं। अगर वे इस पर कुछ रोशनी डाल सकते हैं तो इससे हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि क्या हो रहा है।'
एलआईसी ने अपने निवेश के बाज़ार मूल्य को लेकर जानकारी नहीं दी, लेकिन इतना ज़रूर कहा कि हम अभी भी हरे निशान में हैं।
बता दें कि 30 जनवरी को एलआईसी ने कहा था कि दिसंबर 2022 के अंत तक अडानी समूह के तहत इक्विटी और ऋण के तहत उसकी कुल हिस्सेदारी 35,917.31 करोड़ रुपये थी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अडानी समूह की सभी कंपनियों के तहत कई वर्षों में खरीदी गई इक्विटी का कुल खरीद मूल्य 30,127 करोड़ रुपये था और 27 जनवरी, 2023 को बाजार बंद होने पर इसका बाजार मूल्य 56,142 करोड़ रुपये था।