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योगी सरकार के मंत्री बोले- कृष्ण का मंदिर मथुरा में नहीं तो क्या लाहौर में बनेगा?

योगी सरकार के मंत्री बोले- कृष्ण का मंदिर मथुरा में नहीं तो क्या लाहौर में बनेगा?

चुनाव से पहले मथुरा पर बीजेपी नेताओं की बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। ऐसा क्यों किया जा रहा है, इसे समझना मुश्किल नहीं है। 

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले मथुरा को लेकर बीजेपी नेताओं की बयानबाज़ी तेज़ होती जा रही है। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इस बयान के बाद कि मथुरा की तैयारी है, इस मामले में तमाम नेताओं के बयान आ गए हैं। 

ताज़ा बयान आया है योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी का। चौधरी ने कहा, “भगवान कृष्ण का भव्य मंदिर अगर मथुरा में नहीं बनेगा तो क्या लाहौर, रावलपिंडी में बनेगा।” उन्होंने कहा कि मथुरा में भगवान कृष्ण का मंदिर बनना ही चाहिए। 

उन्होंने कहा कि सही समय पर जैसे अयोध्या में राम मंदिर का काम प्रारम्भ हुआ, वैसे ही मथुरा में भी कृष्ण मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होगा। 

योगी सरकार के मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने मंगलवार को कहा था, “अयोध्या हमारी हो गयी है, काशी विश्वनाथ ने भव्य स्वरूप ले लिया है, मथुरा भी हमारी ही होगी। वहां का पूरा परिसर कृष्ण का ही है, वहां भी भव्य मंदिर ही बनेगा और दुनिया की कोई ताक़त इसे रोक नहीं पाएगी।”

हिंदू संगठनों का दावा है कि मुगल शासक औरंगजेब ने 1669 में मंदिर को तुड़वा दिया था और इसके एक हिस्से में मसजिद का निर्माण कराया था। 

इससे पहले बाबरी मसजिद ध्वंस की बरसी पर कुछ हिंदू संगठनों ने मथुरा कूच का एलान किया था लेकिन पुलिस की कड़ी सुरक्षा की वजह से कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। 

निश्चित रूप से बीजेपी के नेताओं ने अपने बयानों से मथुरा के मुद्दे को गर्माना शुरू कर दिया है और चुनाव से पहले इस तरह के बयानों का सिलसिला और तेज़ हो सकता है। 

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