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बीजेपी 22 हजार करोड़ वापस करे, हम 97 करोड़ दे देंगे: आप 

बीजेपी 22 हजार करोड़ वापस करे, हम 97 करोड़ दे देंगे: आप 

आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी शासित राज्य गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, असम ने अपने विज्ञापन दूसरे राज्यों में दिए हैं और इनकी कीमत 22000 करोड़ है। 

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के द्वारा आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रुपए वसूल किए जाने के निर्देश पर पार्टी की ओर से पलटवार किया गया है। आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस प्रकार में कहा कि उपराज्यपाल के पास ऐसी कोई ताकत नहीं है कि वह इस तरह का कोई आदेश पारित करें और इस तरह के आदेशों की कोई कीमत भी कानून की निगाह में नहीं है। 

उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल अपनी आधिकारिक चिट्ठी में उन तर्कों को रख रहे हैं जो बीजेपी के प्रवक्ता पिछले डेढ़ साल से रोज अपनी बहस में देते हैं। 

उन्होंने कहा कि बीजेपी शासित राज्य गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, असम ने अपने विज्ञापन दूसरे राज्यों में दिए हैं और इनकी कीमत 22000 करोड़ है। 

इस दौरान उन्होंने इन बीजेपी शासित राज्यों के दिल्ली के अखबारों में छपे विज्ञापनों को भी पत्रकारों के सामने रखा। 

भारद्वाज ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार से 97 करोड़ रुपए वसूलने की बात की जा रही है लेकिन यह 22000 करोड़ रुपए कब वसूले जाएंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी बताए कि वह 22000 करोड़ रुपए कब राज्य सरकारों को वापस करेगी और तब हम 97 करोड़ रुपए दे देंगे। 

भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी की राज्य सरकारें दिल्ली में अपना विज्ञापन क्यों प्रकाशित करवाती हैं और इसका पैसा बीजेपी से कब वसूल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी हर वह षड्यंत्र कर रही है जिससे दिल्ली के लोगों के कामों को रोका जा सके। 

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब आप जनता के बीच विज्ञापन के जरिए जागरूकता फैलाते हैं तो उसकी कोई कीमत नहीं होती। उन्होंने कहा कि डेंगू, कोरोना को लेकर फैलाई गई जागरूकता से कितनी जिंदगियां और सरकार का खर्च बचा। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बीजेपी के कुतर्क को राज निवास अपनी आधिकारिक प्रेस रिलीज में जगह दे रहा है। 

विधायक ने कहा कि मोहल्ला क्लीनिक का पैसा रोका जा रहा है और मोहल्ला क्लीनिक में टेस्ट बंद कर दिए गए हैं। 

उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के द्वारा वसूली का यह निर्देश राजनीतिक विज्ञापनों को सरकारी विज्ञापन के रूप में प्रकाशित करने के आरोप में दिया गया है। कहा गया है कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के द्वारा साल 2015 में, दिल्ली हाई कोर्ट के द्वारा साल 2016 में दिए गए आदेशों का उल्लंघन किया है। 

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