लश्कर की योजना कसाब को हिन्दू दिखाने की थी: पुलिस कमिश्नर
मुंबई 26/11 हमले का मक़सद भारत में तबाही मचाना तो था ही, उसे हिन्दू आतंकवाद के रूप में प्रचारित करना भी था। मुंबई के तत्कालीन पुलिस प्रमुख राकेश मारिया की आत्मकथा 'लेट मी से इट नाउ' से इसका खुलासा होता है।
उन्होंने इस पुस्तक में लिखा है कि यदि लश्कर-ए-तैयबा की योजना पूरी तरह कामयाब हुई होती तो पाकिस्तानी आतंकवादी अज़मल कसाब मारा गया होता और उसकी पहचान बंगलुरु निवासी समीर चौधरी के रूप में हुई होती। इससे कहा जाता कि हिन्दू आतंकवादियों ने इस हमले को अंजाम दिया।
याद दिला दें कि 26 नवंबर 2008 को समुद्र के रास्ते आए 9 आतंकवादियों ने मुंबई में कई जगहों पर हमले किए थे, जिसमें 72 लोग मारे गए। इसमें अज़मल कसाब पकड़ा गया, बाकी सारे आतंकवादी मारे गए। कसाब को 21 नवंबर, 2012 को फाँसी दे दी गई।
पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन ने कसाब को नकली पहचान पत्र बनवा कर दिया था, जिसमें नकली नाम और बेंगलुरु का फ़र्जी पता था। कसाब हमले के समय दाहिनी कलाई पर लाल रंग का धागा बाँधे हुए था, इसे हिन्दू धर्म में शुभ माना जाता है।
पीयूष गोयल ने उठाया सवाल
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राकेश मारिया पर सवालिया निशान लगाते हुए पूछा है कि उन्होंने यह जानकारी अब क्यों दी है, हमले के बाद ही क्यों नहीं दी। गोयल ने ट्वीट किया, 'पहली बात, राकेश मारिया अब ये बातें क्यों कह रहे हैं उन्हें इन बातों का खुलासा उसी समय करना चाहिए था जब वह पुलिस कमिश्नर थे। सर्विस रूल के मुताबिक़, किसी वरिष्ठ अफ़सर को कोई जानकारी मिले तो उसे उस पर कार्रवाई करनी चाहिए।'
#WATCH Union Minister Piyush Goyal speaks on reported excerpt from the Ex-Mumbai Police Commissioner Rakesh Maria's book that Kasab would have died as Samir Dinesh Chaudhari with 'red thread around his wrist' had LeT succeeded in their plan pic.twitter.com/cxNTIVVF5K
— ANI (@ANI) February 18, 2020
गोयल ने दावा किया कि कांग्रेस और यूपीए सरकार की चाल थी कि 'लोगों को हिन्दू आतंकवाद की झूठी बात पर गुमराह किया जाए।'
गोयल ने कहा, 'देश ने उन लोगों को 2014 और 2019 के चुनाव में माकूल जवाब दिया। आतंकवादी सिर्फ़ आतंकवादी है और हमारी सरकार हिन्दू आतंक के झूठे प्रचार की कांग्रेस की कोशिशों का कड़े शब्दों में निंदा करती है।'