दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने आम आदमी पार्टी के छह नेताओं को कानूनी नोटिस भेजा है। इन नेताओं में संजय सिंह, आतिशी सिंह, दुर्गेश पाठक, सौरभ भारद्वाज, संजय सिंह और जैस्मीन शाह शामिल हैं। नोटिस में कहा गया है कि आम आदमी पार्टी के इन सभी नेताओं ने एलजी के खिलाफ अपमानजनक और मानहानि करने वाले आरोप लगाए हैं।
बताना होगा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेताओं ने उपराज्यपाल पर खादी और ग्रामोद्योग आयोग का चेयरमैन रहते हुए भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए हैं। इसे लेकर आम आदमी पार्टी के विधायकों ने कुछ दिन पहले दिल्ली की विधानसभा में रात भर धरना भी दिया था।
एलजी के द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि आम आदमी पार्टी एक प्रेस रिलीज जारी करे और उसमें पार्टी के सभी नेताओं को इस बात का निर्देश दे कि वे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एलजी के खिलाफ झूठे, अपमानजनक और बेबुनियाद बयान ना दें। कहा गया है कि आम आदमी पार्टी के नेता नोटिस मिलने के 48 घंटे के भीतर इसका जवाब दें।
नोटिस में कहा गया है कि एलजी के खिलाफ उन्हें बदनाम करने का अभियान छेड़ा गया है, ऐसा उनकी छवि को खराब करने के लिए किया गया है और इसका मकसद आबकारी नीति के मामले में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर हुई सीबीआई की छापेमारी से ध्यान भटकाना है। नोटिस में आम आदमी पार्टी सरकार के कामकाज में हो रही कथित गड़बड़ियों को लेकर भी सवाल उठाया गया है।
नोटिस में कहा गया है कि सीवीसी ने अपनी जांच में स्कूलों में क्लासरूम बनाए जाने को लेकर भ्रष्टाचार होने की बात कही है। साथ ही दिल्ली की आबकारी नीति में नियमों का उल्लंघन होने और राजधानी में चल रहे कई बड़े प्रोजेक्ट्स के समय पर पूरा ना होने को लेकर भी सवाल उठाया गया है।
क्या है मामला?
आम आदमी पार्टी का कहना है कि जब देश नोटबंदी के दौरान लाइनों में लगा था तब उपराज्यपाल सक्सेना काले धन को सफेद बनाने में लगे थे और उस दौरान वह खादी और ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन के पद पर थे।
आम आदमी पार्टी ने कहा है कि आयोग के कैशियर संजीव कुमार और प्रदीप यादव ने बयान दिया है कि सक्सेना ने तबादले की धमकी देकर पुराने नोटों को नए नोटों में बदलवाया।
पार्टी विधायकों ने विधानसभा में इस मुद्दे पर कहा था कि सीबीआई ने इस मामले में मुकदमा भी दर्ज किया था लेकिन उपराज्यपाल के नाम को एफआईआर में शामिल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल के घर पर छापेमारी भी नहीं की गई और पूरे मामले को दबा दिया गया। जबकि दोनों कैशियर ने कहा है कि खादी विभाग के दो अधिकारियों अजय गुप्ता और एके गर्ग ने उन्हें डराया कि ये पैसा विनय सक्सेना का है।
ऑपरेशन लोटस पर घमासान
दूसरी ओर, बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच घमासान जारी है। आम आदमी पार्टी ने बीते कई दिनों में लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया है कि बीजेपी उसके विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है। आम आदमी पार्टी की ओर से कहा गया था कि उसके 4 विधायकों को 20-20 करोड़ रुपए का ऑफर दिया गया।
आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल्ली में बीजेपी का ऑपरेशन लोटस फेल हो गया है।
निशाने पर हैं सिसोदिया
बता दें कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के द्वारा लाई गई नई आबकारी नीति को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही मनीष सिसोदिया पर हमलावर हैं। इन दोनों दलों का कहना है कि सिसोदिया ने आबकारी नीति में भ्रष्टाचार कर करोड़ों रुपए कमाए हैं। लेकिन आम आदमी पार्टी का कहना है कि आबकारी नीति को लेकर कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हुई है और केंद्र सरकार दिल्ली सरकार के अच्छे कामों से परेशान होकर उसके रास्ते में रोड़ा बन रही है।